मैनपुर शिक्षाकर्मी भर्ती में फर्जीवाड़ा, 129 पर कार्रवाई की तैयारी
फर्जी शिक्षाकर्मियों को बचाने चल रहा है गुणा भाग का खेल
मैनपुर। मैनपुर विकासखण्ड के बहुचर्चित फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। जिला पंचायत गरियाबंद मुख्यकार्यपालन अधिकारी ने वर्ष 2005 से 2007 के बीच भर्ती हू। 129 शिक्षाकर्मियों की भर्ती निरस्त करने मैनपुर जनपद पंचायत की सामान्य प्रशासन स्थाई समिति की विशेष बैठक आयोजित करने के निर्देशे दिये थे। जनपद पंचायत मैनपुर में 22 जुलाई सोमवार को सामान्य सभा की बैठक में 8 सदस्य शामिल हंू। जहां 7 सदस्यों ने मानवीय आधार पर शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त न कर यथावत रखने के पक्ष में थे तो वही। जनपद सदस्य गोपबंधु पटेल ने शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने के पक्ष में थे बहरहाल सामान्य प्रशासन की बैठक में लिए गये निर्णय से जिला पंचायत सीईओ को अवगत कराये जाने की जानकारी मिली है। उलेखनीय है कि 2005 से 2007 के बीच भर्ती में किस कदर भराशाही की गई यह जानकर सभी आश्चर्य चकित रह जायेंगे।
फर्जी दिव्यांगता का प्रमाण पत्र, फर्जी न सीसी का प्रमाण पत्र, स्काउड गाइड प्रमाण पत्र, खेलकुद सें संबधित फर्जी प्रमाण पत्र कई तरह से फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर अपात्र लोगों की नियुक्ति की गई है। इस मामले में बिते कई सालों से चल रही जांच निष्कर्ष आने के बाद जिला ंपंचायत सीईओ ने एक बेहद गंभीर पत्र मैनपुर जनपद पंचायत को लिखा जिसमें उन्होंने मामले को लेकर अब तक हुई जांच में जो तथ्य सामने आये है उन्हे शामिल किया है। 129 फर्जी रूप से भर्ती हूए शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की सूची भी सौंपी गई है जिन पर कार्रवाई की तैयारी है भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत की जांच करते समय जांच अधिकारियों के होश उस वक्त उड़ गये। जब 2005 से 2007 तक भर्ती हूए शिक्षाकर्मियों के दस्तावेज खंगाले गये 356 शिक्षाकर्मियों में 129 के प्रमाण पत्र फर्जी मिलें। 129 शिक्षाकर्मियों की नियुक्तियों को निरस्त करने के निर्देश के बाद जनपद पंचायत मैनपुर में 8 सदस्यों ने बैठक में अपनी उपस्थिति दी जिसमें 7 सदस्यों ने कहा कि मानवीय आधार पर इन शिक्षाकर्मियों को यथावत रखा जाये। वहीं एक जनपद सदस्य इसके लिए सहमत नहीं थे। बैठक के बाद मामले को लेकर तरह तरह की चर्चाये क्षेत्र मेंं चल रही है तो वहीं इन सारे प्रकरणों के बीच कुछ बाते समझ से परे है। जांच रिर्पोट में 129 लोगों का प्रमाण पत्र जब सिधे तौर पर फर्जी पाया गया है। जनपद पंचायत के साथ धोखाधड़ी हुई है और योग्य पात्र लोग नौकरी से वंचित हो गये।
- जनपद पंचायत में कई फाईलें कुछ वर्ष हूए थे आग के हवाले
जनपद पंचायत मैनपुर में अज्ञात कारणों के चलते कुछ वर्ष पहले आग लगने की घटना हुई थी जो लोगों के बीच आज भी चर्चा का विषय है। जनपद पंचायत में किसने आग लगाई, किस तरह इस मामले की जांच किया गया, शिक्षाकर्मी मामले की फाईल कुछ जल जाने के बाद उस समय कही गई थी आग कैसे लगी, यह पुरा मामला आज भी क्षेत्र के लोगो ंके लिए रहस्य बनकर रह गई है और आगजनी की घटना को फर्जी शिक्षाकर्मी की मामले को जोडकर देखा जा रहा है। इन सब के बीच चैकाने वाला तथ्य भी सामने आया है कि 354 लोगों की जांच रिर्पोट के बीच लगभग 50 से अधिक शिक्षाकर्मी भी है जिनका प्रमाण पत्र संबधित संस्थाओं में जांच के लिए भेजे गये जिसका रिर्पोट आज तक संबधित प्रमाण पत्र प्रदान करने वाले संस्थाओं ने नहीं दिया है जिसे लेकर भी तरह तरह से सवाल क्षेत्र में उठ रहे हैं।
मामले को लेकर कांगे्रस ने आदोलन कर दिया गिरफ्तारी
जनपद पंचायत मैनपुर द्वारा वर्ष 2005 से 2007 तक हुई फर्जी शिक्षकर्मी वर्ग 3 मामले को लेकर जिला कांगे्रस कमेटी गरियाबंद के तत्कालीन अध्यक्ष बाबूलाल साहू के नेतृत्व में 29 मार्च 2016 को सैकड़ों कांगे्रस कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर जनपद कार्यालय का घेराव किया था। इस दौरान कांगे्रसियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई थी। 23 कांगे्रस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। इस आंदोलन में कांगे्रस नेताओं व कार्यकताओं के साथ क्षेत्र के बरोजगार संघ के सैकड़ों कार्यकर्ता भी शामिल हूए थे और फर्जी शिक्षाकर्मी मामले को लेकर शहर कांगे्रस ब्लाक कांगे्रस व जिला कांगे्रस द्वारा उस समय कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपे थे। मामले से प्रदेश कांगे्रस के तत्कालीन अध्यक्ष भुपेश बघेल को अवगत कराते हूए फर्जी शिक्षाकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की गई थी।
- क्या कहते है क्षेत्र के विधायक
बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा कि जनपद पंचायत मैनपुर में शिक्षाकर्मी भर्ती मामले में जांच के बाद जो उचित कार्रवाई शासन स्तर पर होना है जल्द होना चाहिए।
- जनपद पंचायत मैनपुर के सीईओ रविराज ठाकुर ने बताया जिला पंचायत द्वारा वर्ष 2005 से 2007 के बीच हूए 129 शिक्षाकर्मियों की भर्ती निरस्त करने विशेष बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये थे। सोमवार 22 जुलाई को सामान्य सभा की बैठक आयोजित किया गया था। बैठक की कार्रवाई जिला पंचायत गरियाबंद कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है।