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November 23, 2024

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गेंदा फुल की खेती ने आदिवासी युवक के जीवन में बिखेरा खुशबू, 10 हजार रूपये से किया शुरुआत

  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • गरियाबंद जिले के ग्राम दर्रीपारा के युवा किसान विष्णु नेताम इसके पहले गाजर, कलिंदर और सब्जी की उन्नत खेती कर चुका है
  • कृषि विभाग और शासन से अब तक नहीं मिला सहयोग

गरियाबंद। आज के अधिकांश युवा जंहा एक ओर खेती किसानी से दुर होते जा रहे हैं, वही गरियाबंद जिले के तहसील मुख्यालय मैनपुर से 36 किलोमीटर दुर दर्रीपारा के एक आदिवासी युवक ने खेती को अपना जीवन यापन का आधार मानकर जी तोड मेहनतकर फूलों की खेती कर गरियाबंद ब्लॉक ग्राम दर्रीपारा निवासी विष्णु नेताम आठवीं तक पढ़ाई किया है। उन्होंने अपने घर के तीन एकड खेती में अपना जीवन संवारने का संकल्प लिया, पिछले तीन चार वर्षो से विष्णु नेताम अपने खेत के आधा से एक एकड खेती में विभिन्न प्रकार के सब्जी, जिसमें कलिंदर, गाजर, मूली, खीरा, लौकी, कददू की उन्नत और सफल खेती करके दिखाया है। पहली बार उन्होने अपने आधा एकड खेत में गेंदा फुल की खेती किया है जिसमें अब तक उन्होने 04 क्विंटल गेंदा फुल प्रति किलो 40 रूपये के दर से बिक्री कर चुका है, विष्णु नेताम ने बताया कि इस आधे एकड खेती मे लगभग 10 से 12 क्विंटल गेंदा फुल की फसल उत्पादन होगी। गेंदा फूल के पौधे को उन्होंने कलकत्ता से मंगवाया 10 हजार पौैधे मंगवाया था लेकिन उसमें 25 प्रतिशत पौधे खराब हो गये और 75 प्रतिशत पौधे से अब फुल आ चुका है।

युवा किसान विष्णु नेताम ने बताया कि उनके इच्छा तो पुरे तीन एकड में गेंदा फुल की खेती करने की थी पर प्रर्याप्त पानी और पौधे तथा पैसे की कमी से उन्होंने आधा एकड में ही गेंदा फुल की फसल लिया है। आज कृषि विभाग तथा जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मेहनती युवक जो अपने खेती किसानी से जुडकर एक मिशाल पेश कर रहे हैं। इन्हे प्रोत्साहित करने शासकीय येाजनाओ का लाभ दिया जाये तो निश्चित रूप से आज के युवा खेती किसानी के तरफ अपना कदम बढा़येंगे ।

युवा किसान विष्णु नेताम कहते है कि पहली बार फुल तोंडकर बेचने से ही उनकी लागत निकल गई थी और अब वे काफी उत्साहित है क्योकि अब जो उत्पादन हो रहा है। वह उसके मेहनत का परिणाम है और अच्छा आमदनी होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि गेंदा फुल की खेती में बाकी फसलों के मुकाबले अपेक्षाकृत कम लागत आती है। यही नहीं कि यह ऐसा फसल है जो आपको रोजाना कमाई देती है। गरियाबंद जिले में लोगो को फुल की बहुत जरूरत है। अब धीरे धीरे लोगो को दर्रीपारा में गेंदा फुल खेती की जानकारी लगने पर हार माला बनाने वाले लोग उनसे सम्पर्क करने लगे हैं।