Recent Posts

December 25, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

जिले के माटीपुत्र कीर्ति चक्र से सम्मानित शहीद भृगु नंदन चौधरी को शहादत दिवस पर किया गया याद

  • न्यूज रिपोर्टर रामकृष्ण ध्रुव

गरियाबंद – सढौली के माटीपुत्र शहीद भृगुनंदन चौधरी का आज शहादत दिवस है। इस अवसर पर उनके गृहग्राम में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिला कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर, एसपी पारुल माथुर, जिला पंचायत सीईओ, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, एसडीओपी सजंय ध्रुव सहित सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट रविन्द्र सिंह चौधरी ने अपने साथियों के साथ कार्यक्रम में शामिल होकर शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान ग्रामीण भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। कीर्ति चक्र से सम्मानित भृगुनंदन चौधरी 8 सितंबर 2012 को बिहार के गया में नक्सलियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे।

कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने जिला प्रशासन की और से नमन करते हुए कहा कि साढौली की मिट्टी में कुछ खास है। गांव के 70 युवा सेना में अपनी सेवा में दे रहे है यह गरियाबंद जिले के लिए गर्व की बात है। उन्होंने शहीद भृगुनंदन चौधरी के अदम्य साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि निश्चित ही वे बहादुर थे। उन्होंने साढौली के ग्रामीणों को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया।

कार्यक्रम में शामिल एसपी पारुल माथुर ने साढौली गांव को जिले के लिए मिशाल बताया। उन्होंने कहा कि यहां के युवा बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होकर देश सेवा में लगे है। उन्होंने युवाओं के साथ साथ लड़कियों को भी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होने की सलाह दी।

डिप्टी कमांडेंट रविन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि भृगुनंदन चौधरी एक जाबांज यौद्धा थे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जिस घटना में भृगुनंदन चौधरी शहीद हुए थे उसमे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में नक्सलियों का मुकाबला किया था। उन्होंने घायल होने के बाद भी 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा था। उनके आदम्य साहस के कारण ही उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। इस दौरान डिप्टी कमांडेंट ने स्कूल के शिक्षकों को भृगुनंदन चौधरी जैसे रियल हीरो के बारे में जानकारी देने का आग्रह करते हुए सेना की तरफ से शहीद की माता सुशीला देवी को विशेष उपहार से सम्मानित किया। जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल ने भी भृगुनंदन चौधरी के जीवन को लोगो के लिए प्रेरणास्रोत बताया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *