सोनभद्र में जमीन विवाद में 9 लोगों की सामूहिक हत्या
1 min readकिसी को मौका नहीं दिया, ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं
सोनभद्र (उप्र)। सोनभद्र जिले के उधा गांव में जमीन विवाद में नौ लोगों की हत्या के बाद इलाके में मातम छा गई है. इस दुस्साहसिक वारदात के बाद मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की नजर है. उधा गांव में जमीन पर कब्जा करने गये ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके दबंग साथियों की गोलियों का निशाना बने निहत्थे ग्रामीणों के घरों में मातम का माहौल है और बीच-बीच में हो रहा विलाप और करुण क्रंदन उस लम्बी ंिखचती खामोशी को तोड़ रहा है। मरने वालों के घरों में हर किसी की जबान पर एक ही सवाल है हमारी क्या गलती है? अपने सामने नौ लोगों के शव बिछते देखने वाले अशोक गोंड बदहवास हालत में अस्पताल में भर्ती हैं।
गोली लगने से हुए जख्म की तरफ इशारा करते हुए वह कहते हैं कि हम अपने खेत में थे। तभी ग्राम प्रधान 30-35 ट्रैक्टर-ट्रॉली पर अपने 150 दबंग साथियों को लेकर हमारी जमीन कब्जाने आये। ज्यादातर के हाथ में हथियार था। उन्होंने किसी को मौका नहीं दिया, ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं और लाशें बिछने लगीं। उन्होंने कहा कि किस्मत से वह तो बच गये लेकिन उन लोगों के घरवालों का क्या, जिनकी जान चली गयी। सोनभद्र जिले के घोरावल थाना क्षेत्र के उधा गांव में दो साल पहले ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने एक आईएएस अधिकारी से 90 बीघा जमीन खरीदी थी। उस पर कब्जे का विवाद था। यज्ञदत्त आज जमीन पर कब्जे के लिये 10—12 ट्रैक्टरों से अपने साथियों को लेकर पहुंचा। ट्रैक्टर से जमीन जोतने के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। इस पर ग्राम प्रधान पक्ष के लोगों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं।
उन्होंने बताया कि इस वारदात में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गयी जबकि 19 अन्य जख्मी हो गये। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बतायी जाती है। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से स्तब्ध तेरवा देवी (50) को भी कभी गुमान नहीं था कि उनकी ंिजदगी में ऐसा दिन भी आयेगा। गोली लगने से जख्मी हुई अस्पताल में भर्ती तेरवा देवी ने कहा कि जमीन हमारी है, मगर ग्राम प्रधान ने धोखा करके अपने नाम लिखवा ली है। वह पहले भी जमीन पर कब्जा करना चाहता था, मगर नहीं कर सका। लगता है कि आज वह इसी इरादे से आया था कि जो भी रास्ते में आयेगा उसे मार डालेगा। तेरवा देवी ने कहा कि हमारी गलती क्या है? हम गरीब हैं और अपनी ही जमीन पर खेती करके खा—कमा रहे हैं। वारदात में मारे गये रामचन्दर (50), राजेश गौड़ (28), अशोक (30), रामधारी (60), राम सुन्दर (50), जवाहिर (48), दुर्गावती (42) और सुखवंती (40) समेत सभी नौ लोगों के घरों में मातम पसरा है। हर किसी के जहन में सवाल है कि आखिर हत्यारों को उनके अंजाम पर कब पहुंचाया जाएगा।