मेडिकल कॉलेज खुद बीमार, आईसीयू में पंखा लेकर जाइए
अस्पताल की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ रही
बलांगीर। बलांगीर जिला का मुख्य अस्पताल विगत दो वर्ष से भीमभोई मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में स्थानांतरित हो चुका है। इस कारण सरकार इसकी बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने सहित इससे जुड़े उपकरण को आपूर्त्ति करवाया है। अस्पताल में मरीजों की संख्या भी भारी मात्रा में बढ़ी है, लेकिन इस अस्पताल में अभी भी अव्यवस्थाओं आलम है। आईसीयू में मरीजों के परिजन हाथ से पंखा हिलाकर गर्मी से राहत दे रहे हैं। मुख्यत: अस्पताल की सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ रही है। इसी क्रम में अस्पताल की आईसीयू में अधिक अव्यवस्था देखी जा रही है।
जिला मुख्य अस्तपला मेडिकल अस्पताल में परिणत होने के बाद आईसीयू में बिस्तरों की संख्या 16 से अधिक किया गया है। यहांं नाजुक हालात वाले मरीजोंं का इलाज किया जा रहा है, लेकिन दुख की बात यह है कि आईसीयू जैसे अहम विभाग के कमरे में एसी मशीन काम नहीं कर रहा है। मेडिसिन विभाग के मरीजों के लिए आवश्यक आईसीयू कमरे में 3 एसी लगाया गया है, लेकिन उसमें से केवल एक ही एसी चल रहा है। हमारे प्रतिनिधि करीब 12।30 बजे मरीज को लेकर अस्पताल गये थे। तभी इस समस्या को देखा। कमरे में एसी ना चलने के कारण एक मरीज का रिश्तेदार हाथ पंखा से हवा कर रहा था। मरीज के रिश्तेदारों ने कई बार इस समस्या के बारे में आईसीयू कर्मचारी से निवेदन भी किया था, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि अस्पताल में अनेक एसी है जो बंद पड़ा हुआ है। यहांतक कि आईसीयू के स्टाफ नर्स एवं अन्य कर्मचारियों के कमरे का एसी भी बंंद पड़ा हुआ है। इस सच्चाई को जानने के लिए स्टाफ नर्स के कमरे में जाकर जांच किया। महीनों से वह बंद पड़ा हुआ है। इसी प्रकार आईसीयू जैसे अहम वार्ड का सफाई व्यवस्था भी बदहाल पड़ा हुआ है। आईसीयू वार्ड में घुसते समय कचरा का ढेर नजर आता है। यह आज का नहीं इस वार्ड की जितनी भी गंदगी है उसे लाकर आईसीयू के सामने फेंका जा रहा है। ववह कचरा सड़कर बदबू फैल रहा है। आईसीयू में जाना हो तो नाक बंद कर के ही जाना पड़ता है। इस प्रकार के संवेदनशील वार्ड के सामने हो रही अव्यवस्था को लेकर अस्पताल सुपरिटेंडेंट से पूछने पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ। नारायण आचार्य ने कहा कि मेरे कागजातों मेंं तो दिखाया गया है कि अस्पताल की एसी चल रही है। परंतु कचरा फेंके जाने के बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।