तबियत ठीक न होने के कारण माँ बेटी ने की आत्महत्या की कोशिस माँ की मौत बेटी अस्पताल में जूझ रही ज़िंदगी और मौत से
1 min readबिलासपुर से प्रकाश झा
बिलासपुर: सरकंडा सोनगंगा कॉलोनी में किराये के मकान में रहने वाली मां-बेटी ने शनिवार को जहर खा लिया। और अपने कुत्ते को भी चूहामार दवाई दे दिया। इससे मां की मौत हो गई। बेटी को सिम्स में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने दो सुसाइड नोट बरामद किया है, एक में खुदकुशी के कारण है। दूसरी चिट्ठी मकान मालिक के नाम पर है जिसमें किराए के मकान का हिसाब किताब है।
सरकंडा क्षेत्र के सोनगंगा कॉलोनी, बी-15 संजय चक्रवर्ती का मकान है। जहां साल 2015 से 60 वर्षीय सकुन वर्मा पति स्व हरीशचंद्र वर्मा अपनी बेटी श्वेता 45वर्ष व बेटे सचिन के साथ रहती थीं। पति एसईसीएल के रिटायर्ड कर्मचारी थे। डेढ़ साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। सचिन बाहर रहता है। पति के पेंशन से घर का खर्च का खर्च चलता था। मकान के ऊपरी हिस्से का मरम्मत चल रहा है। शनिवार की सुबह से सकुन का पालतू कुत्ता बाहर काफी समय से भौंक रहा था पर भीतर से कोई बाहर नहीं निकल रहा था। मजदूरों को संदेह हुआ, तो ठेकेदार को बताया। ठेकेदार दरवाजे पर आकर आवाज दिया पर कोई जवाब नहीं मिला। अंदर भी हलचल नहीं थी। उसने मकान मालिक को फोन किया। मकान मालिक ने सकुन के मोबाइल पर कॉल किया पर रिसीव नहीं हुआ। उन्हें किसी गड़बड़ी का अंदेशा हुआ और 108 को बुलाया। एंबुलेंस पहुंची तो मजदूरों ने मिलकर दरवाजा खोला। भीतर कमरे में सकुन और श्वेता चित पड़ थे। सकुन के शरीर पर हलचल नहीं था। श्वेता की सांसे चल रही थी। दोनों को तत्काल सिम्स लाया गया। यहां डॉक्टरों ने सकुन को मृत घोषित कर दिया। श्वेता की हालत गंभीर होने के कारण भर्ती कर लिया गया।
घटना की सूचना मिलते ही सरकंडा पुलिस एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंची। जांच में सकुन व श्वेता के कमरे के भीतर से चूहा मारने वाला रोटेल नाम का पेस्ट का रेपर मिला। कमरे में स्टील का कप था। इसमें चूहामार घुला था। पास दो अलग-अलग पन्नों में सुसाइट नोट लिखे पड़े थे। दोनों को ही श्वेता ने लिखा था। पुलिस मामले की जांच कर रही है, मृतका की बेटी श्वेता की हालत नाजुक है, इसलिए उसका बयान नहीं हो सका है।
सुसाइड नोट में लिखा है यह बात
जीभ में किसी तरह का स्वाद महसूस न होना, गले में खराश बने रहना तथा अत्यधिक मात्रा में चक्कर आना, स्वास्थ्य संबंधी अपनी इन्हीं समस्याओं से हम जिंदगी से पूरी तरह निराश और हताश हो चुके हैं। अत: हम कीटनाशक का सेवन कर अपनी जीवनलीला को समाप्त कर रहे हैं, सके लिए हम स्वयं जिम्मेदार हैं। इसके लिए किसी को भी दोषी न ठहराया जाए। यदि हम इस कीटनाशक दवा के सेवन से नहीं मरते हैं तब भी हमें बचाने का प्रयास न किया जाए, क्योंकि हमारी जीने की इच्छा शक्ति खत्म हो चुकी है।
हम अपने डॉगी को भी जहर देकर उसकी जीवन लीला समाप्त कर रहे हैं, क्योंकि वह भी कई महीनों से स्वास्थ्य खराबी से जूझ रहा है। अत: हमारे बाद उसकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं होगा। हमारे मकान मालिक संजय चक्रवर्ती हैं, जिनके साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं किन्तु हमारे इस तरह से उठाए हुए कदम से उन्हें कुछ परेशानी हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपना मकान जल्दी से जल्दी तैयार करवाना है। अत: हमारा विनम्र निवेदन हैं कि उन्हें किसी तरह से परेशान न किया जाए। वे पूरी तरह से निर्दोष हैं।