माईस टूरिज्म के रूप में जाना जाएगा छत्तीसगढ़ का सतरेंगा
1 min readपूरे विश्व में तेजी से बढ़ रहा है माईस टूरिज्म का क्षेत्र
माईस टूरिज्म का मतलब है बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी
सतरेंगा को माईस टूरिज्म के रूप में विकसित करने राज्य सरकार का विशेष प्रयास
कैबिनेट की बैठक 29 फरवरी को सतरेंगा में
रायपुर, 25 फरवरी 2020/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोरबा जिले के हसदेव बांगो जलाशय में जल पर्यटन की असीम संभावना को देखते हुए जलाशय के सतरेंगा, बुका एवं गोल्डन आईलैण्ड को बेहतरीन जल पर्यटन के रूप में माईस टूरिज्म के माध्यम से विकसित करने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। इस क्षेत्र में माईस टूरिज्म को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक 29 फरवरी को दोपहर एक बजे से कोरबा जिले के सतरेंगा में आयोजित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन में माईस टूरिज्म अर्थात् मीटिंग्स, इंसेंटिव, कांफ्रेंस और एग्जिबिशन की अवधारणा पर पहली बार केबिनेट की बैठक हसदेव बांगो जलाशय के सतरेंगा में जल सौंदर्य के बीच आयोजित करने का उद्देश्य सतरेंगा को पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाना है।
राज्य सरकार के इस प्रयास से यहां माईस टूरिज्म का प्रचलन छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा, वहीं पर्यटकों के साथ-साथ राज्य के निजी उद्योग एवं व्यवसायिक क्षेत्र की निजी कंपनियां भी अपनी बैठक माईस टूरिज्म की अवधारणा पर यहां आयोजित कर सकेंगे। छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए यह महत्वपूर्ण प्रयास मील का पत्थर साबित होगा।
राज्य सरकार के इस प्रयास से सतरेंगा क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हो रहे है। वर्तमान में पावर बोर्ड संचालन करने के लिए यहां के 11 स्थानीय निवासियों को भारतीय नौसेना की पंजीकृत एजेंसी भोपाल से प्रशिक्षण दिलाकर इनके रोजगार के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति बनाकर उनसे बोट का संचालन कार्य करवाया जा रहा है। इसके अलावा कोरबा जिले के होटल मैंनेजमेंट के 10 छात्रों से छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा सतेरंगा में संचालित किए जाने वाले कार्टेजेस का प्रबंधन कराए जाने का निर्णय लिया गया है। सतरेंगा में जल पर्यटन को बढ़ावा देने से यहां के स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए-नए अवसर प्राप्त हो रहे है। वहीं राज्य के लघु एवं कुटीर उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।