मंडलवाद व सामाजिक न्याय की विचारधारा से कोई समझौता सम्भव नहीं- लौटनराम निषाद
1 min read- “नई शिक्षा नीति,निजीकरण, नई संविदा भर्ती नियम ओबीसी,एससी को आरक्षण, प्रतिनिधित्व से वंचित करने की संघीय साज़िश”
- लखनऊ,18 सितम्बर,2020
भाजपा व आरएसएस पिछड़े-दलितवर्ग के आरक्षण को निष्प्रभावी करने के षडयंत्र करने में जुटा हुआ है।न्यायालय का सहारा लेकर भाजपा सरकार संघ के इशारे पर ओबीसी,एससी आरक्षण का उपवर्गीकरण कराकर जातीय नफरत पैदा करना चाहती है।नई शिक्षा नीति,निजीकरण, नई संविदा भर्ती योजना ओबीसी,एससी को आरक्षण, प्रतिनिधित्व व संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने की संघीय साज़िश है।मलिहाबाद विधानसभा क्षेत्र के मवई कलां गाँव में आयोजित स्वागत समारोह में लौटनराम निषाद को पेरियार ईवी रामास्वामी नायकर व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की प्रतिमा भेंटकर सम्मानित किया गया।समारोह को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष चौ.लौटनराम निषाद ने कहा कि 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा व संघ को साज़िश में सफल होने नहीं दिया जाएगा।
भाजपा यादव बनाम गैर यादव पिछडावर्ग व जाटव बनाम गैर जाटव के मध्य नफरत फैलाने की कवायद में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि सपाई था,सपाई हूँ और सपाई ही रहूँगा।मेरा विश्वास काम करने में है,मेरे लिए पद कोई मायने नहीं रखता।कोई ऐसा कदम लौटनराम निषाद नहीं उठाएगा,जिससे मण्डलवाद व सामाजिक न्याय की जड़ें कमजोर हों और भाजपा राजनीतिक लाभ उठाए।
निषाद ने कहा कि मिशन-2022 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा सरकार बनाने के लिए जी जान से जुटकर पिछडों,दलितों को जोड़ने जगाने के काम में जुटेंगे।भाजपा सरकार संविधान, लोकतंत्र व आरक्षण को खत्म करने की साज़िश कर रही है।संवैधानिक संस्थाओं को भाजपा कुंद कर रही है।कमण्डल के विरुद्ध मण्डल की राजनीति को तेज किया जाएगा।उन्होंने कहा कि मंडलवाद व सामाजिक न्याय की विचारधारा से कोई भी समझौता सम्भव नहीं है।पौराणिक देवी-देवताओं,काल्पनिक पात्रों में मेरी कोई आस्था नहीं है।कहा,डॉ. मबेडकर,पेरियार, ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहू जी महाराज,बीपी मण्डल,रामचरण निषाद, कर्पूरी ठाकुर,बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा के पदचिन्हों पर चलकर ही संविधान, लोकतंत्र का संरक्षण सम्भव है।
निषाद ने ओबीसी ,एससी उपवर्गीकरण को आरएसएस की फिरकापरस्त साज़िश बताते हुए कहा कि मण्डल विरोधी भाजपा पिछडों,दलितों व वंचितों की हितैषी नहीं हो सकती।सेन्सस-2021 में जातीय जनगणना कराने,ओबीसी,एससी को जनसंख्या अनुपात में हर स्तर पर आरक्षण कोटा दिलाने,ओबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में दर्ज कराने,उच्च व केन्द्रीय शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थानों, केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में समानुपातिक आरक्षण कोटा देने,ओबीसी,एससी का बैकलॉग भरने,उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों के मनोनयन की कॉलेजियम सिस्टम को खत्म कर भारतीय न्यायिक सेवा आयोग से करने की मांग को मजबूती से उठाकर संघर्ष किया जाएगा।कॉलेजियम को विश्व की अनोखी परम्परा बताते हुए कहा कि इससे जातिवाद, भाई-भतीजावाद को खुला बढ़ावा दिया जाता है।कॉलेजियम सिस्टम असंवैधानिक व नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है।शत्रोहन लाल मौर्य की अध्यक्षता व मनोज यादव के संयोजकत्व में आयोजित कार्यक्रम को मोहम्मद एहसान पूर्व प्रधान,राजेश यादव प्रधान,सीएल वर्मा,राजेन्द्र लोधी,ज्ञान सिंह यादव,आरडी रावत निर्मोही आदि ने भी सम्बोधित किया।