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October 18, 2024

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छत्तीसगढ़ निर्माण के 19 वर्षों बाद भी रत्नांचल के 50 से ज्यादा गांव में बिजली नहीं

No electricity in more than 50 villages of Ratnachal

रात के अंधेरे दूर करने और दो लीटर मिटटी तेल के लिए मिलों पैदल दूरी तय करते हैं ग्रामीण
मैनपुर। आज दुनिया चांद पर आशियाना बनाने की तैयारी कर रहा है। भारत डिजिटलाईजेशन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन आजादी के 71 वर्षों पश्चात गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के 50 से ज्यादा पारा, टोला,गांव में बिजली नहीं लग पायी है, जहां एक तरफ सरकार डिजिटलाईजेशन के साहारे से कैशलेश भारत बना रही है। यहां के लोग मोबाईल उपयोग करते होंगे के नहीं, इस चिज के लिए कुछ वर्ष पहले राजधानी से सर्वे टीम उस क्षेत्र में गई थी, तो देखा की कुछ ग्रामों मे ग्रामीण मोबाईल का उपयोग करते है फिर ग्रामीणों से पूछा गया की बिना बिजली के मोबाईल कैसे चार्ज करते हैं। इस पर बताया गया कि ग्रामीण अपने पैसों से मोबाईल चार्ज करने के लिए सोलर प्लेट अपने घरों मे लगाया है उसी से मोबाईल चार्ज किया जाता है। टीम के सदस्यों ने पूछा था की छात्र रात्रि मे पढ़ाई कैसे करते हैं, क्योंकि पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिंया इस पर ग्रामीणों ने आर्श्चयचकित करने वाला जवाब दिया।

No electricity in more than 50 villages of Ratnachal bijli

ग्रामीणों ने बताया यहां के बच्चे व छात्र रात्रि में डिबीया में मिटटी तेल डालकर उसे जलाकर पड़ते है। ग्रामीणों ने सर्वे टीम को बताया था की कई बार बिजली की मांग को लेकर आवेदन निवेदन कर चुके है लेकिन अब तक बिजली इन ग्रामों मे नहीं पहुंच पाई है। हांलाकि सरकार ने  इन ग्रामों मे सौर उर्जा प्लेट लगाया है, लेकिन वह रात भर साथ नही देता शाम को सुयर्यास्त के बाद चालू होती है और महज कुछ घंटे बाद रात 9 बजे बंद हो जाती है कई गांव मे तो सौर उर्जा प्लेट बैटरी खराब होने से इसका लाभ भी नही मिल पा रहा है, जबकि कई सरकार ने गाव तक बिजली पहुचाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित किया। कभी राजीव गांधी विद्युतकीरण कभी पंडित दीनदयाल जीवन ज्योती योजना प्रारंभ किया गया, बावजूद इसके मैनपुर विकासखण्ड के 50 से ज्यादां गांव  पारा टोला मे इन योजनाओ का लाभ तो दुर बिजली पहुंचाने मानो कोई प्रयास ही नहीं किया गया हो।

  • इन ग्रामों में नहीं हैं बिजली

मिली जानकारी के अनुसार मैनपुर आदिवासी विकासखंड क्षेत्र के  जांगडा, जुगांड, तौरेंगा, बरगांव, कुरूभाठा साहेबिनकछार, नागेश, करलाझर, पायलीखंण्ड , अमाड, कोदोमाली,  नवापारा, कमारपारा, रक्शापथरा, ढोलसरई,, भुतबेड़ा, भीमाटीकरा, बाहरापारा, मोतीपानी, मोंगराडीह, भालुपानी, कुचेंगा, भाठापानी, गांजीमुड़ा, महुआनाला, गरीबा, ईचरादी, टांगापानी, कोकड़ी, डुमरबुड़रा, छिन्दभर्री, चिपरी, नगबेल, बरगांव, टंगराज, गरहाडीह, कांदाखोदरा, खरताबेड़ा, डोगरीपारा, धोबनडीह, नदीपारा, बोईरडीह, घोटियाभर्री, गौरगांव, धवईभर्री, गेंदराबेड़ा, लाटापारा, कछारपारा, झोलाराव,, देवझरअमली, कुमकोट, डूमरपडाव, ताराझर, डडईपानी, मटाल, भालूकोना,  डुुमरघाट, सहित 50 से ज्यादा गांवों पारा टोला मे ंआज तक बिजली नहीं लग पाई हैं, जिसके कारण यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं, इस क्षेत्र के ग्रामीणों ने बिजली लगाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन चक्काजाम कर चुके हैं।

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