ओड़िशा के देशी मछलियों से बनेगा पौष्टिक खाना
ओड़िया उद्योगियों ने कोचिन मत्स्य शौध केंद्र का दौरा किया
कटक। ओड़िशा के लोकप्रिय पौष्टिक मछलियों की उत्पादन कर उससे गुणवतावाली खाना तैयार करने की एक विशष कार्यक्रम शुरु किया जारहा है। खास करके ओड़िशा में मिठे पानी की मछलियों की अधिक मांग को नजर में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मत्स्य शौध संस्थान वार्ल्डडफिस की ओर से यह विशेष कार्यक्रम शुरु किया गया हैं। मलेशिआ के यह संस्थान राज्य सरकार के साथ पौष्टिक व गुणवता वाली मछली की खेती एवं उसके सामग्री उत्पादन के लिए पांच साल वाली एक समझौता हस्ताक्षर किया हैं। कटक में रहने वाले मत्स्य निर्देशालय में वार्ल्डडफिस संगठन की ओर से यह कार्यक्रम शुरु किया जाने के साथ हाली ही में ओड़िशा के उद्योगों ने कोचिन जाकर भारत सरकार के केंद्रीय मत्स्य शौध संस्थान का दौरा की हैं।
मछली से विभिन्न प्रकार के गुणवता वाली खाना तैयार करने की तरिका व उसके प्रसार के संपर्क में प्रशिक्षण लेने के साथ संस्थान के विभिन्न तकनिकी विभागों का दौरा किया। वार्ल्डडफिस संगठन के प्रकल्प प्रबंधक डॉ. बैष्णव चरण रथ, रुची उद्योग का संचालन निदेशक डॉ. शरत कुमार साहू व फालकन मेराईन एक्सपोर्ट के विक्रय प्रबंधक स्वदेशी षड़ंगी कोचिन दौरा करने के साथ केंद्रीय मत्स्य संस्थान के निदेशक डॉ। सी रविशंकर के साथ संपुर्ण चर्चा की। इस अवसर पर वार्ल्डडफिस के प्रबंधक डॉ. रथ ने कहा कि, राज्य मत्स्य विभाग के तत्वावधान में महिला स्वंय सहायक समूह के जरिए पंचायत में रहे तालाब में मछली की खेती की जारही है। पिछले साल 1500 हेक्टर तालाब में मछली की खेती की गई हैं। इस साल इसे बढ़ा कर दौ गुना करने की लक्ष्य रखा गया हैं। उसी तरह रुची के संचालन निदेशक डॉ। साहू ने कहा कि ओड़िशा के विभिन्न क्षेत्र में कार्य करने वाले महिला व युवायों को इस कार्यक्रम के जरिए कर्म नियुक्ति मिल सकती हैं।