मैनपुर क्षेत्र में पोला पर्व पर यादव समाज ने शोभा यात्रा निकाल पूजा अर्चना किया
- शेख हसन खान, गरियाबंद
- आस्था व उत्साह से मनाया गया मैनपुर क्षेत्र में पोला का पर्व
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ की धरती पर कृषि प्रधान जीवनशैली और लोकसंस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। इन्हीं परंपराओं में से एक है पोला पर्व, जो भादो मास की अमावस्या को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन किसान अपने मेहनतकश साथी बैलों को साज–सजाकर उनकी पूजा–अर्चना करते हैं।

सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्रों में उत्सव का माहौल दिखाई दिखा बैलों को स्नान कराकर उनके सींगों में रंग–रोगन कर सजावट कर पूजा किया गया व मिट्टी के बैल बनाकर उनकी पूजा अर्चना कर पारंपरिक व्यजंन चीला रोली का प्रसाद भोग लगाया गया। इसके बाद बैलों को हार, फूल, घंटियों से सजाया गया।
यादव समाज द्वारा मैनपुर नगर में शोभायात्रा निकालकर साहडा देव स्थल पर पूजा अर्चना किया गया। इसमें ग्राम पंचायत मैनपुर के सरपंच श्रीमती हनीता नायक, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रामकृष्ण, एनएसयूआई प्रदेश सचिव चित्रांश ध्रुव, गेंदु यादव, सुखराम यादव, दयाराम यादव एवं बड़ी संख्या में नगर व क्षेत्र के लोगों उपस्थित थे।
पोला यह पर्व केवल आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि किसान और बैल के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। खेतों में कठिन परिश्रम करने वाले बैलों के प्रति आभार व्यक्त करने की अनोखी परंपरा इसी दिन निभाई जाती है।
पोला पर्व चत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति में गहरे तक जुड़ा हुआ है। यह न सिर्फ कृषि प्रधान समाज की पहचान है बल्कि पर्यावरण और पशु–प्रेम का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत करता ।
