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November 20, 2024

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घुरूवा संवर्धन द्वारा तैयार खाद से जैविक खेती को मिल रहा है बढ़ावा

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Organic farming is being encouraged by ready-made manure
  • Mahfuz Alam

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ राज्य का सीमावर्ती जिला बलरामपुर-रामानुजगंज छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अन्तर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी के सफल संचालन को लेकर चर्चा में है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के समस्त विकासखण्डों में कुल 62 गोठानों का संचालन हो रहा है। इनमें से सर्वप्रथम 12 गोठानों को आदर्श गोठान के रूप में स्थापित किया गया है। इन गोठानों में चारा, पानी के साथ ही पशुओं के लिए चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध की गई है।
जिले के गोठानों में घुरूवा संवर्धन के अन्तर्गत जैविक खाद तैयार किया जा रहा है, साथ ही ग्रामीणों को उन्नत घुरूवा बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जैविक खाद के अन्तर्गत गोबर से बनने वाले खाद के इस्तेमाल से मिट्टी में ह्यूमस की मात्रा की बढ़ जाती है तथा मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता में सुधार होता है। वहीं वर्मी कम्पोस्ट बहुत सस्ती एवं खेतों के लिए काफी उपयोगी होती है। घुरूवा संवर्धन के माध्यम से जिले को जैविक खेती की ओर अग्रसर करने, जैविक खाद का उपयोग कर उत्पादन लागत को कम करने, उपजाऊ क्षमता में वृद्धि करने, जल धारण क्षमता को बढ़ाने, जैविक एवं पौष्टिक आहार की उपलब्धता, पर्यावरण को संतुलित एवं सुरक्षित बनाये रखने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

Organic farming is being encouraged by ready-made manure

नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी ग्राम एवं अन्य ग्रामों में महिला समूहों की बैठक कर उनको उन्नत घुरूवा निर्माण के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ताकि महिलाएं गावों में लोगों को जागरूक कर घुरूवा निर्माण में सहयोग करें। जिले में परम्परागत् घुरूवा के स्थान पर उन्नत घुरूवा निर्माण का बढ़ावा दिया जा रहा है। घुरूवा खुला छोड़ देने से अच्छी तरह अपघटन नहीं होने के कारण पोषक तत्व जैसे नाईट्रोजन, सल्फर, फास्फोरस, पोटाश की मात्रा में कमी आती है, जबकि उन्नत घुरूवा ढका होने के कारण तैयार खाद सभी पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है। भू-नाडेप और पक्का नाडेप के निर्माण के लिए स्व सहायता समूह की महिलाएं गांव में किसानों को प्रशिक्षित कर रही हैं। वाड्रफनगर के ग्राम स्याही के कृषक श्री संजय पिता बसंत राम द्वारा पूर्व निर्मित पक्के नाडेप जीर्णोद्धार कर नये रूप से उसको भरा गया। इसी प्रकार ग्राम स्याही के ही कृषक श्री कुंता राम पिता लालमन ने भी अपने नाडेप का जीर्णोद्धार कर उसको भरा गया। घुरूवा संवर्धन के अन्तर्गत बायो गैस सयंत्र का भी निर्माण किया जा रहा है। विकासखण्ड रामानुजगंज के ग्राम बगरा निवासी कृषक मनिराम पिता श्यामलाल तथा कृषक श्री हरिप्रसाद पिता मंगरू के द्वारा बायो गैस संयंत्र का निर्माण किया गया है। घुरूवा संवर्धन के अन्तर्गत घुरूवा निर्माण के उपयोग से कृषकों के आय में बढ़ोत्तरी हुई है। जिले में कुल 1.65 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है जिसमें रासायनिक खाद के उपयोग से होने वाला व्यय 28.48 करोड़ है। किन्तु घुरूवा संवर्धन के माध्यम से जिले में 1 लाख 92 हजार 400 टन जैविक खाद का उत्पादन हो रहा है, जिससे 7.96 करोड़ की बचत हो रही है। जिले के 62 नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी ग्राम में 25 हजार 114 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें 4.30 करोड़ रासायनिक खाद का उपयोग होता है। इन ग्रामों में 23 हजार 592 टन जैविक खाद का उत्पादन हो रहा है तथा घुरूवा से तैयार खाद का उपयोग करने से 0.98 करोड़ का बचत हो रहा है।

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