वीरांगना रानी दुर्गावती के बताये रास्ते पर चलकर समाज का विकास करना है – रामकृष्ण धु्रव
आदिवासी समाज द्वारा मैनपुर मे वीरांगना रानी दुर्गावती जयंती मनाई गई
मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर नगर में शनिवार को कोया भूमकाल सेना आदिवासी समाज द्वारा वीरांगना रानी दुर्गावती की जयंती मनाई गई। आदिवासी समाज के सैकड़ों लोगों ने रानी दुर्गावती की छायाचित्र की पूजा अचर्ना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कोया भूमकाल सेना के सरंक्षक एवं आदिवासी युवा नेता रामकृष्ण धु्रव ने कहा कि रानी दुर्गावती भारत की एक वीरांगना थी उनके शासन मे राज्य की बहुत उन्नति हुई। मठ, मंदिर, कुएं बावली तथा अनेक धमर्शालाएं जनता के हित में उनके द्वारा बनवाये गये हैं। महिलाआें के उत्थान के लिये उन्होंने काफी प्रयास किया समाज सुधार के दिशा में उनके योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।
रानी दुर्गावती भारत माता के संच्चे संतान थे उनके बलिदान को पूरे हिन्दुस्तान के लोग कभी नहीं भुला सकते उनके बताये हुए रास्ते पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रध्दांजलि होगी। इस मौके पर आदिवासी ध्रुव गोंड सामाज के अध्यक्ष नैनसिंग नेताम ने कहा कि आज हम सबको रानी दुर्गावती के बताये रास्ते पर चलते हुए समाज के हित और विकास के लिय कार्य करने की जरूरत है। ग्राम पंचायत मैनपुर के पूर्व सरंपच नोकेलाल धु्रव ने कहा कि भारत वीरों व वीरांगनाओं का देश है हमारे देश में अनेक ऐसी वीरांगनाएं हुर्इं जिन्होंने अपने पराक्रम और शौर्य से भारत की पावन धरती को धन्य किया है। उन्होंने कहा कि वीरांगना रानी दुर्गावती वीरता की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने मुगल बादशाह के कई हमलों का डटकर मुकाबला किया और मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दे दिया। कोया भूमकाल सेना के अध्यक्ष बलदेव राज ठाकुर ने कहा कि आदिवासी समाज को अब सबसे ज्यादा शिक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम को कई आदिवासी नेताओं ने संबोधित किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से आदिवासी भुंजिया समाज के नेता टीकम नागवंशी, हिमांशु रामटेके, लखन लाल ध्रुव, बलदेव नायक, धनेश्वर ध्रुव, पिलेश्वरी सोरी, शिवदयाल, नेहाल ध्रुव, रामसिंग नागेश, सुभाष मरकाम, संजय कुमार, निमर्ला ध्रुव, निहारिका ध्रुव, कुमारी बाई, नवलंिसह, राधेसिहं, गौकरण, भुनेश्वर नागेश, नैनसिंह, रामेश्वर सिंह, लूदर सिंह नागेश, जगत नागेश, भानूराम, सुदर्शन, एतवारी नेताम, महता राम, दिलीप कुमार मरकाम, हरिश कुमार धु्रव, सगरूराम ठाकुर, महेन्द्र कुमार, श्रवण कुमार, विनोद कुमार, करण सिंग, वेदांन्त, संतोष कुमार, धनेश्वर, शालिक राम नागेश, बालक द्वारा, ऋषि कुमार, विजय कुमार, मोहन राम, योगेश कुमार धु्रव, गोकुल राम मरकाम, प्रमेश्वर ठाकुर, अरूण कुमार मरकाम, घासीराम, चन्द्रहास, भुपेन्द्र, लिबास पटेल, यशंवत विश्वकर्मा, दीनु यादव सहित बडी संख्या मे ंआदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे ।