Recent Posts

December 23, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

आरटीओ में दलाली के खिलाफ गिरफ्तार सभी दलालों को पुलिस ने भेजा जेल

1 min read
Police sent to all brokers

आरटीओ व दलालों के विवाद में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप
राउरकेला। पुलिस कप्तान डॉ। सार्थक सारंगी के निर्देश पर पुलिस प्रशासन ने उदितनगर के एडीएम व एसपी कार्यालय के मध्य स्थित क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय में सक्रिय दलालों के खिलाफ अब तक की बड़ी व सख्त कार्रवाई करते हुए 14  दलालों व संदिग्ध लोगो को पकड़ने के बाद उनके खिालफ गैर जमानती मामला यानी भादवि की धारा 419,420,384,468,506,186,294,34 के तहत मुकदमा कर मंगलवार की रात को सभी को जेल भेज दियाऔर वहीं ढाई दर्जन भर से अधिक दलाल कार्रवाई के बीच पुलिस से बच कर भाग निकले,  जिन्हें पक़डने पुलिस की ओर से उनकी तलाश जारी है,पकड़ाये दलालों से पूछताछ में पता चल  कि आरटीओ से विवाद  के बाद यह कार्रवाई हुई है, जिससे भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे भ्रष्ट अफसरोंं पर कार्रवाई की मांग तेज हो गयी।

Police sent to all brokers

आरटीओ व दलालों के विवाद में पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लग रहा है। स्थानीय आंचलिक परिवहन कार्यालय, आरटीओ में दलाली का काम भ्रष्ट अफसरों केसाथ मिल कर किया जा रहा है। दलाली का आलम यह है कि नया लाइसेंस बनाने से लेकर नवीनीकरण, परमिट समेत अन्य सभी कामों के लिये सेवा शुल्क लिया जाता है। यह सेवा शुल्क निर्धारित सरकारी दर से दुगुनी होती है, जो दलालों व आरटीओ के भ्रष्ट कर्मचारियों के बीच बांटी जाती है। मंगलवार को पुलिस की कार्रवाई में दलाली का काम करने वाले आरोपित  तो पकड़े गये, लेकिन आरटीओ कार्यालय में उनके अवैध काम में हिस्सेदार बनने वाले कर्मचारी व अफसर गाज कब गिरेगी। इस पर सभी की नजर है। आरटीओ कार्यालय में किस प्रकार सरकार द्वारा निर्धारित दर से ज्यादा दर दलाल वसूलते हैं तथा इसमें कितना हिस्सा दलालो व कितना हिस्सा आरटीओ कार्यालय के कर्मर्चारियों का रहता है। इस बारे में इससे जुड़े सूत्रों ने कई चौंकानेवाले तथ्य दिये हैं। इन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बाइक के साथ कार की ड्राइविग लाइसेंस एलएमवी यानि लाइट मोटर व्हीकल के लिर्नंग लाइसेंस के लिये सरकार द्वारा निर्धारित दर 325 रुपये है, जबकि पक्का लाइसेंस के लिये सरकारी निर्धारित दर 1180 रुपये है, जो कुल मिलाकर 1505 रुपये होती है, लेकिन इतनी ही अतिरिक्त राशि दलालों द्वारा ली जाती है। इस अतिरिक्त राशि में बड़ा हिस्सा राउरकेला परिवहन कार्यालय के कर्मचारियों की भेंट चढ़ जाता है, जबकि दलालों के हिस्से में 500 से 600 रुपये ही आते है, जिससे यह पूरा किस्सा चोर-चोर मौसेरे भाईयों का है। इसमें दलालों को लेकर तो पुलिस ने कार्रवाई की, लेकिन इस दलाली में उनकी मदद करने वाले आरटीओ में बैठे उनके मौसेरे भाइयों के खिलाफ पुलिस की कारर्वाई कब होगी, इस पर सभी की नजर टिकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *