पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना 2020, बैंक समूह देगा 8,800 करोड़
1 min readलखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को तय किया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना के वित्तपोषण के लिए कारपोरेशन बैंक को पंजाब नेशनल बैंक की अगुवाई वाले बैंक समूह का हिस्सा बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में उक्त फैसला किया गया। कारपोरेशन बैंक परियोजना के लिए 1,000 करोड रूपये रिण देगा। कुल मिलाकर परियोजना के लिये बैंकों का समूह अब 8,800 करोड़ रुपये का कर्ज देगा।
बैठक के बाद कैबिनेट के फैसलों की जानकारी राज्य सरकार के प्रवक्ताद्वय उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ंिसह ने यहां संवाददाताओं को दी। उन्होंने बताया कि यह लखनऊ से गाजीपुर तक की लगभग 400 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना है। इसके पूर्ण हो जाने पर लखनउ से गाजीपुर का सफर महज साढे चार से पांच घंटे में किया जा सकेगा। अभी आठ से नौ घंटे लगते हैं। उन्होंने कहा, विजया बैंक द्वारा दिये जा रहे 1,000 करोड रूपये के रिण को बैंक आफ बडौदा द्वारा दिया माना जाएगा। कारपोरेशन बैंक परियोजना के लिए 1,000 करोड रूपये रिण देगा। इस तरह अब परियोजना में कंसोर्टियम द्वारा कुल 8,800 करोड रूपये का वित्तपोषण होगा जो पहले 7,800 करोड रूपये था। राज्य प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 12 हजार करोड़ रुपये की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य किसी भी हालत में 2020 तक पूरा कर लिया जाए। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने भी अगस्त 2020 तक मुख्य सड़क पर यातायात शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे। एक्सप्रेसवे लखनउ के चंद सरई से गाजीपुर में कासुपुर के नजदीक जाकर जुडेगा।इस एक्सप्रेसवे पर लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर जिले पडेंगे। एक्सप्रेसवे को वाराणसी से एक अलग ंिलक रोड से जोड़ा जाना प्रस्तावित है।