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November 20, 2024

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गरियाबंद के धवलपुर एवं टाईगर रिजर्व के जंगल में घुंसे राजस्थानी भेड़ और बकरियां, विभागीय संरक्षण में जंगलों को पहुंचा रहे  नुकसान 

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद 
  • वन विभाग धवलपुर द्वारा खानापूर्ति के नाम पर कुछ भेड़ और बकरियों पर कार्यवाही की, अब पहाड़ी क्षेत्र के जंगलों में डाले हुए हैं डेरा

गरियाबंद। गरियाबंद वन मंडल अन्तर्गत वन परिक्षेत्र धवलपुर वन परिक्षेत्र के जंगलो में राजस्थनी एवं गुजरात के भेड़ बकरियां ऊंट वनस्पत्ति जंगलो को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े से जंगल में डेरा डाले हुए है जिसके लगातार जानकारी आ रही है। हालांकि वनविभाग धवलपुर द्वारा कुछ भेड़ बकरियों पर कार्यवाही करने की बात कही जा रही है और उन्हे जंगल से खदड़ेने की बात बताई जा रही है। यह भेड़ बकरी और ऊंट गरियाबंद नेशनल हाईवे मार्ग 130- C से सिकासार मरदाकला मार्ग में आसानी से दिखाई दे रहे है तो वहीं उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफरजोन एरिया वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट के कीमती जंगलो को इन दिनों राजस्थान और गुजरात की भेड़ बकरिया व ऊंट नष्ट कर रहे हैं। वन विभाग के संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा इसे रोकने कोई पहल नहीं किया जा रहा है एक तरह से विभाग अनजान बने हुए हैं।

गरियाबंद वन मंडल के धवलपुर वन परिक्षेत्र के मरदाकला और सिकासार जलाशय के निचले पहाड़ी सीमा छोर में लम्बे समय से राजस्थानी उंट, भेड़, बकरियां डेरा जमाये हुए हैं। भेड़ बकरी वाले राजस्थानी लोग रोजमर्रा की समाग्री चावल, दाल, राशन एवं दवा खरीदी करने के लिए मैनपुर – गरियाबंद पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में बकरी बकरा खरीदी करने वाले लोग भी बकरा खरीद कर पिकअप वाहन से आते जाते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भी वन विभाग अनजान बना हुआ है। एक तरह से यह कहा जाए कि विभागीय संरक्षण में भेड़-बकरी क्षेत्र के किमती जंगलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

कहा जाता है जिस जहां पर राजस्थानी भेड़ बकरी डेरा डालते है उस स्थान पर हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाती है। क्षेत्र के निवासियों ने बताया लम्बे समय से भेड़ बकरियां हजारो की संख्या में चराई कर रहे है मुख्यम मार्ग में ऊंट आसानी से दिखाई दे रहे हैं। बकरा बकरी खरीदने वाले खुले आम खरीदी कर आना जाना कर रहे हैं और विभाग को जानकारी न होना समझ से परे है। उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया आमामोरा ओड़ एवं ओड़िसा सीमा पहाड़ी के जंगलों में राजस्थानी अपने भेड़ बकरियों के साथ डेरा डाले हुए है, हजारो की संख्या में भेड़ बकरी और कुछ ऊंट जंगल में चरते देखे जा सकते हैं। तेजी से जंगल को ये चट कर रहे हैं। अवैध चराई के कारण जंगल के वन्यप्राणी जंगल छोड़कर अन्यत्र भटकने मजबूर हो रहे हैं जबकि शासन द्वारा इन जंगलो मे अन्य प्रांतो की भेड़ बकरी व ऊंटों के आने जाने व उसकी चराई के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है बावजूद इसके लगातार राजस्थान और गुजरात के भेड़ बकरियां और ऊंट बेधड़क जंगल के कीमती जड़ी बूटी व नर्सरी, कीमती वनों को चट करते जा रहे हैं। बताया जाता है ये बकरियां जिस जंगल से गुजरती है। वह जंगल क्षेत्र को नष्ट करते जाती है और इसके मलमूत्र से काफी नुकसान होने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी जाती है, इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई है। ग्रामीणों ने बताया धवलपुर एवं कुल्हाड़ीघाट जंगल के पहाड़ी किनारे अलग -अलग झुण्ड में ये लोग डेरा डाले हुए हैं। हजारों की संख्या में भेड़ बकरियां व ऊंट जंगल में चरते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इसे रोकने विभाग द्वारा कोई खास पहल करते नहीं दिखाई दे रहा है। विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है।

  • उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के अफसर दिल्ली कार्यक्रम में शामिल होने गए इसका फायदा उठा कर कुल्हाड़ीघाट के जंगल में घुसे भेड़ बकरी वाले

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में लंबे अरसे के बाद काफी सक्रिय और तेज तर्रार वन अफसर डीएफओ वरुण जैन के पदस्थ होने के बाद से उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के जंगल में काफी हद तक अवैध कटाई और अतिक्रमण के मामले में रोक लगी है। साथ ही वरुण जैन की सक्रियता के कारण वन प्राणियों के अवैध तस्करी एवं अवैध शिकार करने वालों पर लगातार कार्यवाही किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन पिछले एक पखवाड़े से अवकाश पर है साथ ही दिल्ली अवार्ड प्राप्त करने गए थे। वन अफसर के अनुपस्थिति में इसका फायदा उठाकर राजस्थान एवं गुजरात भेड़ बकरियां वाले लोग हजारों की संख्या में भेड़ बकरी और कुछ ऊंट को लेकर टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफर जोन एरिया कुल्हाड़ीघाट के जंगल ओड़ अमामोरा मैं डेरा डालने के बाद अब उड़ीसा और छत्तीसगढ़ सीमा के जंगल में डेरा डाले हुए हैं‌। जब तक वन विभाग की टीम वहां पहुंचती है तब तक वह भेड़ बकरियों को लेकर उड़ीसा सीमा के तरफ चले जाते हैं और टीम के वापस आती ही फिर वे टाइगर रिजर्व के जंगल में अवैध चराई करवा रहे हैं।

  • क्या कहते हैं अधिकारी

1. वनपरिक्षेत्र धवलपुर अधिकारी के मरकाम ने इस संबंध में चर्चा करने पर कहते है कि इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है जंगल क्षेत्र में बाहर के भेड़ बकरियां और ऊंटो की चराई पर प्रतिबंध है। मै देखवाता हूॅ किस क्षेत्र में चराई किया जा रहा है उन्होने अभी वे छुट्टी में है।

2. सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी धवलपुर उत्तम साहू ने बताया राजस्थानी गुजरात के भेड़ बकरियां वन परिक्षेत्र धवलपुर के मरदाकला जंगल में घुसे थे तो उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है और उन्हे जंगल से बाहर खदेड़ा गया है।