योग और पदार्थ में धर्म हमें वैश्वीकरण के लिए धार्मिक गुण सिखाता- संत श्री रविशंकर
1 min readरायपुर । गुरु पूर्णिमा, जिसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, आज श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट के पूरे आश्रमों में पारंपरिक धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया।
बड़ी संख्या में भक्तों ने गुरु पूर्णिमा समारोह में भाग लेने के लिए और सदगुरु भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान का भुगतान करने के लिए पूरे क्षेत्र में विभिन्न गुरु आश्रमों का आनंद लिया।
गुरु पूर्णिमा समारोह के सिलसिले में श्री रावतपुरा सरकार लोक कल्याण ट्रस्ट आश्रम धनेली-रायपुर में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया था, जहाँ बड़ी संख्या में क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आये हुए भक्तों ने भाग लिया और परम संत श्री रविशंकर महाराज (रावतपुरा सरकार) को श्रद्धा अर्पित की। )।
एक अन्य समारोह रावतपुरा धाम, चित्रकूट, हरिद्वार और वृंदावन आश्रम में आयोजित किया गया। समारोह की शुरुआत आज शाम 3 बजे (ब्रह्म मुहूर्त) पर महाराज श्री के “महा अभिषेक” से हुई। गुरु पूजन और गुरु वंदना के बाद पुरुषों, महिलाओं और बच्चों सहित श्रद्धालुओं को प्रसाद परोसा गया।
भारत के विभिन्न शहरों के भक्त मंडल के भक्तों द्वारा गुरु पूर्णिमा को पूरी श्रद्धा और पारंपरिक धार्मिक उत्साह के साथ मनाया गया।
बड़ी संख्या में भक्तों ने उत्सव में भाग लेने और महाराज श्री को श्रद्धा अर्पित करने के लिए सुबह-सुबह आश्रम आये । समारोह की शुरुआत अभिषेक से हुई जिसके बाद महा अभिषेक, गुरु गीता के कुछ श्लोकों और पुष्करणों का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर महाराज श्री ने भक्तों को गुरु पूर्णिमा के महत्व से अवगत कराया। महाराज श्री ने धार्मिक प्रवचन देते हुए कहा कि योग और पदार्थ में धर्म हमें वैश्वीकरण के लिए धार्मिक गुण सिखाता है और साथ ही धर्म की पवित्रता के संरक्षण के लिए निडर होकर खड़े होने के लिए हमें प्रेरित करता है।
भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया, जिसके बाद भक्तों को प्रसाद दिया गया।