रिटायर्ड सहायक उपनिरीक्षक हुआ ठगी का शिकार
1 min readShikha Das, Mahasamund
ओटीपी नंबर बताते ही खाते से 5 लाख 77 हजार पार
महासमुंद। एक रिटायर्ड सहायक उपनिरीक्षक साइबर अपराधियों के झांसे में आकर पौने छह लाख गवां बैठा। ओटीपी नंबर बताते ही उसके खाते से रकम पार हो गया। इसकी शिकायत उसने पुलिस में की है। जिसके बाद साइबर सेल की टीम मामले की पतासाजी कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार पिथौरा थाना से डेढ़ महीने पहले सहायक उपनिरीक्षक पद से शत्रुघन ध्रुव रिटायर्ड हुआ है। 13 जुलाई को उसको एक मोबाइल नंबर से काॅल आया। काॅल करने वाले ने उन्हें महालेखागार कार्यालय से फोन करने तथा पेंशन संबंधी मामले में जानकारी की बात कही। बायोडाटा में कुछ त्रुटि है कहकर अपने बातो में फंसाकर उसने भारतीय स्टेट बैंक खाता क्रमांक 11225400366 शाखा पिथौरा जो कि मेरे पत्नी के साथ संयुक्त खाता है में उससे कहा कि आपके पेंशन संबंधी राशि आपके वास्तविक खाता में डालने के लिए जानकारी चाहिये। जिस पर ओटीपी नंबर देने के साथ ही तुरंत बाद खाता से 50,000 रू. कटने का मेसेज आया, जिससे मैं तुरन्त बैंक गया बैंक में एटीएम कार्ड को देकर बंद कराया। इसके बाद वे निश्ंिचत हो गए थे। लेकिन फिर से खाता से राशि कटने का मेसेज आया। कुल 5,77,000 रूपए की ठगी की गई। पुलिस ने अज्ञात मोबाइलधारक के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।