मालगोदाम काली मंडप में बकरों की बलि दे कि मां काली की आराधना

आधी रात में पूजा अचर्ना को उमड़ी पूजा अर्चना को भीड़
राउरकेला। मालगोदाम रेलवे फाटक के निकट काली मंडप में अमावस की रात में मां काली की आराधना भक्तों ने श्रद्धपूर्वक की और शहर के विभिन्न इलाकों से जुटे मां काली के भक्तों ने बकरों की बलि दे कर पूजा अचर्ना की। आधी रात में 12 बजे के बाद पारम्परिक रूप से पूजा अचर्ना को भक्तों की भारी भीड़ जुटी। पहले गन्ने की बलि चढ़ाया गया। इसके बाद एक के बाद बकरों को फरसा से सिर धड़ से अलग कर बलि चढ़ाई गई और भक्तों ने खून का तिलक किया।
ढोल बाजे की धाप पर रात दो बजे तक मां की काली की पूजा अचर्ना के साथ साथ पुरानी परंपरा के तहत बकरों की बलि चढ़ता रहा। बकरों की बलि चढ़ते देखने के लिए भक्तों की भीड़ जुटी रही। बकरों का सिर से धड़ अलग कर फरसा से काट कर बलि देने वाले काली मंडप व मां काली पूजा कमेटी से तीन दशक से जुड़े झगड़ू ने बताया कि आज भी मां काली की आराधना करने वाले वैसे भक्तों की कमी नहीं है, जो हर साल श्रद्धपूर्वक बकरों की बलि चढ़ाते हैं। हालांकि उन्होंने माना कि बलि देने वाले लोगों में कमी आयी। पूजा कमेटी की ओर से आमंत्रित पुजारी तपन राजकुमार ने संकल्प करा कर बकरों की बलि दिलाई। कमेटी विकास बड़ाइक, अभिषेक जेना, केन लाल साहू, झगड़ू साहू, सचिन साहू ने रात्रि पूजा में अहम योगदान दिया। वहीं सोमवार व मंगलवार को पूजा कमेटी के सदस्यों की देखरेख में विविध धार्मिक व समाजिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया।