सऊदी- 40 फीसदी वेतन कटौती की अनुमति देने की तैयारी
1 min readसऊदी का फैसला भारतीयों के लिए मुसीबत
काम कर रहे लोगों के कांट्रेक्ट भी खत्म किए जाएंगे
26 लाख से ज्यादा भारतीय काम करते हैं सऊदी में
New delhi- अखबार ने फैसले की प्रति का हवाला देते हुए सोमवार को बताया है कि सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने श्रम कानून में बदलाव के लिए हामी भर दी है. इन बदलावों के बाद एंप्लायर अपने कर्मचारियों की सैलरी में अगले 6 महीने के लिए 40 फीसदी तक की कटौती कर सकते हैं. सऊदी अरब अब प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को सैलरी में 40 फीसदी तक की कटौती करने की इजाजत देने जा रहा है. अरब के प्रमुख अखबार अशराक अल अवसात की रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक संकट को देखते हुए सऊदी अरब में काम कर रहे लोगों के कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म किए जा सकते हैं. सऊदी अरब में 26 लाख भारतीय रहते हैं और इस फैसले का उन पर भी बेहद बुरा असर पड़ेगा. नए नियमों के तहत, कोरोना वायरस की महामारी के 6 महीने बाद कंपनियों को एंप्लायी के कॉन्ट्रैक्ट को भी रद्द करने का भी हक होगा. हालांकि, एंप्लायर्स कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने का फैसला जल्दबाजी में ना उठाएं, इसके लिए उन्हें सरकारी सब्सिडी जैसे मजदूरों के वेतनभत्ते में मदद या सरकारी शुल्क से छूट मिलनी जारी रहेगी. कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के लिए तीन शर्तें भी रखी गई हैं.
ये तीन शर्तें हैं- सैलरी में कटौती के फैसले को लागू किए हुए 6 महीने हो गए हों, एंप्लायी की सारी छुट्टियां खत्म हो गई हों और कंपनी ये साबित कर दे कि वह कोरोना वायरस महामारी की वजह से आर्थिक संकट का सामना कर रही है. इस कमाई का बड़ा हिस्सा खाड़ी के देशों में काम कर रहे भारतीयों से ही आता है. हालांकि, अब सऊदी अरब में भारतीय कामगारों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है और बेरोजगार होने पर उनके पास देश वापस आने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. भारत सरकार लोगों को लाने के लिए शिप और फ्लाइट भी भेज रही है.
सऊदी अरब में भारतीय राजदूत आसुफ सैय्यद भी एक इंटरव्यू में कह चुके हैं कि खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीयों की नौकरियां जा सकती हैं और इससे भारत को रेमिटेंस (प्रवासी भारतीयों द्वारा अपने घर भेजी गई कमाई) का भी भारी नुकसान होगा. भारत दुनिया के उन देशों में शुमार है जहां विदेशों में रह रहे नागरिक सबसे ज्यादा पैसा घर भेजते हैं. भारतीयों ने पिछले साल रिकॉर्ड 83 अरब डॉलर की धनराशि देश भेजी थी.