सदानंद अग्रवाल का द्वितीय श्राद्धोत्सव में अनके कार्यक्रम
डॉ. सदानंद अग्रवाल थे विश्वस्तरीय ऐतिहासिक शोधकर्त्ता
‘सोनपुर इतिहास’ दूसरा संस्करण का विमोचन
बलांगीर। स्वर्गीय सदानंद अग्रवाल इतिहास के साथ जुड़े हुए थे। उनका शोध मौलिक था एवं उनके तथ्य स्पष्ट थे, इसलिए उन्हें विश्वस्तरीय ऐतिहासिक की मान्यता दी जानी चाहिए। उक्त बातों को बलांगीर पत्रकार भवन में स्वर्गीय अग्रवाल के दूसरे श्राद्ध दिवस एवं ‘सोनपुर इतिहास’ का दूसरा संस्करण का विमोचन समारोह के अवसर पर अतिथियों ने अपना अपना मत पेश करते हुए कहा। सोनपुर के इतिहास में एक स्थिर एवं स्पष्ट तथ्य स्थापित किया है। साथ ही ब्रह्मपाली पर शोध करने सहित वे अनेकों ताम्रशासन के पाठोद्धार पूर्वक इतिहास के शोध को नया दिशा दियेजाने के बारे में अतिथियों ने कही। केवल ऐतिहासिक शोध नहीं स्वर्गीय अग्रवाल के जीवन के अंत तक मानववादी महीमा धर्म एवं संत कवि भीमभोई के आदर्श को प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभाया था। उनके आदर्शों पर अनेकों लोग चलें। उनकी काम करने का तरीका अभी भी सभी के मन को मोह लेता था।
डॉ. अग्रवाल अपनी सोंच के जरिये सभी के हृदय में रहते हैं। शिक्षा, संस्कृति, इतिहास, परंपरा, नाटक संगीत आदि में रुची रखते हुए अन्य लोगों को प्रेरणा देने का जरिया होने के बारे में डॉ। सदानंद अग्रवाल के श्राद्धोंत्सव के दौरान वक्ताओं ने कही। डॉ। सदानंद अग्रवाल स्मृति कमेटी की ओर से स्थानीय पत्रकार भवन में आयोजित इस श्राद्धोंत्सव में पद्मश्री डॉ। श्रीनिवास उद्गाता ने अध्यक्षता की। आयोजित सभा में मुख्य अतिथि लोइसिंहा विधायक डॉ। मुकेश महालिंग, मुख्यववक्ता डॉ। शिवप्रसाद नंद, सम्मानीत अतिथि जिलाधीश अरिंदम डाकुआ, सम्मानित वक्ता इंस्टीच्युट आॅफ इंडियान पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के फेकल्टी प्रोफेसर डॉ। सुजीत पृषेठ, घनश्याम अग्रवाल मंचासीन थे। स्वर्गीय डॉ। अग्रवाल के बेटे सिर्द्धाथ अग्रवाल ने सभी का स्वागत किया एवं कार्यक्रम का उद्देश्य ज्ञापन किया। कमेटी के संयोजक पूर्णचंद्र पंडा ने सभा का संयोजन किया। अतिथियों ने स्वर्गीय डॉ. सदानंद अग्रवाल को याद करने सहित वे समाज के लिए क्या कर गये हैं उस विषय में बताया। इस अवसर पर ‘सोनपुर इतिहास’ पुस्तक का विमोचन किया गया। अन्य लोगों में नागरिक कमेटी के सचिव विष्णु प्रसाद केडिया, नाट्यभूषण जगदानंद छुरिया, वरिष्ठ पत्रकार सत्यनारायण बेहेरा, शिक्षाविद् रविनारायण महांति आदि ने भाषण दिया। कार्यक्रम के अंत में पत्रकार विश्वजीत दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया।