Recent Posts

October 21, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

असम के वन भैंसा अब बारनयापारा का चारा खायेंगे

1 min read
Shikha Das Mahasamund

शिखा दास/ महासमुँद । रायपुर राजकीय पशु वन भैंसा की संख्या को बढ़ाने के लिए असम के मासन मानस नेशनल पार्क से पांच मादा वन भैंसा लाने के लिए शासन ने हरी झंडी दे दी हैं वन भैंसों को लाने के लिए वन विभाग ने कवायद तेज कर दी है। वन भैंसों को असम से जनवरी के प्रथम सप्ताह में लाया जाएगा उन्हें रेल मार्ग से लाया जाएगा।इस संदर्भ में छत्तीसगढ़ के वन विभाग के अधिकारियों की और असम के अधिकारियों द्वारा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है वन विभाग के अधिकारी का कहना है वन भेसो को बारनवापारा में रखा जाएगा।ज्ञात हो कि बारनवापारा में इसके पूर्व भी पर्यटको को आकर्षित करने कोई सैकड़ा भर काला हिरन लाये गए थे।परन्तु 3 वर्षो से ये हिरन अनुकूलन केंद्र में ही पालतू हो चुके है।सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि अब बार मे जंगली भैंसा भी उसके लिए बनाए बाड़े में ही कैद हो कर रह जाएंगे।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ गठन के दौरान प्रदेश में वन भैंसों की संख्या करीब 80 थी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इसकी संख्या में तेजी से गिरावट आई है वर्ष 2006 में इसकी संख्या 12 पर आ गई थी और वर्तमान में मात्र 10 हैं असम से लाए जाने वाले मादा वन भैंसों को अभयारण्य में रखा जाएगा ।इनके लिए वहां 10 एकड़ का बाड़ा तैयार किया गया है।
।।ट्रेन के बैगन लाए जायेगे राजकीय पशु।।


वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि पांचों मादा भैंसों को रेलवे के बैगन के माध्यम से लाया जाएगा वैगन कोच में पर्याप्त मात्रा में खानपान की व्यवस्था रहेगी इसके साथ ही इनको वन्यजीव के लिए चिकित्सकों तथा वन कर्मियों की निगरानी में लाया जाएगा।
विभागीय सूत्र बताते है कि वन भैंसों के लिए बार कोठारी मार्ग पर कक्ष क्र 169 में स्थित खैरछापर तालाब को वन भैंसा रखने हेतु तार से घेरा गया है।यह बाड़ा दूसरी बार बनाया गया है।इसके पूर्व एक बाड़ा करीब 80 लाख की लागत से कोर जोन के कक्ष क्र 174 गुडगढ़-फुरफन्दी मार्ग में नुंछा क्षेत्र में बनाया गया था परन्तु उस बाड़े के पास ट्यूब वेल में पानी नही होने के कारण 2 किलोमीटर तक पाइप बिछा कर पानी पहुचाने की बजाय करीब उक्त लागत के एक और बाड़ा का निर्माण करवा दिया गया।
।।खतरनाक प्राणी पर हाथी का खतरा।।
जंगली भैंसा आमतौर पर बहुत खतरनाक माना जाता है।वन विभाग द्वारा वर्तमान में जिस स्थान पर वन भैंसा के लिए तार घेर कर बाड़ा बनाया गया है।वो कभी भी खतरनाक एवम घातक हो सकता है।जानकारों के अनुसार अभ्यारण्य के खैरछापर तालाब एवम आसपास के कोई 10 एकड़ जमीन को घेर कर ही बाड़ा बनाया गया है।जिससे इस मार्ग से आवागमन करने वाले हाथी कभी भी बाड़े की तार को तोड़ सकते है।जिससे वह भैंसे बाड़े से बाहर आ जाएंगे वे जन एवं धन हानि कर सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *