जवाबदेही तय कर इंजीनियर्स को सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए: चट्टराज
1 min readभारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मोत्सव को आरएसपी ने इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया
राउरकेला। राउरकेला स्टील प्लांट(आरएसपी) और इंस्टिट्यूशन आॅफ इन्जिनीयर्स (इंडिया), राउरकेला शाखा द्वारा 15 सितंबर को सिविक सेंटर में आयोजित 52 वें इंजीनियर्स डे समारोह को संबोधित करते हुए राउरकेला स्टील प्लांट के मुख्य कायर्पालक अधिकारी, श्री दीपक चट्टराज ने कहा। इंजीनियरों को और अधिक उत्तरदायी रूप से पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को विकसित करने और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उल्लेखनीय है कि प्रतिष्ठित विद्वान, राजनेता और भारत के महानतम इंजीनियरों में से एक, भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मोत्सव को पूरे देश में इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सनक मिश्रा, अध्यक्ष, इंडियन नेशनल एकेडमी आॅफ इंजीनियरिंग और पूर्व प्रबंध निदेशक, राउरकेला स्टील प्लांट इस अवसर पर मुख्य वक्ता थे।
महाप्रबंधक (सेवाएँ) और राउरकेला शाखा के चेयरमैन श्री सी। आर महापात्र और शाखा के सचिव एनआईटी के प्रोफेसर एच जेना भी मंच पर मौजूद थे। इस वर्ष के समारोह के मूल विषय इंजीनियरिंग फॉर चेंज याने परिवर्तन के लिए इंजीनियरिंग पर बोलते हुए, श्री चट्टराज ने पहियों के युग से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी के विकास के बारे में विस्तार से बताया। यह तथ्य कि इंजीनियर समाज के विकास के संदर्भों को परिभाषित करते हैं। इस पर जोर देते हुए श्री चट्टराज ने ज्ञान आधारित वैश्विक समाज के इस दौर में इंजीनियरों के लिए आई चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंजीनियरिंग शिक्षा, अनुसंधान और इस पेशे के लिए व्यापक दृष्टिकोण बदलने की आवश्यकता पर जोर देने केलिए आग्रह किया। डॉ। सनक मिश्रा ने अपने संबोधन में राउरकेला आने पर अपनी अत्यधिक प्रसन्नता जताई, जिसे उन्होंने अपने जीवन के प्रेम के रूप में परिभाषित किया। अपने सेवा-निवृत्ति के बाद उनहोंने राउरकेला स्टील प्लांट और राउरकेला के विकास का बखान किया। डॉ। मिश्रा ने उम्मीद जताई कि आरएसपी आने वाले दिनों में ऊंचे शिखर की बुलंदियों को छूएगा। वैज्ञानिक व्युत्पत्तियों, दार्शनिक विश्लेषण और दिलचस्प उपाख्यानों के माध्यम से, डॉ। मिश्रा ने ‘ज्ञान के पदानुक्रम’ विषय पर एक प्रस्तुति दी।ज्ञान के चार रूप, डेटा, सूचना, ज्ञान और समझ पर विस्तार से बताते हुए समझाया कि समझ या प्रज्ञा क्यों और कैसे ज्ञान का उच्चतम स्वरूप मन जाता है। इसके बाद आयोजित एक बातचीत सत्र में डॉ। मिश्रा ने श्रोताओं के सवालों का जवाब भी दिया। इस अवसर पर श्री चट्टराज ने डॉ। मिश्र को सम्मानित किया। उन्होंने राउरकेला फैब्रिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड के एमडी श्री उदय ए पटेल को उत्कृष्ट लेखन प्रस्तुति के लिए पुरस्कृत किया और बेस्ट मैकेनिकल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट के लिए श्री मोहित मोदी को स्वर्ण पदक प्रदान किये। प्रारंभ में श्री सीआर महापात्र, ने सभा का स्वागत किया। इस कार्यक्रम के दौरान सर विश्वेश्वरैया के जीवन पर आधारित एक फिल्म भी दिखाई गई और साथ ही इंजीनियर दिवस की शपथ भी दिलाई गई। अंत में डॉ। एच एम जेना ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। कायर्पालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री। राज वीर सिंह, कायर्पालक निदेशक (वर्क्स) श्री गौतम बनर्जी, कायर्पालक (सामग्री प्रबंधन) श्री डी के महापात्र, और बड़ी संख्या में आरएसपी के वरिष्ठ अधिकारी, एनआईटी, राउरकेला के प्रोफेसर और इंस्टीट्यूशन आॅफ इंजीनियर्स (इंडिया), राउरकेला स्थानीय केंद्र के सदस्य और पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। सुश्री छबी सुर्येंदु , एनआईटी, राउरकेला की पीएचडी की छात्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया।