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October 17, 2024

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फर्जीवाड़ा गिरोह के कारण बैंक कर्मी पूरन डड़सेना की हुई थी संदिग्ध मौत ?

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ढाई साल बाद भी शिकायत पर कार्यवाही नही हो पाई

इस ज्वालामुखी की अनेक घिनौनी परते हैं साहेबानो?
काश आवेदन DUST BINमें ना होता ?
तत्कालीन SDOPसे हो पूछताछ –?
   
शिखा दास /महासमुन्द पिथौरा (छग)   पिथौरा । फर्जी ऋण पुस्तिका और फर्जी के सी सी लोन के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों के कारण ही एक बैंक कर्मी की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी । मृतक के पिता का आरोप है कि ढाई साल बाद भी इस मामले में कोई कार्यवाही नही हो पाई है । मामले में सात आरोपियों के गिरफ्तार होने के बाद अब पूरन के मौत मामले के भी उजागर होने को बल मिला है । और मृतक के परिजनों में भी एक उम्मीद जगी है ।
*पुरण की मौत के लिये कौन जिम्मेदार ?
किसने मारा पूरण को ?

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आज से करीब ढाई साल पूर्व 27 मार्च 2017 को पिथौरा स्थित केनरा बैंक में बतौर भृत्य के रूप में पदस्थ बैंक कर्मी पुरन डड़सेना निवासी वार्ड नं 2 राजासेवैया (पिथौरा) की लाश घर से करीब 2 किलोमीटर दूर नेशनल हाइवे 53 के किनारे एक पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकती हुई संदिग्ध परिस्थि में मिली थी ।घटना और घटना स्थल की परिस्थियों से अनेक संदेह नजर आ रहे थे । मृतक के पिता परदेशी डड़सेना ने 12 अप्रेल 2017 को पिथौरा में आवेदन देकर बैंक से के सी सी लोन से संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति संलग्न कर उचित कार्यवाही कर संबंधित आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही करने निवेदन किया था । जो आज ढाई साल बाद भी नही हो सका है ।आवेदक परदेशी राम डड़सेना के मुताबिक घटना दिनांक के एक दिन पूर्व ही पूरन ने उक्त दस्तावेज को अपनी माता को दिया था । तथा देते हुए बताया था कि इस दस्तावेज को मुझसे हासिल करने के लिए तीन चार लोग मेरा पीछा कर रहे हैं । इसे संभालकर रखना बता कर सौपा था ।परदेशी डड़सेना के मुताबिक पुलिस को दिए गए दस्तावेज वो दस्तावेज हैं । जो ग्राम बेलडीही के कृषक डमरू पिता भीम जाति रावत के नाम पर है । तथा उक्त दस्तावेज से केनरा बैंक शाखा पिथौरा में के सी सी लोन प्राप्त करने हेतु जमा किया गया था । उक्त दस्तावेज को बैंक प्रबंधक ने तहसीलदार के हस्ताक्षर सत्यापन हेतु पूरन के हाथों तहसील कार्यालय पिथौरा भेजा था । जहाँ पर तात्कालीन तहसीलदार ने हस्ताक्षर एवम सील को फर्जी बताकर वापस भेज दिया था ।  इस बात की भनक इस फर्जीवाड़ा में संलिप्त लोगों को लग गई और फंस जाने के डर से उक्त दस्तावेज को पूरन से हथियाना चाह रहे थे । इसके बाद दूसरे ही दिन पूरन की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी ।कुछ तो यह भी बताते हैं कि शादी PARTYमें खूब DANCEभी किया वहाँ से अचानक लापता हो गया ।फिर लाश मिली ।  मृतक के पिता परदेशी राम के मुताबिक 26 मार्च की संध्या करीब 7 बजे कपड़ा प्रेस कराने के नाम पर घर से निकलने के बाद वापस नही लौटा । उस दिन रात्रि में हाल ही में के सी सी लोन फर्जीवाड़ा मामले में पकड़े गए मुख्य आरोपी उत्तम मजूमदार एवं अन्य दो लोगों के साथ घूमते हुए देखा गया था । तथा रात्रि में एक बैंक कर्मी के निवास स्थान लाखागढ़ में बकरा पार्टी आयोजित था ।  घटना पश्चात परिजनों द्वारा संबंधित ब्यक्तियों से किये गए पूछताछ में सभी लोगों के बयानों में भिन्नता थी जो संदेहों को जन्म दे रहा था । लिहाजा परिजनों ने उपरोक्त सभी लोगो के नामों का उल्लेख कर घटना एवं घटना स्थल की परिस्थितियों पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर जांच एवं कार्यवाही करने लिखित आवेदन देकर जांच एवं कार्यवाही करने निवेदन किया था । जिसकी जांच आज तक नही हो पाई । तो नही होती अंगिता यादव ठगी का शिकार–12 अप्रेल 2017 को दिए गए इस आवेदन के साथ संलग्न फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पिथौरा पुलिस यदि तत्परता के साथ कार्य करती तो इस बड़े फर्जीवाड़ा का भंडाफोड़ आज से ढाई साल पहले ही हो जाती और आरोपी सलाखों में होते तथा  दर्जनों अंगिता यादव ठगी के शिकार होने से बच जाते ।बहरहाल पूरन की मौत की गुत्थी आज भी अनसुलझी है । के सी सी लोन का फर्जीवाड़ा मामला उजागर होने एवं मामले में संलिप्त 7 आरोपियों के पकड़े जाने के बाद परिजनों में पूरन की मौत मामले में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है ।इस संबंध में थाना प्रभारी कमला पुसाम से संपर्क करने का प्रयास किया गया किन्तु संपर्क नही हो सका ।तत्कालीन SDOP श्री पटेल COOPRATIVE BANKमें किसी कागजात दस्तावेज की ENQUIRY में ग ये तो थे पर क्यों मामला ठण्डे बस्ते में रहा यह शोध का विषय विचारणीय कई प्रश्नों को दे रहा जन्म ?तत्कालीन तहसीलदार को भीREPORTकरवाने की भूमिका में होना था तो शायद ?एक परिवार का चिराग सँभवत: ना उजड़ता ।SDOP MR PATELकी भूमिका पूर्णतया सँदिग्ध ? वोCOOPRATIVE BANK तक तो ग ये थे पर रुचि लेकर कार्यवाही तक क्यों नही पहुँचे?गौरतलब है कि किशनपुर स्व योगमाया उसके दो बच्चों व पति की खूनी नृशँस हत्याकांड भी SDOP PATELके कायॆकाल में ही हुआ था और पूर्ण खानदान ऊड़ जाने का गम लेकर योगमाया के ससुर को भटकाव के बाद साहू समाज के साथ आन्दोलन हेतु बाध्य होना पड़ा था शर्मनाक तत्कालीन SPने तो पिथौरा की MEDIAसे ही दुरी बना ली थी ।पुरण को पड़ोसी के शादी घर से DANCE करते समय जबरन अन्यत्र लेने वाले व उसी रात मौत का रूप दे देने वाले चेहरो का पर्दाफाश होना समाजहित देश हित में अत्यावाश्यक वर्ना कल हम आप भी सुरक्षित नही ?

 

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