एक साल से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेल रहा सिन्हा परिवार
न्याय नहीं मिलने पर अब पीड़ित परिवार ने दी सामूहिक आत्महत्या की चेतावनी
Shikha Das, Mahasamund
महासमुंद। जिले के ग्राम चरौदा में एक परिवार सालभर से सामाजिक बहिष्कार का दंश झेलने मजबूर है। इस परिवार का कसूर सिर्फ इतना है कि इन्होंने गांव के कुछ दबंग लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। फिर क्या था दंबगों ने पीड़ित परिवार का गांव में पौनी पसारी बंद कर दिया। दिलचस्प बात तो यह है कि कलेक्टर व एसपी से शिकायत के बाद भी इन्हें समाज में शामिल नहीं किया गया है। न्याय की गुहार लगाते यह है परिवार थक चुका है अब परिजन सामूहिक आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं।

आज सोमवार को न्याय की गुहार लगाने जिला मुख्यालय महासमुंद पहुंचे पीड़ित परिवार ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए आपबीती बताई। परिवार की महिला सदस्य नीतू सिन्हा ने रोते हुए बताया कि उनके परिवार को गांव के दबंग शेखर सिन्हा द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। उनके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद से गांव में उनका पौनी पसारी बंद कर दिया गया है। गांव के लोगों को किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं रखने का फरमान जारी किया गया है। किसी तरह का संबंध रखने या फिर उनके घर आने वालों पर दो हजार का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही शेखर सिन्हा का बेटा जो उपसरपंच हैं उसने संबंध रखने की जानकारी देने वाले को पांच सौ का इनाम देने की घोषणा की है। जिससे गांव का कोई भी व्यक्ति उनसे संबंध नहीं रख रहा है। जिससे उनकी खेती किसानी का काम बंद हो गया है। मवेशी चराने में भी चरवाहा इंकार कर दिया है। उनके परिवार के खिलाफ फरमान की शिकायत कलेक्टर व एसपी से करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नीतू कहती हैं कि न्याय नहीं मिलने की स्थिति में वह अपने परिवार के साथ आत्महत्या करने के लिए बाध्य हो जाएगीं।
जांच के लिए टीआई को दिए गए निर्देश-एएसपी
इस मामले में एएसपी मेघा टेम्भूरकर ने एएनआई संवाददाता से चर्चा करते हुए बताया कि खल्लारी टीआई दीपा केंवट को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में पीड़ित परिवार की ओर से शिकायत मिली है।
