मां वैष्णो देवी मंदिर में जय माता दी परिवार की सोल्लास मनी 21वीं वर्षगांठ
मंदिर प्रांगण में पूजा अर्चना के साथ भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण
सेवाभावी युवाओं ने लिया साल भर सेवा का संकल्प
राउरकेला। शहर के प्रतिष्ठित मां तारिणी मंदिर, पानपोष रोड में नवरात्र पर पूरे दिन व मां वैष्णौ देवी मंदिर में पहली जनवरी को आने वाले भक्तों के बीच प्रसाद बांट कर दो दशक से अनवरत सेवा देने वाला जय माता दी परिवार के गठन का 20 साल पूरा होकर 21 वें प्रवेश में कर गया,जिससे वर्ष 2000 में बने सेवाभावी युवाओं ने जय माता दी परिवार की 21 वीं वर्षगांठ का पालन किया। विगत दो दशक के पहली जनवरी की तरह इस बार भी जयमाता दी परिवार ने उत्साव व उल्लास के बीच गोपबंधुपाली की पहाड़ी पर स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर प्रांगण में कैंप लगा यहां आने वाले भक्तों के लिए भंडारा लगाया और सैकड़ों भक्तों को प्रसाद खिला कर उनकी सेवा की। जय माता दी परिवार के सदस्यों ने मंदिर प्रांगण में मां वैष्णो देवी की पूजा अर्चना की और नववर्ष पर शहरवासियो को शुभकामायें देते हुए साल भर सेवा का संकल्प लिया।
जय माता दी परिवार राउरकेला का 21वां वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में संगठन के सदस्यों में संजीव साहू, मुकेश साहू, वीर प्रसाद, संतोष प्रसाद, रिंकू लोहार, अविनाश साहू, मनिष साहा, पिंटू पात्र,अजय दास, अजय अग्रवाल, नीरज शर्मा, शंकर विश्वाल, अमित गोप, दीप नारायन गोप, विवेक साहू, प्रकाश कुंडू, चंद्रेश चौहान, विक्रम प्रसाद, अमित सिंह राजपुत,पंकज वर्मा, दुश्यंत, रवि आदि दुर्गापुर पहाड़ी स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की और नववर्ष के उपलक्ष्य में हर साल की तरह इस साल भी मंदिर प्रांगण में भंडारा व भजन का आयोजन किया गया। विगत दो दशक से प्रत्येक वर्ष नववर्ष पर जय माता दी परिवार द्वारा भजन संध्या व भंडारा का आयोजन किया जाता है। सुबह नौ बजे से भक्तों को बिस्कुट चाय का सेवा व पुरी हलवा चन्ना का प्रसाद दिया गया। दोपहर तीन बजे तक भंडारा का कार्यक्रम चला। मां वैष्णो देवी मंदिर में नववर्ष पर 20 हजार से अधिक भक्तों ने माता का दर्शन किया। शाम पांच बजे से जय माता दी परिवार द्वारा माता का भजन संध्या का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में संदीप व बबलू के साथ पूरे जय माता दी परिवार के सदस्य उपस्थित थे। कार्यक्रम को सुचारू रूप में संचालन में जय माता दी परिवार के साथ मां वैष्णो देवी परिवार के राजू चाड़क, सुरेश सिंह बाबा, कुनू यादव, धल मास्टर व सुबोध सिंह आदि का सराहनीय योगदान रहा।