नये एजीएम से संयंत्र को काफी अपेक्षाएं, अधिक जवाबदेही के लिए रहें तैयार: चट्टराज
1 min readनए सहायक महाप्रबंधकों से सीईओ ने कहा इस्पात संयंत्र का भविष्य आपके हाथ में है
राउरकेला। पदोन्नत हुए 25 नए सहायक महा प्रबंधकों को 1 जुलाई 2019 को सी।ई।ओ सम्मलेन कक्ष में आयोजित एक समारोह में राउरकेला इस्पात संयंत्र के सेईओ श्री दीपक चट्टराज ने पदोन्नति आदेश प्रदान करते हुए कहा कि इस्पात संयंत्र का भविष्य आपके हाथ में है। इस अवसर पर कायर्पालक निदेशक, (पी एंड ए), श्री राज वीर सिंह, कायर्पालक निदेशक, (वकर््स), श्री गौतम बनर्जी, कायर्पालक निदेशक, (एमएम), श्री डी के महापात्र और आरएसपी के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री चट्टराज ने कहा कि नए सहायक महा प्रबंधकों (ए।जी।एम) से संयंत्र को काफी अपेक्षाएं हैं और वे अधिक दायित्यों को लेने के लिए प्रस्तुत हों क्योंकि इसी के लिए इस पद पर उनका चयन किया गया है। चुनौतीपूर्ण दौर से कंपनी को गुजरते हुए देख, सी।ई।ओ ने कहा कि कमर्चारियों में क्षमता और प्रतिभाएं हैं और इनका उपयोग करते हुए उन्हें प्रबंधन की अपेक्षाओं तक बने रहने में प्रयासरत होना पड़ेगा। श्री चट्टराज ने कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र जैसे सुरक्षा, उत्पादन लागत, गुणवत्ता और परियोजनाओं का समय पर पूरा किये जाने पर बल दिया। उन्होंने पुन: जोर देते हुए कहा कि स्वयं और संयंत्र के भलाई के लिए कठिन परिश्रम का साथ साथ आत्मनिरीक्षण भी करने की आवश्यकता है।श्री राज वीर सिंह ने अधिकारियों को अपनी क्षमताओं को निखारने के लिए रचनात्मक और नवप्रवर्तनशील बने रहने की सलाह दी। सफल और असफल व्यक्ति की व्याख्या देते हुए श्री गौतम बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि सफल व्यक्ति हमेशा अपने लिए एक टारगेट तय करता है और उसे प्राप्ते करने के लिए भरसक कोशिश करता है चाहे परिस्थियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हो। श्री डी के महापात्र ने कायर्पालकों से आग्रह किया कि वे नए सौंपे गए कामों को अच्छी तरह से निभाएं और नयी कौशलों को सीखें ताकि वे एक अच्छे प्रोफेशनल के रूप में आगे बढ़ सकें महा प्रबंधक (सामग्री प्रबंधन व पर्चेज) श्री एन।के सामंतराय और महाप्रबंधक श्री ए।के चक्रबर्ती ने भी इस अवसर पर कायर्पालकों को संबोधित किया। पदोन्नत अधिकारियों ने प्रबंधन का धन्यवाद किया और प्लांट के हित के लिए समर्पित रूप से कार्य करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। सहायक प्रबंधक (कार्मिक-ओडी) श्री सोमदत त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया।