Recent Posts

November 19, 2024

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

थर्ड पे रिवीजन व लंबित मुद्दों पर सेफी के पदाधिकारियों की इस्पात मंत्री से वार्त

1 min read
Steel minister of SAFE officials over issues

इस अवधि को वित्तीय निष्पादन का आधार बनाना चाहिए
राउरकेला। स्टील एक्जीक्यूटिव फेडरेशन आॅफ इंडिया (सेफी) के पदाधिकारियों ने थर्ड पे रिवीजन समेत अन्य लंबित मुद्दों को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान से मुलाकात की। उन्होंने सेल की स्थिति से अवगत कराते हुए उत्पादन में बढ़ोतरी करने, पे रिवीजन व लंबित मुद्दों का समाधान करने, आफोर्डबिलिटी क्लॉज को हटाने के लिए पहल करने का अनुरोध किया। सेफी के महासचिव विमल बिसी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से जून 2016 में सार्वजनिक उपक्रम के अधिकारियों के नए वेतन निर्धारण के लिए तीसरे पे रिवीजन कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने रिपोर्ट तैयार कर कैबिनेट में स्वीकृति के लिए भेजा है।सरकार ने आफोर्डेबिलिटी क्लॉज पर विचार नहीं किया, जिससे सेल एक्जीक्यूटिव को भारी नुकसान हो रहा है।

Steel minister of SAFE officials over issues

उन्होंने बताया कि पे रिवीजन प्रोफिट विफोर टैक्स को आधार बनाया गया है। इस दौरान सेल का घाटा होने पर अधिकारियों को पे रिवीजन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कमेटी की अनुशंसा में सार्वजनिक उपक्रमों में तीन साल के वित्तीय निष्पादन को आधार मान कर वेतन न निर्धारण का उल्लेख है जबकि पे रिवीजन 10 वर्ष के लिए किया जाता है। इसलिए इस अवधि को वित्तीय निष्पादन का आधार बनाना चाहिए। तीन वर्ष की अनुशंसा से इस्पात सेक्टर के अधिकारियों के वेतन निर्धारण में बड़ी विसंगति उत्पन्न हुई है।उन्होने बताया कि सेल के आधुनिकीकरण एवं विस्तारण पर 70 हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया गया।इस निवेश से ऋण एवं ब्याज आदि का बोझ कंपनी पर पड़ा है। सेल की हानि का कारण संयंत्र के अंदर नहीं बल्कि बाह्य कारण हैं,दूसरी ओर सेल के अधिकारियों ने सर्वश्रेष्ठ उत्पादन दर्ज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। डीपीई 2006-07 से 2014-15 तक सेल का एमओयू रेटिग सर्वोत्तम रहा है। 2015-16 का रिकार्ड भी अच्छा रहा। 2015-16 में उद्योगों की चक्रीय प्रकृति एवं चीन के द्वारा कम कीमत पर भारी निर्यात के कारण घाटा हुआ।पानी, बिजली, कोयला, ईंधन की बढ़ती लागत के साथ सस्ते विदेशी आयात व डंपिग से घरेलू इस्पात को क्षति पहुंची है। विपरीत परिस्थितियों में भी उत्पादन सर्व श्रेष्ठ है। कठिन परिस्थिति में भी वर्ष 2018-19 में सेल ने 3337।89 करोड़ की कारोबार और 2178।82 करोड़ का शुद्ध लाभअर्जित किया जो राष्ट्र निर्माण में इस्पात समूह के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। सेफी ने केंद्रीय मंत्री कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की, जिसपर उन्होंने सकारात्मक पहल का भरोसा दिया। इस दौरान सेफी अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बंछोर व महासचिव विमल कुमार बिसी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *