दो माह पहले बारिश में लाखों का स्टाप डेम क्षतिग्रस्त
मरम्मत के तरफ विभाग नहीं दे रहा है ध्यान
मैनपुर। लगभग 10 वर्ष पहले किसानों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के उददेश्य से सिंचाई विभाग द्वारा खजरान नदी में लगभग 50 लाख रूपये की लागत से स्टाप डेम का निर्माण किया गया था। दो माह पूर्व हूए भारी बारिश से इस लाखो के स्टाप डेम के नीचे का हिस्सा टूट कर बह गया और स्टाप डेम को भारी क्षति पहुंची है साथ ही अगर जल्द ही स्टाप डेम की सुधार नहीं करवाया गया तो आने वाले दिनों में यह लाखों रूपये की लागत से निर्माण किये गये स्टाप डेम बह जायेगा जिसकी जानकारी क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा सिच्ाांई विभाग के अफसरों को देने के बावजूद अब तक कोई भी अफसर या कर्मचारी क्षतिग्रस्त स्टाप डेम का निरीक्षण करने तक नहीं पहुंचे है। तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 10 किलोमीटर दूर खजरान नदी में लगभग 50 लाख रूपये की लागत से सिंचाई विभाग द्वारा 10 वर्ष पहले स्टापडेम का निर्माण किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस स्टापडेम का लाभ किसानों को नहीं मिला, बल्कि गलत जगह पर बगैर मापदंड के निर्माण किये गये स्टापडेम के चलते सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि बर्बाद हो गई और हर वर्ष बारिश के पानी में कृषि भुमि का कटाव बढ़ता जा रहा है। यहां के आदिवासी ग्रामीण इस समस्या को लेकर कई बार सिच्ाांई विभाग के अफसरों से फरियाद लगा चुके है, लेकिन अफसरों के कानों में जू तक नहीं रेग रही है। कटाव भूमि बढ़ता जा रहा है। किसान परेशान और हताश हो गये हंै।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य अमृतमलाल नागेश, पिलेश्वर सोरी , बुधराम कमार, बीजउराम कमार, भगत राम कमार, श्यामलाल कमार ने बताया कि लाखों रूपये की लागत से जब खजरायन नदी में स्टॉप डैम का निर्माण किया जा रहा था उस समय पूरे ग्रामवासी उसे दूसरे ऊचे स्थान पर निर्माण करने की मांग सिंचाई विभाग के अधिकारियों से किये थे लेकिन ग्रामीणो के इस मांग के तरफ सिंचाई विभाग ने ध्यान नहीं दिया। अपनी मनमर्जी करते हुए स्टॉप डैम का निर्माण करवा डाला जिसका खामियाजा यहां के ग्रामीण व किसान भुगत रहे हैं। अबतक सैकड़ों एकड़ खेत जिसमें किसान खेती किसानी करते थे उसे इस स्टॉप डैम के कारण नदी में तब्दील होना पड़ गया है। कई किसानों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। शासन के द्वारा किसानो के हित में अनेक योजनाए संचालित की जा रही है जिससे उन्हे लाभ मिल सके लेकिन निर्माण कार्यों की स्थिति बेहद खराब है। निर्माण कार्यो को देखने वाला कोई नहीं है कोई भी निर्माण कार्य से कितना लाभ होगा और कितना नुकसान इसका आकलन करने वाला कोई नहीं है इसी का परिणाम है कि तुहामेटा खजरान नदी में ठेकेदारो से मिलकर यह स्टापडेम का निर्माण किया गया जो शासन की योजना का मटियामेट करके रख दिया है। गुणवत्ताहीन चेकडेम में गेट लगाना ही भुल गये निर्माण के बाद कभी विभाग के अधिकारियो ने इस ओर झाककर देखना तक पसंद नहीं किये जिसका खामियाजा भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों व किसानों को उठाना पड़ रहा है। मामले की शिकायत पूर्व मे किया जा चुका है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ है ।
- क्या कहते है सिंचाई विभाग के अधिकारी
सिंचाई विभाग के संब इजीनियर डीके पाठक ने बताया कि स्टाप डेम क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है, जल्द ही स्टाप डेम का मरम्मत कराने प्रस्ताव भेजा जायेगा ।