ख़ास ख़बर… देशभक्ति का ऐसा जज्बा, 21 वर्षों से खेत में ध्वजा रोहण कर मजदूर रतीराम झंडे को देता है सलामी
1 min read- न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
- एक सप्ताह पहले से मजदूर रतीराम 15 अगस्त और 26 जनवरी की तैयारी मे लग जाता है
- मजदूर रतीराम ने चर्चा में बताया देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि सबसे बड़ा त्यौहार राष्ट्रीय पर्व है
मैनपुर -पूरे देशवासियो के लिए स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस काफी खुशी व उत्साह का दिन रहता है इस दिन जहां एक ओर शासन स्तर पर बड़े -बड़े कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है। वही छोटे -छोटे गांव मे भी राष्ट्रीय पर्व धुमधाम से मनाया जाता है ध्वजा रोहण कर जुलुस निकाली जाती है अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमो के साथ मिष्ठान वितरण किया जाता है। वही दूसरी ओर हम एक ऐसे व्यक्ति मजदूर के बारे मे बताने जा रहे जिसके रोम -रोम मे देशभक्ति का ऐसा जज्बा देखने को मिलता है वह भले ही दूसरे के खेत मे मजदूरी का कार्य करता है लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी राष्ट्रीय पर्व के दिन अपने कार्य से छुट्टी लेकर सुबह नहा -धोकर सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के अनेक शहीदो के छायाचित्र की विधिवत पूजा अर्चना कर खेत मे ही राष्ट्र ध्वज तिरंगा फरहा कर बकायदा अपने मजदूरी के पैसे से मिठाई का वितरण भी करता है।
इस मजदूर का नाम रतीराम है और रतीराम उम्र के अंतिम पड़ाव मे पहुंच गया है। काफी उम्र दराज लगभग 85 वर्षीय रतीराम पिछले 20 वर्षो से मैनपुर जिस खेत मे मजदूरी कर रहा है वही ध्वजा रोहण करता आ रहा है। रतीराम की उम्र लगभग 85 वर्ष के आसपास है लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन उसके शरीर मे एक अजीब सी फुर्ती और उत्साह देखने को मिलता है किसी जवानो की तरह ध्वजा रोहण के बाद सलामी देता है साथ ही भारत माता की जय गगन भेदी जयकारे भी लगाता है।
ज्ञात हो कि मैनपुर के वरिष्ठ नागरिक व किसान शेख फखरूद्दीन के खेत मे पिछले 40-45 वर्षो मजदूरी का कार्य कर रहे रतीराम नगरी सिहावा क्षेत्र का रहने वाला है और रतीराम के पिता आजादी की लड़ाई के दौरान नगरी सिहावा क्षेत्र धमतरी कण्डेल मे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पहुंचे थे तो उन्हे देखने उसके पिता भी गया था और उसके पिता हर वर्ष अपने घर मे ध्वजा रोहण करता था। रतीराम के पिता के निधन के बाद रतीराम जो मैनपुर मे मजदूरी का कार्य करता है वह प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी एक सप्ताह पूर्व से इस पर्व की तैयारी मे जूट जाता है। जिस खेत पर ध्वजा रोहण करना है वहां साफ -सफाई के साथ आसपास के लोगो को बकायदा निमंत्रण देता है और सुबह 7ः30 बजे पूजा अर्चना कर ध्वजा रोहण करता है। रतीराम ने बताया कि वे पिछले 20-21 सालो से ध्वजा रोहण करते आ रहे है उनके पास मकान नही है, और तो और राशन कार्ड, स्मार्ट कार्ड, आधार कार्ड और तो और उन्हे कोई पेंशन भी नही मिलता लेकिन इससे उन्हे कोई परवाह नही है, रतीराम बताते है वे जिसके यहां कार्य करते है वे लोग उनके परिवार के सदस्य की तरह उन्हे रखे है क्योकि उम्र के इस पड़ाव मे 85 वर्ष मे अब शाम को रतीराम को ठीक से दिखाई भी नही देता चलने फिरने मे भी परेशानी होती है लेकिन जिनके यहां वे मजदूरी का कार्य करते आ रहे है उनके द्वारा उन्हे पक्का मकान बनाकर उम्रभर वहा रहने के लिए दिया है साथ ही तीनो टाईम भोजन के साथ उनके स्वास्थ्य का भी ख्याल रखते है इसलिए उन्हे कभी राशन कार्ड, आधार कार्ड, स्मार्ट कार्ड और तो और स्वयं के मकान की जरूरत महसूस नही हुई। रतीराम बताया कि देश के आजादी मे उनके बाप दादा लोग भी संघर्ष किये है उनके परिवार गांधी जी के विचारो से बहुत प्रभावित रहा है इसलिए उसके भीतर भी देशभक्ति बचपन से है उन्होने सभी देशवासियो से अपील किया है कि राष्ट्रीय पर्व हमारा सबसे बड़ा पर्व है जिसे धूमधाम के साथ सभी को मनाना चाहिए।