सिविल टाउन आरडीए मार्केट के जमींदोज करने पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश
1 min readमामला सौ करोड़ से अधिक मूल्य की जमीन पर बने 56 दूकानों को हटाने का
नोटिस नहीं लेने पर दुकानों पर नोटिस चिपकाया गया है
राउरकेला । राउरकेला विकास प्राधिकरण, आरडीए के सिविल टाउन शिप के लायंस नेत्र अस्पताल के सामने सौ करोड़ से अधिक मूल्य के दो एकड़ से अधिक जमीन पर बने बीस साल पुराने मार्केट कमलेक्स को तोड़कर इसे बहुमंजिला मार्केट बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर सुप्रीम कोर्ट का स्थगनादेश पर पानी फिर गया, जिससे मार्केट के पुनरोद्धार को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर गहरा गया है ।
हालांकि आरडीए प्रबंधन ने यहां के 56 दुकानदारों को हट जाने का नोटिस जारी किया है, लेकिन आरडीए प्रबंधन के फैसले के खिलाफ एकजुट दुकानदारों ने नोटिस नहीं लिया है, जिससे आरडीए प्रबंधन पशोपेश में है । डेढ़ दशक पूर्व आरडीए मार्केट के ऊपरी हिस्से में मार्केट निर्माण के लिए उद्यमी डीएस ढींगरा (कांके)ने जमीन ली है । इसके खुलासे के बाद ही मार्केट के दुकानदारों व आरडीए प्रबंधन में विवाद गहराया है । श्री ढींगरा व एकजुट दुकानदारों ने आरडीए प्रबंधन पर एक दूसरे का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं, साथ हाईकोर्ट के फैसले श्री ढींगरा के पक्ष में आने के बाद फैसला के क्रियान्वयन के पहले ही दुकानदारों ने हाईकोर्ट के फैसले के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिस पर अंतरिम आदेश देते आरडीए मार्केट पर अगली सुनवाई तक छह सप्ताह का स्थगनादेश जारी किया, जिससे दुकानदारों को फौरी तौर पर राहत मिली है और इसे आरडीए प्रबंधन व श्री ढींगरा की हार व एकजुट दुकानदारों की जीत के रूप में देखी जा रही है । हालांकि श्री ढींगरा ने बताया कि उड़ीसा के उच्च न्यायालय के निर्देश पर आरडीए में 13 वीं प्राधिकरण की बैठक में विधिवत नंबर-13,44 (2) में दिनांक 17/10/2012 को मार्केट का हिस्सा उन्हें आवंटन किये जाने की बात कही और बताया कि अधिकांश दुकानदार अवैध कब्जा जमा कर रखे हैं । यहां पर कई अवैध काम होते हैं, 15 मई को हाई कोर्ट ने दुकानदारों के खिलाफ फैसला सुनाते हुए मार्केट को तोड़ कर इसके विकास करने को हरी झंडी दी । हालांकि यहां के दुकानदारों को मार्केट बन जाने के बाद यहां पुनर्वास में प्राथमिकता देने को कहा । मार्केट के पुननिर्माण होने तक वैकल्पि जगह पर व्यवसाय के लिए लायंस अस्पताल के सट कर खाली पड़ी जमीन पर अस्थायी दुकान बना कर देने की हामी आरडीए ने भरी और 15 जुलाई को जारी नोटिस में 20 जुलाई तक हट जाने को कहा ताकि मार्केट के पुननिर्माण ेक लिए 31 जुलाई को पूरे मार्केट को जमींदोज किया जा सके । नोटिस नहीं लेने पर बुधवार की शाम को यहां केसभी 56 दुकानों पर उक्त आदेश वाले नोटिस को चिपकाया गया । हाईकोर्ट के आदेश के दो महीने बाद हरकत में आने के पहले मार्केट के उपरी मंजिल के हिस्से को अवैध तरीके व बिना टेंडर के आवंटन किये जाने की जानकारी देते हुए सुप्रीम कोर्ट में करीब तीन दर्जन दुकानदारों की दायर याचिका पर आठ जुलाई को अंतरिम फैसले में पूरे मामले यानी आरडीए मार्केट में किसी तरह के छेड़ छाड़ व तोडफोड़ पर छह सप्ताह का स्थगना देश जारी करते हुए आरडीए समेत अन्य पक्षों को अपना पक्ष रखने को कहा है । ऐसे में आरडीए नोटिस किस हद क्रियान्वयन होगा है । इस पर सबों की नजर है ।