स्वामीजी की दीक्षा को पूर्ण हुए 57 वर्ष
समारोह में स्वामीजी का भव्य सम्मान
खरियार रोड । नगर से 3 किलोमीटर दूर ग्राम आमसेन स्थित गुरुकुल आश्रम के संस्थापक पूज्य स्वामी धर्मानंद सरस्वती जी की दीक्षा को 57 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। गुरुकुल परिसर में आयोजित सम्मान समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर स्वामी जी का सम्मान किया। कार्यक्रम में विशेष तौर पर जिला के अडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सीताराम पटेल उपस्थित थे।
इनके अलावा गुरुकुल के व्यवस्थापक डॉ व्रतानंद सरस्वती, लोहरदगा के पूर्व कलेक्टर दिनेश उपाध्याय, रायपुर से समाजसेवी विनोद जायसवाल, कांटाबांजी से समाजसेवी अमित अग्रवाल, समाजसेवी सुरेश अग्रवाल नुआपाड़ा, होसगाबाद से स्वामी अमृतानंद जी, उत्कल प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन के स्थानीय शाखा अध्यक्ष कैलाश मरोदिया, सचिव रम्मू अग्रवाल, लखनलाल लखमनिया, बजरंग रुइया सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में विशेष तौर पर स्वामीजी की बहन और बहनोई भी उपस्थित थे। मंच का संचालन कर रहे डॉ। कुञ्ज देव मनीषी जी ने बताया कि हरियाणा के हिमायुपुर में 28 मई 1940 को जन्मे स्वामी जी ने हरियाणा के आर्य समाज सन 1961 में दीक्षा ग्रहण की। 21 वर्ष की छोटी सी आयु में ही बड़े सपने को संजोये स्वामीजी ने ओड़िशा को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुनने का निर्णय लिया। आजीवन ब्रह्मचारी रहने का संकल्प लेंने के बाद हरियाणा प्रान्त में जन्मे स्वामी जी ने ओडिशा प्रदेश के सबसे पिछड़े हुए जिले कालाहांडी के एक छोटे से गांव आमसेना को अपनी कर्मभूमि के रुप में चुना। आदिवासी बहुल व धर्मान्तरण बहुल इस क्षेत्र में 7 मार्च 1968 को आश्रम की स्थापना की। आर्य समाज द्वारा संचालित गुरुकुल आश्रम वर्तमान में एक वट वृक्ष का रूप ले ले लिया है वर्तमान में उक्त आश्रम की अन्य पांच प्रांतों में 15 शाखाएं हैं। फिलहाल आमसेना आश्रम में कुल 250 छात्र एवं कन्या छात्रा निवास पर 150 कन्याएं शिक्षा अध्ययन कर रही हैं। ज्ञात हो कि धर्मानंद सरस्वती ओड़िशा आर्य समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। स्वामी धर्मानंद जी ने सन 1961 में सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को दीक्षा ली थी, जिसे आज 57 वर्ष पूरे हो गए।