एक दर्जन से ज्यादा ग्रामो के लोगों को जान जोखिम में डालकर आना जाना करना पड़ रहा है
मैनपुरकला मार्ग में तीन साल पहले 50 लाख रूपये की लागत से निर्माण किये गये पुल टुटकर बहा टुटे पुल का निरीक्षण करने विधायक, उच्च अधिकारी कई बार पहुंच चुके है पर ग्रामीणों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला
अब आक्रोशित ग्रामीणों ने पुल निर्माण की मांग को लेकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी
बारिश से पहले पुल की मरम्मत नहीं करने से किसान कहा से ले जायेंगे धान और बीज
मैनपुर – एक तरफ राज्य के भूपेश बघेल सरकार गांव गरीब किसानों के हितों में अनेक जनकल्याणकारी योजनाए संचालित कर रही है और तो और ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए लाखों करोडों रूप्ये की बजट उपलब्ध करा रही है लेकिन गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र में सरकार के जनकल्याणकारी योजनाआंे का जो लाभ ग्रामीणाें को मिलना चाहिए नही मिलता दिखाई दे रहा है। और तो और गरियाबंद जिला के प्रभारी मंत्री छत्तीसगढ़ प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने लगभग एक साल पहले गरियाबंद में समीक्षा बैठक के दौरान लोक निर्माण एंव प्रधानमंत्री ग्राम सडक येाजना के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया था कि मैनपुरकला फुलझर मार्ग में लाखों रूपये के लागत से निर्माण किये गये जो पुल टुट गया है।
उस पुल की 15 दिनों के भीतर मरम्मत कराई जाए, जिससे ग्रामीणों को आने जाने में और राशन अपने गांव तक ले जाने में कोई असुविधा न हो लेकिन गरियाबदं जिले के मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के इस टुटे पुल का निरीक्षण करने क्षेत्र के विधायक अधिकारी, और कई बडे जनप्रतिनिधि आए नया पुल निर्माण की बात तो बहुत दुर प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के आदेश का पालन भी नहीं किया गया और टुटे हुए पुल का मरम्मत भी नहीं किया गया जिसके कारण लगभग एक दर्जन ग्रामों कें हजारांे ग्रामीणो को जान जोखिम में डालकर प्रतिदिन मैनपुर आना पड़ता है। और तो और अब खेती किसानी का कार्य प्रारंभ हो गया है।
किसानों को धान बीज और खाद को अपने घरो तक ले जाने में कितना परेशानी होगी यह सिर्फ किसान ही जान सकते है। साथ ही बारिश के पहले यदि इस पुल की मरम्मत नही किया गया अस्थाई आवगमन के लिए रास्ता नहीं बनाया गया तो ग्रामीणाें को भारी परेशानियाें का सामना करना पडे़गा। अब तो मैनपुरकला, फुझर,कसाबाय, सहित एक दर्जन ग्राम के ग्रामीणो में इस टुट पुल के मरम्मत नही किये जाने से और तीन साल में नया पुल का निर्माण नही किये जाने से भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है। और ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
तहसील मुख्यालय मैनपुर से मात्र 03 किलोमीटर की दुरी पर फुलझर मार्ग में लगभग आठ वर्ष पहले 50 लाख रूपये की लागत से लोक निर्माण विभाग गरियाबंद द्वारा पुल का निर्माण किया गया था। घटिया पुल निर्माण की शिकायत कई बार ग्रामीणों ने संबधित विभाग के अधिकारियों से कर जांच की मांग किया था, लेकिन अधिकारियाें ने ग्रामीणाें की शिकायतों को एक भी नही सुना, नजीता घटिया निर्माण के चलते लाखों रूपये का पुल तीन वर्ष पहले बारिश के पानी में बह गया तब से इस क्षेत्र के लगभग एक दर्जन से ज्यादा ग्राम पाराटोला के हजारों लोगों को जान जोखिम में डालकर आना जाना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस टुट चुके पुल के जांच की मांग और नया पुल की मांग को लेकर फुलझर से 150 किलोमीटर पदयात्रा कर डेढ वर्ष पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पहुंचकर मामले की शिकायत किया था, और गरियाबंद पहुचे जिले के प्रभारी मंत्री तथा गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने डेढ वर्ष पहले ही इस टुट चुके पुल स्थान पर अस्थाई आने जाने के लिए रपटा निर्माण करवाने का आदेश लोक निर्माण एंव प्रधानमंत्री ग्राम सडक विभाग को दिया था।
साथ ही पुल टुटने की जांच रिर्पोट प्रस्तुत करने कहा था, लेकिन गृहमंत्री व प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देशों का आज तक पालन नही हुआ आने जाने के लिए अस्थाई रपटा निर्माण तो दुर एक ढेला का भी मरम्मत नहीं किया गया। नजीता ग्रामीण लगभग 20 फीट गहरे गढढें को प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर पार कर आना जाना करने मजबूर हो रहे हैं।
विधायक सहित जिले के आला अफसर पहुंचे पर कुछ नहीं हुआ
ग्राम मैनपुरकला के पूर्व जिला पंचायत सदस्य सियाराम ठाकुर, निहाल सिंह, मंशाराम, तनवीर राजपुत, राकेश ठाकुर, गजेन्द्र नेगी, गौकरण नागेश ने बताया कि मुख्यमंत्री निवास में शिकायत करने के बाद प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने अस्थाई रपट्ा निर्माण करने का आदेश दिया था। और बिन्द्रानवागढ के विधायक डमरूधर पुजारी, पूर्व कलेक्टर श्याम धावडे, पूर्व जिला पंचायत सीईओं विनय कुमार लंगेह सहित कई आला अफसरों ने पुल का निरीक्षण कर जल्द निर्माण करावाने की बात कही लेकिन अब तक कुछ भी कार्य नहीं हुुआ है। ग्रामीणों ने कहा प्रभारी मंत्री के आदेंशों का अहवेलना किया जा रहा है, तो अब हम ग्रामीणो का सुनने वाला कौन है। इस मामले को लेकर ग्रामीण उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दिया है।
विधायक पुजारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार को आदिवासी क्षेत्र के समस्याओं से कोई लेना देना नहीं
बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने कहा कि पुल टुटने के बाद मै स्वंय पुल का निरीक्षण करने मौके पर पहुचा था घटिया निर्माण के चलते पुल टुट गया जिसकी लिखित शिकायत और मामले को विंधानसभा में भी लाया जा चुका है। और तो और इस मामले को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणो ने 150 किलोमीटर पैदल यात्रा कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर समस्याआें से अवगत भी कराया है लेकिन छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार को आदिवासी क्षेत्र के समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। श्री पुजारी ने कहा तीन वर्ष पहले यह पुल बारिश में बह गया। लगातार ग्रामीण नया पुल निर्माण की मांग कर रहे है, लेकिन ग्रामीणाें की समस्याआें को सुनने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणाें की इस जायजा मांग को लेकर वे स्वंय एक बार फिर मामले को विधानसभा में उठायेंगे और जरूरत पडी तो पुल निर्माण क लिए आंदोलन भी किया जायेगा।