आमामोरा ओंड पहाडी में बूढाराजा जलप्रपात अपना प्राकृतिक छटा बिखेर रहा है
मैनपुर से लगभग 38 किलोमीटर दुर पहाडी के उपर है बुढाराजा जलप्रपात
शेख हसन खान/मैनपुर
मैनपुर क्षेत्र मेे पहली ही बारिश के साथ वनांचल और पहाडी क्षेत्रो में प्राकृतिक वाटरफाल अपना मनोरम दृश्य बिखेर रहा है जिसे देख पाना हर किसी की मन में रहती है पर वंहा तक पहुच पाना बेहद कठिन है । ऐसे ही एक वाटरफाल उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के कुल्हाडीघाट वन परिक्षेत्र के दुर्गम पहाडी के उपर बुढाराजा जलप्रपात अपने मनोरम प्राकृतिक छटा को इन दिनों बिखेर रहा है । क्षेत्र में झमाझम अच्छी पहली ही बारिश के साथ इन वाटरफालो में खुबसुरत नजारा देखने को मिल रहा है । लगभग 100 फीट की उचाई से गिर कर चटटानों से टकराते हुए जब यह वाटरफाल की पानी बडा कुण्ड में गिरता है तो यह खुबसुरत दृश्य पर्यटको को काफी सुकुन का अहसास करता है । तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 38 किलोमीटर दुर दुर्गम पहाडी के उपर बसे आमामोरा ओंड के नजदीक यह बुढाराजा जलप्रपात है यहा पहुंचने के लिए बेहद कटीले और फिसलन भरे रास्तों को पार कर जाना पडता है और यह बेहद खतरनाक है ।
थोडी सी असावधानी बडी दुर्घटना का कारण बन सकती है इसलिए यहा पर्यटक बहुत ही कम पहुचते है नोवा नेचर फेयरवेल सोसायटी के सुरज कुमार एंव ओमप्रकाश नागेश द्वारा यह तस्वीर को प्रकाशित करने के लिए उपलब्ध कराई गई है और सूरज कुमार ने बताया यह वाटरफाल बेहद ही खुबसुरत है । पुरी तरह प्राकृतिक है सिर्फ बारिश के ही दिनो मेें इसका आंनद लिया जा सकता है। उन्होने कहा लेकिन यहा जाना खतरे से कम नही है क्योंकि इन दिनों इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का दल लगातार विचरण कर रहे है । साथ ही कई किलोमीटर पैदल चलना पडता है यहा सुरक्षा के लिए कोई भी साधन उपलब्ध नही है,यहा तस्वीर लेना या सेल्फी लेना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।