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November 20, 2024

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प्रमुख धार्मिक आस्था का केन्द्र है कांदाडोगर पहाड़ी पर विराजी माता कुलश्वरी देवी का दरबार, दशहरा में लगता है मेला

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  • शेख हसन खान, गरियाबंद
  • माता सीता की खोज करते कांदाडोंगर आये थे भगवान श्रीराम और लक्ष्मण
  • प्रकृति की अनुपम छटा बिखेर रहे कांदाडोंगर को अब तक नही मिला पर्यटन स्थल का दर्जा

गरियाबंद। मैनपुर- मैनपुर के कांदाडोंगर पहाड़ी पर विराजे मां कुलेश्वरी देवी एवं मां खम्बेश्वरी देवी स्थल क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक आस्था का केन्द्र है मां के दरबार मे जो भी मुरादे मांगी जाती है। मां उसे अवश्य पूरा करती है कांदाडोंगर के विशाल पहाड़ी के चोटी पर मां का प्राचीन मंदिर है और यहां पहुंचने वाले श्रध्दालु पूरे श्रध्दा के साथ मां के दरबार मे पहुंचते है। यहां दशहरा के दिन 84 गढ़ के देवी देवताओं का विशेष पूजा अर्चना किया जाता है साथ ही विशाल शोभा यात्रा निकाली जाती है। दशहरा पर्व मे लगभग 50 हजार से भी ज्यादा लोगो की भीड़ यहां एकत्र होता है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से लगभग 68 किमी दूर मैनपुर विकासखण्ड अंतर्गत क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कांदाडोंगर क्षेत्र के लोगो का आस्था का प्रमुख केन्द्र है यहां जो भी सच्चे दिल से मन्नत मांगी जाती है उसे माता अवश्य पूरा करती है खाली हाथ कभी श्रद्धालु नही लौटते जिसके चलते खासकर दशहरा के पर्व में यहां जन सैलाब उमड़ पड़ता है पूरा पहाड़ी क्षेत्र में हजारो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है और देवी -देवताओं की पूजा अर्चना कर यहां दशहरा का पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम गुढ़ियारी स्थित कांदाडोंगर अपनी प्राकृतिक खुबसुरती के लिए प्रसिद्ध है चारो तरफ घने जंगल हराभरा क्षेत्र पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है कांदाडोंगर की पहाड़ी में ऊंचा शिखर पर 84 गढ़ की देवी मां कुलेश्वरी का मंदिर है वही इस पहाड़ पर देवशक्ति से उत्पन्न जलकुंड है जहां का पानी कभी नही सुखता।

क्षेत्रीय मान्यता के अनुसार यहां के ऐतिहासिक एवं पौराणिक कथाएं प्रचलित है क्षेत्र के बुजुर्गजनों के बताएं अनुसार त्रेतायुग में जब रावण ने माता सीता का हरण किया था तब भगवान श्रीराम और लक्ष्मण दोनो भाई माता सीता की खोज करते कांदाडोंगर आये थे यहां कुछ समय बिताये थे इस पर्वत में ऐसी कई गुफाएं है जिसे लोग लक्ष्मण झुला, हनुमान झुला एवं ऋषियों का तप स्थली के नाम से जानते है। बताया जाता है जब भगवान श्रीराम ने जब लंका विजय किया तो इसकी सूचना मिलते ही कांदाडोंगर में विराजमान देवी मां कुलेश्वरी, मां खम्बेश्वरी देवी एवं 84 गढ़ के देवी -देवता, ठाकुरदेव अपने -अपने ध्वज पताखा के साथ एकत्र होकर यहां विजयदशमी का पर्व धुमधाम से मनाया था तब से आज तक कांदाडोंगर में दशहरा का पर्व धुमाधाम के साथ मनाया जाता है और नवरात्र में यहां विशेष पूजा अर्चना किया जाता है साथ ही दशहरा के पर्व पर हजारो की संख्या में क्षेत्र भर से श्रद्धालु यहां पहुंचते है वही कांदाडोंगर की पहाड़ी में कई स्थानो पर देवी -देवताओं का स्थल है जहां क्षेत्र के लोग विशेष पूजा अर्चना करते है। कांदाडोंगर क्षेत्र की शान है और यहां देवी -देवताओं से आशीर्वाद लेने तथा पूजा अर्चना करने बड़ी संख्या में प्रदेश सहित अन्य प्रदेशो ओड़िसा से लोग पहुंचते है।

प्राकृतिक सौंदर्य से भरा क्षेत्र पर्यटन के मामले में उपेक्षा का शिकार

सुप्रसिद्ध कांदाडोंगर अपने अपार प्रकृति के सौंदर्य से भरा है चारों तरफ हराभरा अनूपम छटा से भरपूर अपने अंदर अपार संभावनाएं को समेटे हुए क्षेत्र के आधार स्तंभ की भांति सदियों से विराजमान हैं तो वहीं दूसरी ओर कांदाडोंगर में सैलानियों के लिए पर्यटन दृष्टिकोण से अद्वितीय शानदार मनोरम प्राकृतिक खुबसूरती बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लाता है इसके अलावा आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी कांदाडोंगर प्रख्यात है इसे ईलाके के देवी देवताओं के गढ़ भी कहा जाता है कांदाडोंगर में न सिर्फ प्रकृति की सुंदर छवि है बल्कि इलाके के सभी देवी देवताओं के आध्यात्मिक केंद्र भी कांदाडोंगर को माना जाता है कांदाडोंगर पहाड़ी मे कई रहस्यमय स्थल है जहां वर्षो पुराना शिला लेख भी है जगह जगह देवी देवताओं का वास है।

आदिवासी परंपरा अनुसार होती है दशहरा पर पूजा

दशहरा के पर्व पर यहां 84 गढ़ के देवी देवताओं के पहुंचने पर मां कुलेश्वरी, मां खम्बेश्वरी व सभी देवी देवताओं का विधि विधान के साथ आदिवासी परंपरा अनुसार पूजा अर्चना किया जाता है जहां क्षेत्र के विधायक से लेकर सभी जनप्रतिनिधि शामिल होते है साथ ही देवी मां से क्षेत्र मे सुख शांति समृध्दि खुशहाली के लिये कामना किया जाता है कांदाडोंगर में पहाड़ी के नीचे भगवान राधा कृष्ण के साथ अन्य देवी देवताओं का मंदिर निर्माण किया गया है लेकिन पहाड़ी में अभीतक सीढ़ीयों का निर्माण कार्य अधूरा है।

कांदाडोंगर को पर्यटन स्थल घोषित कर यहां पहुंचने वाले श्रध्दालुओं के लिये सुविधाएं उपलब्ध कराने विधायक पुजारी ने किया सरकार से मांग

बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने बताया कि कांदाडोंगर क्षेत्र का प्रमुख धार्मिक स्थल है यहां मां कुलेश्वरी, मां खम्बेश्वरी और कई देवी देवताओं का मंदिर है साथ ही यह काफी धार्मिक आस्था का केन्द्र है यहां देव दशहरा का आयोजन किया जाता है हजारो की संख्या में छत्तीसगढ़ सहित ओड़िसा प्रदेश से श्रध्दालु पहुंचते है श्री पुजारी ने कहा कादाडोंगर को पर्यटन स्थल घोषित किया जाना चाहिए साथ ही यहां आने वाले श्रध्दालुओं के लिये पर्यटन विभाग व सरकार द्वारा सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाना चाहिए कई बार उनके द्वारा मांग किया जा चुका है साथ ही मामले को विधासनभा मे भी उठा चुके है।