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December 24, 2024

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अमाड़ एवं रताखड़ ब्यपवर्तन योजना में हुए भ्रस्टाचार की जांच के लिये कलेक्टर ने गठित की 5 सदस्यी टीम, 15 दिन के भीतर सौंपना होगा जांच रिपोर्ट

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  • रामकृष्ण ध्रुव, मैनपुर

गरियाबंद- देवभोग सिचाई उपसंभाग अंतर्गत 50 करोड़ से भी ज्यादा लागत के निर्माणाधीन अमाड़ ब्यपवर्तन व साल भर पहले निर्मित रताखड़ ब्यपवर्तन योजना में ठेकेदार व विभागीय अफसरों की मिलीभगत कर जम कर अनियमितता बरते जाने की शिकायत जिपं अध्यक्ष स्मृति ठाकुर से ग्रामीणों ने किया था। श्रीमती ठाकुर ने सीएम भूपेश के नाम ज्ञापन सौंप इस अनियमितता की जांच की मांग किया था। कांग्रेसी नेता विनोद तिवारी व स्मृति ठाकुर ने मामले में आज कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर से भेंट कर ज्ञापन की प्रितिलिपि सौंपा। मामले में तत्काल सज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए 5 सदस्यी जांच दल गठित किया है।

दल में अन्य तकनीकी विभाग के कार्यपालन अभियंता स्तर के अफसर शामिल होंगे। कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि शिकायत में बताए बिंन्दू के अलावा अन्य सभी तकनीकी पहलूओ की जांच के लिए टीम गठित किया गया है। अनियमितता पाई गई तो दोषी बख्शे नही जाएंगे।जरूरत पड़ी तो ठेकेदार ब्लेक लिस्टेड किये जायेंगे।

भ्रस्टाचार में विभागीय अफसरों की मौन सहमति

शिकायत पत्र में कहा गया है कि भाजपा शासन काल में अमाड़ ब्यपवर्तन के हेडवर्क के मुख्य स्ट्रैकचर,कटाफ़ का नीव टेंडर सिड्यूल के अनुसार तय गहराई में नही रखा गया,जबकि मूल्यांकन पूरी गहराई का किया गया।,हेडवर्क में मानक स्तर के कांक्रीट के उपयोग नही होने से निर्माण के 6 माह के भीतर दरारे पड़ गई है,जिससे आने वाले बारिश में पूरी स्ट्रक्च बह जाने की पूरी सम्भावनाए है।केनाल कार्यो में बनाये जा रहे स्ट्रक्चर गुणवत्त्ता हीन है,स्वीकृत स्थलों के बजाए ठेकेदार द्वारा मनमाफिक स्थलों में केनाल निर्माण कराया गया है,जीससे किसानों को नूकसान उठाना पड़ा है,अब तक मूवावजा भी नही दिया गया है। इन सभी गड़बड़ियों में विभागीय अफसरों की मौन सहमति है।

बगैर इस्तेमाल के बनाये गए मटेरियल के बिल- रताखड़ ब्यपवर्तन में निर्मित डिस्टिब्यूटर चेम्बर में स्वीकृत प्राकलन के अनुसार मटेरियल उपयोग नहीं किया गया है। लगभग ढाई करोड़ का एडेजेस्टमेंन्ट कर पैसों का बंदरबाट किया गया।
रताखड़ नहरों में स्वीकृत स्ट्रक्चर की संख्या के अनूपात में कम स्ट्रक्चर एवं तय स्थलों में निर्माण नहीं किया गया।बगैर स्ट्रक्चर निर्माण के फर्जी तरिके से बिल तैयार किया गया है।

एक ही ठेकेदार को कैसे मिल जाता है काम, इसकी भी जांच हो-

जिपं अध्यक्ष स्मृति ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र में जनसम्पर्क के दरम्यान लगातार ठेका कम्पनी मेसर्स विष्णु अग्रवाल, मेसर्स पवन अग्रवाल एवं मेसर्स माला मोहन बिल्डर्स कम्पनी द्वारा अनुबन्धित एवं इनके द्वारा पेटी कॉन्ट्रेक्ट में लेकर कराए गए समस्त कार्यो के गुणवत्ता हीन होने की लगातार शिकायत प्राप्त हो रही है। विष्णु अग्रवाल को ही लगातार 15 वर्षो से कार्यो का मिलना भी कई सवाल खड़ा करता है। शिकायत में इस बिंदु की भी जांच की मांग की गई है।

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