गरियाबंद के युवा कलेक्टर प्रभात मलिक के वनांचल क्षेत्र में लगातार दौरे से जिले सतत् विकास की राह पर
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- अति नक्सल प्रभावित भूतबेडा,कुचेगा क्षेत्र में पहुचने वाले गरियाबंद जिले के पहले कलेक्टर प्रभात मलिक से आदिवासी क्षेत्र की जनता को बंधी है विकास की उम्मीदें
मैनपुर। गरियाबंद जिले के युवा कलेक्टर प्रभात मलिक के द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद वनांचल आदिवासी क्षेत्रो के ग्रामो में औचक निरीक्षण से अब ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यो में तेजी देखने को मिल रही है। गरियाबंद जिला निर्माण के बाद प्रभात मलिक पहले ऐसे कलेक्टर है जो मैनपुर क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित ओडिसा सीमा से लगे ग्राम भुतबेडा, कुचेंगा, भाटापानी जैसे ग्रामो में पहुंचकर बकायदा चौपाल लगाकर ग्रामीणाें की समस्याओं को सुना और मौके पर ही कई समस्याओं का समाधान किया है साथ ही क्षेत्र में विकास कार्यो को गति देने के लिए स्थानीय अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है, जिसके चलते अब इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणो में भी जिला प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। विकास की उम्मीद बंधी है कलेक्टर प्रभात मलिक के द्वारा अचानक कभी भी किसी भी गांव में पहुंच जाने से अब प्रशासनिक कसावट जिले के भीतर देखने को मिल रहा है खासकर इस आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर वनांचल क्षेत्र में कोरोना काल के दौरान बंद पडे शासकीय विकास कार्यो में गति आने लगी है।
कलेक्टर के लगातार प्रयास से क्षेत्र के ग्रामो में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आई है गरियाबंद जिला के कलेक्टर प्रभात मलिक ने सबसे ज्यादा ध्यान शिक्षा पर दिया जिसके फलस्वरूप मैनपुर वनांचल क्षेत्र के ग्रामो में अब शिक्षक पहुचने लगे है और इसका बेहतर परिणाम अब धीरे धीरे दिखाई देने लगा है। आंगनबाडी केन्द्रो में स्थिति सुधारने के निर्देश देने के बाद अब जंहा बच्चो को गर्म भोजन मिलने लगा है वही कुपोषित बच्चाें को पोषण स्तर पर लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है और मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र के आंगनबाडी केन्द्रो में एक अभियान चलाकर कुपोषित बच्चाें की पहचान कर उन्हे कुपोषण से उपर लाने हर संभव प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्राें के ग्रामो में लंबे समय से अधुरे स्कूल भवनों , रंगमंच भवनों, सामुदायिक भवनों, पुल पुलिया निर्माण, उपस्वास्थ्य केन्द्र भवनों का निर्माण कार्य जो अधुरे पडे़ है उसे कलेक्टर के आदेश पर अब तेजी से पुरा करने विभागीय अमला जुट गए हैं साथ ही दुरस्थ आदिवासी वनांचल क्षेत्रो के उपस्वास्थ्य केन्द्रों में प्रर्याप्त दवा के साथ वंहा स्वास्थ्य कार्यकर्ता की तैनाती को लेकर भी विभाग संजिदा नजर आ रहा है। कई उपस्वास्थ्य केन्द्रों में एक-एक माह तक ताला नहीं खुलता था अब कलेक्टर के लगातार दौरे से उपस्वास्थ्य केन्द्रों में ग्रामीणाें को लाभ मिलने लगा है। वनांचल क्षेत्रों में शिक्षको को 10 किलोमीटर के दायरे में रहने के निर्देश के बाद समय पर शिक्षक स्कूल पहुचने लगे हैं। हालांकि अभी भी क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में शिक्षको की भारी कमी बनी हुई है, तो कई ग्रामों में स्कूलो भवन जर्जर होने के कारण आज भी आदिवासी क्षेत्र के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढाई करने विवश हो रहे है ऐसे स्कूलो की जिला प्रशासन द्वारा पुरी जानकारी मंगवाई गई है, जिससे इन स्कूलों में व्यवस्था बेहतर किया जा सके और लगातार बैठकों समीक्षा किया जा रहा है।
बहरहाल गरियाबंद जिला के युवा कलेक्टर प्रभात मलिक के लगातार इस आदिवासी क्षेत्र के किसी भी गांव में औचक निरीक्षण से प्रशासनिक अमला में हलचल देखने को मिल रही है। और काफी स्तर तक व्यवस्था में सुधार भी दिखाई दे रहा है, तो वही मैनपुर क्षेत्र के दुरस्थ अंदरूनी आदिवासी क्षेत्रों के ग्रामीण इलाकों के ग्रामीणाें को गरियाबंद जिला के कलेक्टर प्रभात मलिक से विकास को लेकर काफी उम्मीद बंधी है।