लाॅकडाउन में शासन की सब्जी बाड़ी योजना बना बिहान की दीदियों का मुख्य आजीविका का साधन
- रामकृष्ण ध्रुव गरियाबंद
- आपदा की स्थिति में शासन की महत्वाकांक्षी बाड़ी योजना से मिल रहा ग्रामीणों को लाभ
गरियाबंद 29 अप्रेल 2021 ।कोविड महामारी में पूरे प्रदेश में लाॅकडाउन की स्थिति बनी हुई है। संक्रमण को कम करने व सुरक्षा की दृष्टि से लम्बे समय तक चल रहे लाॅकडाउन की स्थिति में लोगो के समक्ष बुनियादी सुविधाओं/वस्तुओं की कमी होना लाजमी है। समस्त राशन दुकानों के निष्चित समय तक खोले जाने व सब्जी बजार भी बंद होने तथा अन्य जिलों से आने वाली सब्जियों की आवाजाही बंद होने से लोगों को तमाम परेषारियों का सामना करना पड़ रहा था। करोना काल में लाकडाउन के कारण शहरी क्षेत्रों में जहां निरंतर हरी सब्जियों की किल्लत व कमी हो रहीं थी वहीं ग्रामीण क्षेत्र में बाड़ी योजना से इस क्षेत्र में निरंतर अपनी बाडियों में कार्य कर इस समस्या से निजात पा रहे है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ शासन की महती योजना नरवा गुरूवा घरवा बाड़ी अंतर्गत निर्मित बाडी न केवल खुद की जरूरत पूरी करने वरन स्व सहायता समूह की महिलाओं के लिए आजीविका का प्रमुख केन्द्र बन चुका है।
कलेक्टर श्री निलेश क्षीरसागर के कुशल मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री चंद्रकांत वर्मा के सतत निर्देषन में व उद्यानिकी विभाग से सहयोग से जिले में सब्जी उत्पादन, बाडी परियोजना का लगातार संवर्धन व संरक्षण किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर समूह सदस्य बाडी में कार्य कर रहे है। बाडी में कई हरी व पौष्टक सब्जियों व भाजी का लगातार उत्पादन कर आपूर्ति की जा रही है। इससे ग्रामीणजनों को रोजमर्रा की सब्जी की जरूरत को आसानी से पूर्ण किया जा रहा है।
गोठान में निर्मित वर्मी और गोबर खाद की उपयोगिता बढ़ी
जब रासायनिक उर्वरक की समस्त दुकाने बंद है ऐसे में गौठन बाडी के लिए वरदान साबित हो रहा है। गौठन में निर्मित वर्मी व नाडेप का उपयोग बडी मात्रा में बाडी में किया जा रहा है। जिससे इस लाॅकडाउन की स्थिति में शुद्ध जैविक व हरी सब्जियां निरंतर मिल पा रही है। ज्ञात हो कि जिले में बिहान अंतर्गत समुदाय आधारित संवहनीय कृषि के तहत , गौठान क्षेत्रों में, समूह सदस्यों द्वारा समूह व बैंक लिंकेज से लोन प्राप्त कर व्यक्तिगत बाडी भी संचालित कर रहे है। इन दीदियों को सब्जी उत्पादन में तकनीकी सहयोग बिहान के यंग प्रोफेसनल, ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी, कृषि सखी द्वारा जमीनी स्तर पर प्रदान किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में राष्टीय ग्रामीण आजीविका मिषन से प्रषिक्षण प्राप्त कृषि मित्र जैविक सब्जी बाडी के बारे में समय समय पर बताती रही है। इसके फलस्वरूप आज वैष्विक महामारी का सामना करते हुए समूह की महिलाएं आसानी से हरी सब्जियों का उत्पादन कर रही है। साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में इस महामारी के समय अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए पूरी सुरक्षा के साथ घर घर जाकर ताजा व हरी सब्जियों का विक्रय कर रही है।
29 हजार बिहान सदस्यों द्वारा 3 हजार एकड़ में सब्जी बाड़ी
विदित हो संवहनीय कृषि योजना जिले के 4 विकासखंडों गरियाबंद, मैनपुर, छुरा व फिगेष्वर में संचालित है। मैनपुर में प्राप्त रिपोर्ट अनुसार 2197 महिलाएं 55 एकड में सक्रिय रूप से बाडी चला रही है। जिले में कुल लगभग 29 हजार समूह सदस्यों द्वारा लगभग 3 हजार कृषि भूमि क्षेत्र में सब्जी बाडी का कार्य कर रहे है। छुरा में 14 हजार परिवार 1500 एकड़, फिगेष्वर मंे 9 हजार परिवार 900 एकड, गरियाबंद में 3 हजार परिवार 300 एकड भूमि में इस कार्य में सलग्न होकर आजीविका कर रहे है। प्रतिमाह लगभग 8 से 10 हजार की कमाई समूह सदस्यों द्वारा की जा रही है। इस संकट की घडी में महिला सदस्यों द्वारा किया जा रहा कार्य उनकी आजीविका का साधन बन रहा है साथ साथ ग्रामीणजनों व अन्य व्यक्तियों को भी हरी सब्जियां उपलब्ध हो पा रही है। इस महामारी के दरम्यान छत्तीसगढ़ शासन की बाडी परियोजना निष्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभा रही है।