जिले में नहीं हो पा रही हैं किसानों की समस्यायों का समाधान, किसान आत्महत्या करने हुए मजबूर
1 min read- उमेश उर्फ गोलू वर्मा, गरियाबंद पिपरछेड़ी कला
गरियाबंद जिले में छुरा वि.खं. के ग्राम पंचायत फुलझर (घटारानी) निवासी एवं छोटे किसान श्री राजेन्द्र सेन जिनकी खेत की जमीन (रकबा) साढ़े चार एकड़ भूमि है। इनके खेत की भूमि को ग्रामीण बैंक पाण्डुका के प्रबंधक द्वारा बैंक के कर्ज 21000 को नहीं चुका पाने के कारण प्रबंधक ने रोक लगा दिया। किसानों को कर्ज चुकाने हेतु किसानो को प्रताड़ित किया जाता है। किसान श्री राजेन्द्र कुमार सेन को जबर्दस्ती परेशान कर गाली- गलौज की जाती है
किसान परेशान हैं।
आवाज उठाने पर आपसी फायदा हेतु साढ़े चार एकड़ की जमीन को रोक दिया गया था। पटवारी ने इस मामले में ध्यान न देते हुए कई किसानों का रकबा रजिस्ट्रार एवं कम्प्यूटरीकृत 2021-22 के समय में ना हो पाने की वजह से किसानों की रकबा नहीं चढ़ पाई इस कारण से बैंक प्रबंधक ने भरपूर फायदा उठाया एवं किसानों की जमीन तो गई अब धान बेचने का समय भी गया।
धान की बिक्री अभी तक नहीं हो पाने की वजह से किसान परेशान एवं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो चुका है। अधिकारी कर्मचारी इस बात को जानने के बाद भी ध्यान नहीं दे रहा है। शासन प्रशासन मौन में बैठे है, ऐसे में किसान क्या करेगा किसानों की समस्यायों का समाधान कौन करेगा यह एक सवाल बनकर रह गया है। किसानों की समस्यायों को हल करने में राज्य सरकार विफल हो गया है,किसी का इस ओर ध्यान नहीं है।