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December 18, 2025

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

एडिशनल एसपी सहित 11 जवान जिस सड़क पर शहीद हुए 18 साल बाद भी उस सड़क का निर्माण अधूरा 

  • ओड़ आमामोरा सड़क 18 साल बाद 31 किमी नहीं बन पाया, टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण वन विभाग ने लगाई रोक
  • इसी आमामोरा ओड़िशा मार्ग में ही वर्ष 2011-12 में नक्सली एंबुस में फंसकर एडिशनल एसपी सहित 9 जवान शहीद हुए थे
  • 31.65 किमी इस सड़क का अधिकांश हिस्सा टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया में आता है
  • गरियाबंद के पूर्व कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक बाइक से ओड़ आमामोरा पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया था
  • शेख हसन खान की विशेष रिपोर्ट 

छत्तीसगढ प्रदेश के गरियाबंद जिला अंतर्गत उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व क्षेत्र के दुर्गम पहाडी के ऊपर ओडिसा सीमा से लगे ग्राम आमामोंरा एंव ओंढ आजादी के 75 वर्षो बाद भी बुनियादी सुविधाओं को तरस रहा है। इसे छत्तीसगढ़ का मिनी कश्मीर कहा जाता है जमीन सतह से लगभग 2000 हजार मीटर पहाडी के उपर बसे ग्राम पंचायत ओंढ एवं आमामोरा और उसके एंक दर्जन के आसपास आश्रित ग्राम पाराटोला में विशेष पिछडी कमार जनजाति निवास करते हैं।  ग्राम पंचायत ओढ़ और आमामोरा दो अलग अलग पंचायत है जो घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब इस ओढ़ आमामोरा इलाके में दो स्थानों पर सीआरपीएफ के पुलिस कैम्प खुल जाने से जंहा एक ओर नक्सली दहशत कम हुई है। यहां पहुंचने के लिए आज तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क का निर्माण नहीं किया जा सका है। पथरीली टेढे मेढ़े और बारिश में कीचड़ दलदल नदी नालो को पारकर बड़ी मुश्किल से पहुंचा जाता है। गरियाबंद मैनपुर नेशनल हाइवे 130 सी धवलपुर दबनई नाला से आमामोरा कुकराल तक 31.65 किमी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य के लिए वर्ष 2007-08 में स्वीकृति मिली और कार्य प्रारंभ हुआ लेकिन आज 18 वर्षो बाद भी सड़क निर्माण कार्य पूरा नही हो पाया है। हालंकि इस सड़क में बेहद खतरनाक और डेंजर जोन स्थल में लगभग 12.27 किमी सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के बफर जोन एरिया क्षेत्र में आने के कारण सड़क निर्माण कार्य में फिर एक बार रोक लग गई है। और अब बारिश प्रारंभ होते ही इस पहाड़ी क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी कमार जनजाति के लोगो को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है।

निर्माणाधीन सड़क में मिट्टी डाल देने से अब बारिश प्रारंभ होते ही उसमें कीचड़ भर जा रहा है और मोटर साइकिल के पहिए आगे नही बढ़ पा रहे हैं। मोटर साइकिल के चक्के और मटगाड के भीतर कीचड़ भर जाने से चक्काजाम की स्थिति निर्मित हो गई है। साथ ही ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नेशनल हाईवे-130 सी से आमामोरा ओड़ को जोड़ने वाली 31.65 किमी सड़क का निर्माण मंजूरी के 18 साल बाद भी निर्माण एजेंसी पीएमजीएसवाई काम पूरा नहीं करवा पा रही। 8 किमी सीसी सड़क समेत 12.27 किमी सड़क ही पूरी बनी है। इसके अलावा 10 किमी पर डामर डालना शेष रह गया है। बाकी हिस्से में काम चल रहा था कि उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व ने एनओसी का हवाला देकर मार्च 2025 को काम पर रोक लगा दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2007-08 में इस सड़क को स्वीकृति मिली थी। 2010 में सड़क का काम शुरू हुआ। इसी बीच मई 2011 में अमामोरा पहाड़ी पर नक्सलियों ने एडिशनल एसपी राजेश पवार समेत 09 जवानों को एंबुश में फंसा कर हत्या कर दी थी। इस सड़क में एडिशनल एसपी सहित 09 जवान शहीद हो गये। 2011 में जुलाई अगस्त तक माओवाद की इस क्षेत्र में गहरी पैठ होने के कारण दहशत के चलते ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। इसी बीच 2015 में बम धमाके में इस मार्ग में दो जवान और शहीद हो गए। लगातार पुलिस के दबाव के चलते नक्सली दहशत थोड़ा कम होने पर वर्ष 2022 में एक बार फिर सड़क काम को शुरू करने की पहल हुई और रिवाइज स्टीमेट बनाया गया। लागत बढ़ कर 23.34 करोड़ हो गई । काम को पांच भागों में बांटकर दो साल में 23 बार टेंडर कॉल किया गया। 24वें कॉल में 2023 में कार्य के लिए अनुबंध भी हो गया और तो और सीआरपीएफ पुलिस बल जवानों की सुरक्षा में काम भी शुरू हुआ उसके बाद मार्च 2025 में काम बंद हो गया।

  • डीजीपीए सर्वे के मुताबिक 1600 मीटर को छोड़कर सभी सड़क एरिया टाइगर रिजर्व

डीजीपीए सर्वे के मुताबिक पूरे निर्माण क्षेत्र में केवल 1600 मीटर का हिस्सा छोड़ सभी टाइगर रिजर्व में आता है जो 17 हेक्टेयर जमीन पर है। एनओसी के लिए भरे जाने वाले 44 बिंदुओं में 3 बिंदु वन व वन्य प्राणी से संबंध है। तय नियम के मुताबिक निर्माण क्षेत्र में आने वाले भूमि के दुगुने क्षेत्रफल में पौधा रोपण करना होगा। इसके अलावा सर्वे और अन्य खर्च मिला कर एनओसी बिलयरेंस तक प्रति हेक्टेयर 60-65 लाख का खर्च होगा। कुल खर्च 10 करोड़ से ज्यादा होगा। आमामोरा पहुंचने से पहले ही सड़क पर पुलिया का अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया है। पहाड़ों की ऊंचाई से पानी का बहाव इस नाले पर तेज रहता है अभी किसी तरह डायवर्ट कच्चे मार्ग से आवाजाही हो रही है। बाढ़ आते ही गांव टापू में तब्दील हो जाता है। आदिवासी कमार भुजिया बाहुल्य इस पंचायत के क्षेत्र के आधा दर्जन पारटोला में चार हजार लोग निवास करते है जिन्हें बारिश में आने वाले मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। पक्की सड़क का निर्माण ओड़ से आगे 15 किमी की सड़क में 40 फीसदी काम भी नहीं हो पाया है।

  • ओड़ आमामोरा क्षेत्र के ग्रामीणों ने विधायक जनक ध्रुव से मुलाकात कर सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने की अब मांग की

सरपंच आमामोरा अर्जुन लाल, राजीबाई, लखमुराम, लखन यादव, पोटोसिंह, भुनेश्वर यादव, रामसिंह, सुंदरसिंह, गंभीरसिंह एवं क्षेत्र के लोगो ने पैरी सदन मैनपुर पहुंचकर विधायक जनक ध्रुव से मुलाकात कर अधुरे ओड़ आमामोरा सड़क निर्माण कार्य को पूरा कराने की मांग किया है।

  • 2 वर्ष पहले गरियाबंद एसपी अमित तुकाराम कांबले एंव कलेक्टर मोटर सायकल से पहुंचे थे ओढ़ आमामोरा क्षेत्र

उल्लेखनीय है कि गरियाबंद जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से जाने वाले ओंढ आमामोरा क्षेत्र में डेढ़ दो वर्ष पूर्व गरियाबंद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले एंव तत्कालीन कलेक्टर आकाश छिकारा बकायदा मोटर सायकल से पहुंचकर गांव में चैपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्या सुना था। ग्रामीणों ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से सड़क निर्माण की मांग प्रमुखता के साथ किया था जिसके बाद यहां सड़क निर्माण कार्य में तेजी आई थी जो अब बंद पड़ा है।

  • क्या कहते हैं अफसर

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता अभिषेक पाटकर ने बताया 31.65 किमी सड़क निर्माण में महज 12.27 किमी पूर्ण हो पाया है। यह निर्माण कार्य वर्ष 2007-08 में प्रारंभ हुआ था। निर्माण कार्य में रोक के बाद फारेस्ट क्लियरेंस पर पूरी टीम ने काम करना शुरू कर दिया है। निर्धारित 44 बिंदुओ में से ज्यादातर की औपचारिकताएं पूरी हो गई है। एनओसी मिलते ही काम में तेजी आयेगी।

  • क्या कहते हैं वन अफसर

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरूण जैन ने बताया कि टाइगर रिजर्व क्षेत्र होने के कारण सड़क निर्माण के लिए वाइल्ड लाइफ और फारेस्ट एनओसी लेना अनिवार्य है।

  • विधायक जनक ध्रुव ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

बिन्द्रानवागढ़ विधायक जनक ध्रुव ने सड़क निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर सड़क निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ करवाने की मांग की है साथ ही उन्होने इस सड़क निर्माण के लिए एनओसी दिलाने की मांग किया है।