जांगड़ा पायलीखण्ड की धरती में कीमती रत्न हीरो का भंडार, लेकिन यहां के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के लिए परेशान
- शेख हसन खान की विशेष रिपोर्ट
- सड़क, पुल- पुलिया, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य को लेकर भड़के ग्रामीणों ने कहा- अब आंदोलन ही अंतिम रास्ता
- सांसद, विधायक एवं उच्च अफसर भी नहीं पहुंचते गांव, ग्रामीणों मे भारी नाराजगी
गरियाबंद । गरियाबंद जिले के आदिवासी मैनपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जांगड़ा एवं पायलीखण्ड की धरती कीमती रत्न हीरा उगलती है। इस गांव की धरती के भीतर अकूत खनिज संपदा भरा हुआ है बावजूद इसके उपर निवास करने वाले गांव के ग्रामीण मूलभूत बुनियादी सुविधाए जैसे सड़क, पुल पुलिया, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा बुनियादी समस्याओं के समाधान के लिए आजादी के बाद से संघर्ष कर रहे हैं। अब ग्रामीणों का सब्र का बांध टूट रहा है। ग्रामीण एकबार फिर आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 38 किमी दूर मे बसा ग्राम पंचायत जांगड़ा की जनसंख्या लगभग 2500 के आसपास है और इसके आश्रित ग्राम पायलीखण्ड, कुर्रूभाठा, बरगांव, डूमरपड़ाव है जहां विशेष पिछड़ी जनजाति आदिवासी भूंजिया के साथ साथ अन्य समाज के लोग निवास करते हैं। यहां के ग्रामीणों ने लगभग 15 वर्ष पहले मूलभूत समस्याओं को लेकर नेशनल हाईवे 130 सी पर चक्काजाम किया था तब अफसरों ने जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया था तब अफसरों के आश्वासन पर ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त कर दिया था लेकिन अबतक इन ग्रामो की न तो तस्वीर बदली और न ही यहां निवास करने वाले ग्रामीणों की तकदीर।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ग्राम जांगड़ा पायलीखण्ड हीरा खदान के नाम से पूरे देश ही नहीं विश्व में भी चर्चित है यहां आस्टेलिया, यूरोप जैसे देशो से बड़े -बड़े वैज्ञानिक पहुंचकर हीरा खदान की सर्वे कर भारी मात्रा में हीरा अलेक्जेंडर और हीरा की जननी कैम्बर लाईट पाइप होने की पुष्टि की है। इस क्षेत्र के धरती के नीचे अपार खनिज संपदा भरा हुआ है लेकिन इस अमीर धरती के उपर निवास करने वाले गरीब जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

- पेयजल के लिए झरिया का सहारा लेते, जल जीवन मिशन योजना में भारी गड़बड़ी
ग्राम पंचायत जांगड़ा एवं आश्रित ग्राम पायलीखण्ड, बरगांव, कुर्रूभाठा, डुमरपड़ाव के ग्रामीणों को आज भी पीने के लिए शुध्द पेयजल नसीब नही हो पा रहा है। ग्रामीणों को नदी नाले में झरिया खोदकर पानी की व्यवस्था करना पड़ता है। कहने को तो ग्राम जांगड़ा मे लाखो रूपए खर्च कर जल जीवन मिशन योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण किया गया है लेकिन इस भीषण गर्मी मे भी लोगों को एक बूंद पानी नहीं मिला जल जीवन मिशन योजना सिर्फ यहां खोखला साबित हो रहा है। गांव में जगह जगह नल की टोटी लगायी है लेकिन पानी नहीं निकल रहा है। कई बार ग्रामीण शिकायत कर थक चुके हैं लेकिन न तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी पहुंचे और न ही कोई जनप्रतिनिधि जिसके कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

- सड़क निर्माण कार्य बंद, बारिश में मरीजों को खाट से सड़क और अस्पताल तक पहुंचाने मजबूरी
नेशनल हाईवे 130 सी डूमरपड़ाव से जांगड़ा तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य दिसबंर 2024 में प्रारंभ किया गया लेकिन निर्माण कार्य पिछले छह माह से बंद है। ग्रामीणों ने कई बार सड़क निर्माण कार्य को प्रारंभ करने की मांग कर चुके है लेकिन ग्रामीणों की इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बारिश के दिनों में पुल पुलिया और पायलीखण्ड नदी में बाढ़ आने के कारण मरीजो को खाट और कांवर मे अस्पताल तक पहुंचाना पड़ता है। उपस्वास्थ्य केन्द्र है लेकिन वहां नर्स की व्यवस्था नहीं है।
- 21 वीं सदी में ग्रामीणों को लालटेन की रौशनी पर ज्यादा भरोसा, नहीं पहुंची बिजली
ग्राम डूमरपड़ाव, जांगडा, पायलीखण्ड, बरगांव, कुर्रूभाठा के ग्रामीण आजादी के बाद से बिजली लगाने की मांग कर रहे हैं लेकिन अबतक बिजली की रोशनी नहीं पहुंच पाई है। कहने को तो गांव में सौर उर्जा लगाया गया है लेकिन उसके कल पुर्जे और प्लेट बहुत पुराने होने के कारण महज कुछ घंटे के बार रात भर अंधेरा छा जाता है उसके बाद ग्रामीणों को आज भी लालटेन की रौशनी के भरोसे रात गुजारना पड़ता है।
- स्कूल भवन 20 वर्षो से अधूरा, बच्चे पशु औषधालय में पढ़ने मजबूर
ग्राम पंचायत जांगड़ा क्षेत्र में स्कूल भवन बेहद जर्जर हो गया है। यहां पायलीखण्ड एवं कुर्रूभाठा मे 2005 से स्कूल भवन का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। और तो और पिछले शिक्षा सत्र् में नये स्कूल भवन के लिए लाखों रूपए मिला जो अबतक पूरा नहीं हुआ जिसके कारण जांगड़ा में पशु औषधालय में स्कूल का संचालन किया जा रहा है। बरगांव हाई स्कूल में आहता और कई समस्या व्याप्त है।
- विधायक, सांसद और आला अफसर नहीं पहुंचते, ग्रामीणों में भारी नाराजगी
ग्राम पंचायत जांगड़ा के सरपंच अरविन्द नेताम, उपसरपंच भानू सिन्हा एवं वरिष्ठ नागरिक जगबंधु सिन्हा, प्रेम कुमार, कुंजन, ललित राम, घांसीराम, रघुराम, कुबेर, रोहित, मधुराम, भुवन यादव, दल्लू, दौलत नागेश, नरसिंह चमारसिंह नेताम, लखीराम, गौतम एवं ग्रामीणों ने बताया हमारे क्षेत्र के धरती के नीचे खनिज संपदा हीरा का खदान है। इस अमीर धरती के उपर निवास करने वाले लोग परेशानियों से जूझ रहे हैं। आजतक बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव एवं सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी एवं जिले के आला अफसर हमारे जांगड़ा पायलीखण्ड का दौरा नहीं किये हैं । ग्रामीणों का मांग है कि सांसद विधायक आला अफसरों के आने से गांव का समस्या का समाधान होता है। ग्रामीणों ने कहा कि सैकड़ों बार आवेदन देकर थक चुके है। अब मजबूरन आंदोलन करने बाध्य होंगें जिसकी सारी जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी।
ग्राम पंचायत जांगड़ा के सरपंच अरविन्द कुमार नेताम ने चर्चा में बताया कि हमारे पंचायत क्षेत्र का प्रमुख मांग सड़क और बिजली का है यहां सांसद, विधायक और आला अफसर नहीं आते हैं जिसके कारण हमारी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है।
ग्राम पंचायत जांगड़ा के उपसरपंच भानू सिन्हा ने बताया कि हमारे क्षेत्र की धरती हीरा उगलती है। पूरे देश और विश्व में जाना जाता है। सड़क नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में मरीजों को कांवर खाट में अस्पताल तक ले जाना पड़ता है। स्कूल भवन अधूरा है, सरकार को चाहिए कि इस क्षेत्र की समस्या का समाधान किया जाए।
