वनों की इतनी कटाई हो गई यह लापरवाही का घोतक- रात्रे
1 min readमैनपुर। छत्तीसगढ़ के अंदर मैनपुर विकासखण्ड के धनौरा पिपलखुटा में उड़ीसा के लोगों के द्वारा की गई अवैध कटाई की जांच करने पहुंची उच्च स्तरीय टीम ने दूसरे दिन प्रदेश के वन मंत्री मोहम्मद अकबर के समक्ष शिकायत करने वाले धनौरा पिपल खुटा के लोगों से भेंट कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेते हुए अवैध कटाई वाले स्थल के लिए रवाना हुए। इन स्थलों पर एक चीज स्पष्ट नजर आ रहा था कि अवैध कटाई कितनी भारी मात्रा में की गई है कि अधिकारी भी इस कटाई को देखकर नाराज होते रहे। अपर प्रधान मुख्य वन सरक्षक देवाशीष दास एवं मुख्य वन सरक्षक टाइगर रिजर्व एच एल रात्रे को यह कहना पड़ा कि इतनी कटाई हो गई है यह लापरवाही का घोतक है।
आज जब टीम ग्राम धनोरा पहुंची तो वहां वन समिति के सदस्य और शिकायतकर्ता के लोगों के बीच जबरदस्त रूप से विवाद होने लगा जहां एक और शिकायतकर्ता लोगों का कहना था कि चलिए हम घटनास्थल ले जाकर दिखाते हैं तो वहीं दूसरी ओर वन समिति के लोग लगातार उनको रोकने में और उनको ठोकने में जुटे रहे। उनका कहना था कि इतनी दूरी की लंबी पैदल अधिकारी नहीं चल सकता कोई नहीं चल सकते और ऐसी स्थितियों में जो पहले रिपोर्ट दी गई है उसे ही मान्य किया जाए अंतत: अधिकारियों ने उन्हें समझाया कि वन मंत्री जी का निर्देश है उसका परिपालन सीधे तौर पर करना होगा अन्यथा रिपोर्ट देने में दिक्कत आएगी। इस अवसर पर देवाशीष दास एवं एच एल रात्रे ने स्पष्ट रूप से कहा कि मौके पर पहुंच कर वस्तुस्थिति को देखकर निर्णय लिया जाएगा कि गलतियां ऐसे कैसे हुई और किन परिस्थितियों में यह घटनाएं हुई है। लगभग 4 से 6 नाला पार करते हुए यह टीम पैदल रवाना हुई। लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलने के बाद जब घटनास्थल के पास पहुंचे तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि पेड़ों की इतनी के लिए जिम्मेदारी तय की जायेगी। लापरवाह लोगों पर कार्यवाही जल्द होगा। वहीं दूसरी ओर शिकायतकर्ता जो धनोरा के हैं उनसे जब चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि इतनी अधिक मात्रा में कटाई होना सीधे-सीधे वन विभाग की लापरवाही दर्शाता है। उड़ीसा के लोग यहां आकर कब्जा कर रहे हैं इनको रोकने वाला कोई नहीं है यह अच्छे संकेत नहीं है इसमें वन विभाग के लोग सीधे तौर पर पैसा लेकर उन्हें कब्जा करवा रहे हैं जंगल को कटवा रहे हैं। जंगल में जो कटी हुई है उसे उड़ीसा ट्रैक्टर के माध्यम से भेज दिया गया है। उनको रोकने वाला कोई नहीं है यह आरोप वह व्यक्ति सिधे वनअधिकारियों के समक्ष ही लगाता लगाता रहा जिसेके चलते वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल जाना मुनासिब समझा और वहां हुए भारी पैमाने पर कटाई को देखकर वह काफी अधिकारियों पर नाराज भी हो गए। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि कुछ प्रकरणों में कार्यवाही भी की गई है किंतु उनका मानना था कि इतने भारी पैमाने पर अवैध कटाई एकाएक संभव नहीं है। लंबे समय से यह का कटाई हो रही है जिस पर लोगों ने बताया कि उड़ीसा से आकर लोग यहां कटाई कर रहे हैं।
इन सबके बीच जांच दल के अधिकारी अपर मुख्य वन संरक्षक देवाशीष दास ने इस बात को स्वीकार किया कि कटाई भारी पैमाने पर हुई है और शिकायत कर्ताओं का शिकायत सही भी है। और कार्रवाई किया जा रहा है। वहीं कुछ ही देर में यह भी जानकारी मिली कि जो एक अन्य टीम इस जांच के लिए भेजी गई थी। ऊपर वालों पर उन्होंने अवैध कब्जा धारी जो झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं उन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और उन पर आज कार्यवाही कर गरियाबंद न्यायालय में पेश किया जाएगा। इससे ही स्पष्ट हो गया कि शिकायत कर्ताओं की शिकायत बिल्कुल सही थी और और वन विभाग को अब गंभीरता से इस पर कार्रवाई करनी होगी। कुछ बात सामने कि इनद गांव के समीप जो अवैध कब्जे हुए हैं उनमें 1 अधिकारियों ने पैसे लेकर अवैध कटाई करने की इजाजत प्रदान की थी। इस विषय पर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस पर सघनता से जांच की जा रही है और सख्त कार्यवाही निश्चित किया जाएगा।