पहली बार 12 घंटे में इतनी भीषण समस्या का समाधान
1 min readकोरबा 08 जून 19
कल शाम जिले के विभिन्न स्थानों पर आए तेज आंधी से बाधित बिजली व्यवस्था का सुधार काम पूरी रात चलता रहा। पहले तो कलेक्टर ने देर रात तक कोरबा शहर के विभिन्न प्रभावित स्थानों का दौरा किया। पूरी रात कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल बिजली, नगर निगम एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी लेती रहीं और अधिकारियों को निर्देश देती रहीं। कलेक्टर की मुस्तैदी और रेस्क्यू टीमों की तत्परता से रात 11 बजे से ही शहर में एक-एक कर अलग-अलग मोहल्लों में बिजली आती गई। सड़कों पर गिरे पेड़ों को रात में ही नगर निगम की टीमों ने हटाया और आवागमन व्यवस्था सुधारी ताकि आम लोगों के साथ-साथ बिजली सुधार में लगे कर्मियों तथा गाड़ियों को भी आवश्यक उपकरणों सहित सुधार योग्य स्थानों तक पहुंचने में आसानी हो। विद्युत, राजस्व, नगर निगम और वन विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों के संयुक्त प्रयास से एक-एक कर जिले के सभी प्रभावित 17 फीडरों की मरम्मत कर दी गई और रात 11.20 बजे मानिकपुर, बालको और पुटका पहाड़ सहित एनसीडीसी फीडरों से विद्युत सप्लाई बहाल कर दी गई थी। इसी दौरान रेकी के 33 केव्ही के फीडरों को हरदीबाजार तक तथा पाली के फीडर को चैतमा तक शुरू कर दिया गया था। शहर में सबसे पहले बुधवारी का फीडर चालू हुआ और देर रात तक एक-एक कर फीडरों की मरम्मत का काम पूरा करते हुए अधिकारी बिजली सप्लाई चालू करते गए।
कोरबा प्रदेश की उर्जाधानी है और तेज बारिश एवं हवा के कारण यहां बड़ी संख्या में कल विद्युत पोल गिर गये थे। साथ ही बड़े पेड़ों के उखड़ जाने और पेड़ों की टहनियां आदि टूटकर बिजली के तारों पर गिर जाने से कल पूरे जिले में विद्युत के लिए ब्लेक आउट की स्थिति बन गई थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की बिजली के लिए जीरो टोलेरेंस के निर्देश और इस भीषण स्थिति को भांपकर कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कलेक्टर कान्फ्रेंस से लौटते-लौटते रास्ते से ही मोर्चा संभाल लिया था। उन्होंने फोन पर पहले अधिकारियों से पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी ली और जल्द सुधार के निर्देश दिए साथ ही खुद भी सुधार कार्यों की पूरी जानकारी लगातार लेती रहीं। इसका परिणाम यह रहा कि पहली बार कोरबा जिले में इतनी बड़ी संख्या में पोल गिरने तथा विद्युत लाइनों के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी एक रात में ही पूरी विद्युत व्यवस्था बहाल कर दी गई। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कल शाम की तेज हवाओं से 11 केव्ही तथा 33 केव्ही के कुल 17 फीडरों मंे फाल्ट आया था। विद्युत पोल गिरने या पेड़ों की टहनियां आदि के टूटकर विद्युत सप्लाई तारों पर गिरने से पूरे जिले में बिजली बंद हो गई थी। सुधार कार्य तत्काल शुरू किया गया। विद्युत विभाग की लगभग 40 टीमों में 270 के लगभग अधिकारी-कर्मचारी रातभर काम में लगे रहे। इसी तरह नगर निगम के अधिकारियों और टीमों ने सड़कों पर गिरे पेड़ों और सामानों को हटाने के लिए जेसीबी मशीन तथा ट्रेक्टरों आदि को काम पर लगाया था। कानून व्यवस्था की स्थिति इस भीषण स्थिति में भी कहीं नहीं बनी क्योंकि कलेक्टर ने मीडिया के माध्यम से पहले ही आमजनों को शांति बनाय रखने की अपील जारी कर जन सहयोग से जल्द सुधार का आश्वासन दे दिया था। सुबह कलेक्टर ने निहारिका, दर्री, सीतामणी सहित विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं जाकर सुधार कार्यों का निरीक्षण किया। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने इस अचानक बनी ब्लैक आउट की स्थिति को ध्यान में रखकर अब भविष्य के लिए भी कार्ययोजना बनाने के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने आगे ऐसी स्थित से निपटने के लिए जोनवार रेस्क्यू टीमें बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इन रस्क्यू टीमों में बिजली विभाग, नगरीय निकायेां के कर्मचारी, राजस्व विभाग के अधिकारी के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के लोग भी रहेंगे। सभी रेस्क्यू टीमें टास्क फोर्स की तरह काम करेंगी और ऐसी किसी भी स्थिति में अवरोधों को हटाने, बिजली व्यवस्था तत्काल चालू करने के साथ-साथ आमजनों को सौहाद्रपूर्वक समझाने का भी काम करेंगी।
कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि वे बिजली के तारों पर लटक रही पेड़ों की टहनियों, बड़े और कमजोर पेड़ों की भी सर्वे कर पहचान कर लें ताकि समय रहते इनकी छटाई आदि की जा सके या कमजोर पेड़ों को वहां से हटाया जा सके। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कल आए आंधी तुफान में हुए क्षति का आंकलन करने के भी निर्देश राजस्व अधिकारियों को दे दिए हैं और प्रभवितों को राजस्व पुस्तिका परिपत्र 6-4 के तहत तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।