टाइम पत्रिका ने फूलन को विश्व की चर्चित महिलाओं की सूची में चतुर्थ स्थान देकर सम्मानित किया
1 min readशोषित पीड़ित वर्ग की मजबूत आवाज़ थीं फूलन देवी- लौटनराम
वीरांगना फूलन देवी शहादत दिवस पर आयोजित की गई श्रद्धांजलि सभा
लुधियाना। एकलव्य वेलफेयर सोसायटी व निषाद कोर कमिटी के बैनर तले विनोद साहनी के संयोजकत्व में एंजिल किड्स प्ले वे स्कूल गुरुनानक देव नगर में वीरांगना फूलन देवी के 19वें शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता पंजाब कश्यप राजपूत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह शालीमार जी ने किया। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चौ.लौटनराम निषाद ने बहन वीरांगना फूलन देवी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ये निषाद मल्लाह समाज में तो जन्मी थी, पर इन्हें एक जाति विशेष के दायरे में सीमित करना उचित नहीं हैं, क्योंकि ये नारी शक्ति की प्रतीक के साथ शोषित, पीड़ित, अत्याचारित वर्ग की मजबूत आवाज़ थीं। टाइम पत्रिका ने फूलन को विश्व की चर्चित महिलाओं की सूची में चतुर्थ स्थान देकर सम्मानित किया।
निषाद ने कहा कि फूलन ने अत्याचार का शिकार होने के बाद आत्महत्या का राश्ता न चुन अत्याचार, जोर-जुल्म का बदला लेने का संकल्प ले रणचंडी का रूप धारण कर नारी शक्ति को नया रूप दीं।आज समाज की बहन-बेटियाँ बलात्कार का शिकार होने के बाद आत्महत्या का राश्ता चुन रही हैं,पर बेहमई में उनपर अत्याचार ढाने वाले सामंती जातिवादियों को यमलोक पहुंचाने का साहसिक कदम उठाकर नारी समाज को अत्याचार का मुकाबला करने का साहस दिया। जोर-जुल्म और अत्याचार,अब ना हमको सहना है , जिन आँखों मे आँसू है, चिंगारी उनमें भरना है, यही फूलन देवी जी का संकल्प था।
कार्यक्रम संयोजक विनोद साहनी ने कहा कि फुलवा के रूप में गांव के एक आम गरीब निषाद की बेटी थीं,पर सामन्तियों के अत्याचार व जोर जुल्म ने उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पटल पर फूलवा से फूलन बना दिया।सामन्तियों ने उन पर अत्याचार ढाया, प्रताड़ना का शिकार बनाया,पुलिस प्रशासन ने न्याय की मांग करने पर दुत्कारा,जिससे फूलन को बीहड़ का राश्ता चुनना पड़ा।
सन्तोष निषाद हर्ष ने श्रद्धाजंलि सभा में कहा कि बुंदेलखण्ड में एक जाति विशेष के सामन्तों व दस्यु गिरोह का पिछड़े-दलित-आदिवासी वर्ग पर अत्याचार होता था, पर फूलन जी के बागी बन जंगल का राश्ता चुनने से सामंती अत्याचार व उत्पीड़न लगभग बन्द हो गया। हरिश्चन्द्र बिन्द ने युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि फूलन जी के सपने को साकार करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने,अपने अंदर आत्मविश्वास, दृढ़संकल्प व मजबूत इरादा बना लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रतिस्पर्धी बन लक्ष्य प्राप्ति का मजबूती से प्रयास करना चाहिए। महेन्द्रपाल सिंह कश्यप ने कहा कि आर्थिक क्रांति के बिना सामाजिक आंदोलन सम्भव नहीं है।निषाद, कश्यप समाज के तरक्की व प्रचार हेतु पर्चा-चर्चा-खर्चा की आवश्यकता पड़ती है,इसमें सबका अंशदान जरूरी है। वीरांगना फूलन देवी की 19वीं पुण्यतिथि पर मास्टर मुन्नीलाल जी, प्रमोद कश्यप, राकेश कश्यप, मुन्ना साहनी, हरिनाथ साहनी, हरिश्चंद्र साहनी, दिलीप साहनी, अजय साहनी, केदारनाथ निषाद, महेंद्रपाल सिंह कश्यप,रवि निषाद, गिरधारीलाल निषाद आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जोर-जुल्म, अन्याय व अत्याचार के प्रतिकार का संकल्प लिया।