मोस्ट समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना समय का तकाज़ा : डॉ. कमालुद्दीन
1 min readसुलतानपुर। विकास खण्ड भदैयाँ के कुछमुछ गांव में मोस्ट कल्याण संस्थान उ.प्र. के तत्वाधान में “सारे बन्धन तोड़ो-मोस्ट (बहुजन) समाज जोड़ो” कार्यक्रम का आयोजन तौकीर अहमद के नेतृत्व में सम्पन्न हुआ। उक्त अवसर पर मोस्ट कल्याण संस्थान के निदेशक शिक्षक श्यामलाल निषाद “गुरुजी” ने कहा है कि पृथ्वी पर जीवन की सृष्टि से आज तक का इतिहास उठाकर देखा जाए तो ज्ञात होता है कि जो वर्ग जितना कमजोर होता है वह उतना ज्यादा संगठित होकर अपनी सुरक्षा करता है किंतु मोस्ट पिछड़े वर्गों की विशेषता इसके उलट है क्योंकि यह वर्ग जितना ज्यादा कमजोर है उतना ही ज्यादा असंगठित है। मोस्ट पिछड़े वर्गों को सुरक्षा और सम्मान प्राप्त करने के लिए संगठित होना अनिवार्य शर्त है।
से.नि. शिक्षक डॉ. कमालुद्दीन ने कहा कि भयमुक्त और अत्याचार विहीन समाज की रचना के लिए मोस्ट कल्याण संस्थान को सहयोग देना और मोस्ट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना ईमान का तकाज़ा है। मोस्ट जिला संयोजक ज़ीशान अहमद ने कहा कि मोस्ट कल्याण संस्थान का प्रयास है कि मोस्ट समाज को सुरक्षा, सम्मान तथा पात्र को लाभ और पीड़ित को न्याय मिले।
उक्त अवसर पर मोस्ट जिला सह संयोजक राकेश कुमार निषाद, मोस्ट प्रमुख भदैयाँ मुकेश गौतम, अखिलेश यादव, आवेश हैदर, विन्देश्वरी प्रसाद, मुफ़ीद, कल्लन, प्रधान जुनेद (कुछमुछ), अफजल कुरैश, बुद्धिराम, अभिषेक, बाबू, आबिद अहमद, महेश, इस्तिखार, गंगा प्रसाद गुप्ता, मोहमद महमूद, जितेंद्र कुमार भीम, कुलदीप कुमार, निष्कर्ष, अयोध्या प्रसाद, राजमन, उपेन्द्र कुमार, सत्यदेव पाल, विपिन राव, अंकित राव, अशोक, विक्रम जीत, रामदास, प्रेमलाल गुप्ता, राम बहाल, सुनील कुमार, घनश्याम, रामसुख, भूपेंद्र कुमार, अमरजीत पाल, संतराम, दीपक कुमार, रमाकांत, दिनेश, श्याम शंकर शर्मा, बुद्धसेन पाल, विनोद पाल, धीरेंद्र कुमार, राजकुमार, सूरज कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।