जंगल पहाड़ी के नीचे आदिवासी बालक आश्रम, बाउंड्रीवाल नहीं होने से बना रहता है जंगली जानवरों का डर
1 min read- शेख हसन खान, गरियाबंद
- आश्रम में नहीं है पानी की सुविधा, बच्चे गौठान में नहाने जाते है, कभी भी कोई दुर्घटना की अंदेशा
मैनपुर। तहसील मुख्यालय मैनपुर से तीन किलोमीटर दुर ग्राम भाठीगढ़ में जंगल और पहाडी के नीचे आदिवासी आश्रम भवन का निर्माण किया है। इस आदिवासी बालक आश्रम में कक्षा पहली से लेकर आठंवी तक के 112 छात्र निवास करते हुए अध्यन करते हैं। पहाडी जंगल क्षेत्र से लगे होने के कारण हमेशा यहा वन्य प्राणी जंगली जीवन जन्तुओं और बारिश के दिनो में जहरीले सर्प, बिच्छुओं का डर बना रहता है। आश्रम भवन में आहता निर्माण नहीं हुआ है। यदि आहता निर्माण कर दिया जाये तो बच्चे सुरक्षित रहेंगे। साथ ही आश्रम भवन के चारो तरफ 10 -15 फीट के गहरे गड्ढे और खाई है। बच्चे हमेशा यहा पर खेलकूद करते रहते हैं। इससे दुर्घटना का डर भी बना रहता है कई बार आश्रम भवन के चारो तरफ बांउड्रीवाल चार दिवारी निर्माण की मांग किया जा चुका है। इसके लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव बनाकर भी भेजा जा सकता है लेकिन इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- डेढ साल पहले आश्रम में घुस गया था जंगली भालू
ज्ञात हो कि इस आश्रम में लगभग डेढ वर्ष पहले पहाडी रास्ते से जंगली भालू घुस गया था। बच्चे कमरे के भीतर थे और आश्रम के चौकीदार की नजर भालू पर पडा तो काफी मशक्कत के बाद भालू को निकाला गया पहाडी से लगे होने के कारण हमेशा जीव जन्तुओं का डर बना रहता है। ग्राम पंचायत भाठीगढ ग्राम प्रमुख हेमसिंह नेगी, सरपचं जिलेन्द्र नेगी, जनपद सदस्य डाकेश्वर नेगी, रामदास वैष्णव, आषाराम यादव, तुलसी नागेश व क्षेत्र के लोगों ने गरियाबंद जिला के कलेक्टर आकाश छिकारा से मांग किया है कि आश्रम भवन के चारों तरफ आहता निर्माण कारवाने की मांग किया है
- आधा अधुरा भवन का घटिया निर्माण और अब तक बिजली फिंटिग नहीं
भाठीगढ़ में आदिवासी बालक आश्रम शाला बडेगोबरा के नाम से लाखों रूपये के लागत से लगभग 12 वर्ष पहले आश्रम भवन का निर्माण किया गया है, लेकिन इसके अधुरे हिस्से का निर्माण कार्य पिछले वर्ष 2022 में पुरा हुआ है। संबधित निर्माण एजेंसी द्वारा इतना घटिया स्तर का कार्य किया गया है कि नया बिलडिंग के फ्लोंरिंग जगह जगह से उखड़ गये हैं और तो और बिजली फिटिग भी नहीं किया गया है, 112 बच्चों के लिए मात्र दो शौचालय है और बच्चों की दर्ज संख्या ज्यादा है। बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नया बिलडिंग में शौचालय निर्माण नहीं किया गया है। शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुआ। आश्रम में पानी नहीं होने के कारण बच्चे पहाड़ किनारे हैंडपम्प व गौठान में नहाने जाते हैं।