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November 18, 2024

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आदिवासी युवा नेता पूर्व पार्षद एल्डरमैन मन्नु ठाकुर ने कहा,  अधिकाधिक वृक्ष लगाये

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  • शिखा दास, पिथौरा, महासमुन्द 
  • हरेली पर खेती-किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा किया जाता है
  • अपनी परम्परा ओ को सहेज कर रखे 

हरेली पर वर्षा के बीच गेड़ी चढ़कर दिये हरियाली सँरक्षण का सँदेश मन्नु भैया ने । हरेली त्यौहार हर साल सावन के अमावस्या को मनाया जाता है। ये त्यौहार छत्तीसगढ़ी जीवन शैली और प्रकृति से जुड़ा हुआ है।

  • हरेली यानी कि हरियाली

हरेली का अर्थ होता है हरियाली. इस दिन छत्तीसगढ़ वासी पूजा अर्चना कर पूरे विश्व में हरियाली छाई रहने की कामना करते हैं। उनकी कामना होती है कि विश्व में हमेशा सुख शांति बनी रहे। हरेली तिहार Hareli Tihar जो जुलाई और अगस्त के बीच वर्षा ऋतु में होता है।

हरेली त्योहार किसान लोक पर्व हरेली पर खेती-किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा किया जाता है। करीब डेढ़ माह तक जी तोड़ मेहनत करते किसान लगभग बुआई और रोपाई का कार्य समाप्त होने के बाद अच्छी फसल की कामना लिये सावन के दूसरे पक्ष में हरेली का त्योहार मनाते हैं जो किसानों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

हरेली त्यौहार हर साल सावन के अमावस्या को मनाया जाता है. ये त्यौहार छत्तीसगढ़ी जीवन शैली और प्रकृति से जुड़ा हुआ है. हरेली यानी कि हरियाली: हरेली का अर्थ होता है हरियाली. इस दिन छत्तीसगढ़ वासी पूजा अर्चना कर पूरे विश्व में हरियाली छाई रहने की कामना करते हैं. उनकी कामना होती है कि विश्व में हमेशा सुख शांति बनी रहे. हरेली तिहार Hareli Tihar जो जुलाई और अगस्त के बीच वर्षा ऋतु में होता है।

किसान द्वारा लोक पर्व हरेली पर खेती-किसानी में काम आने वाले उपकरण और बैलों की पूजा किया जाता है। करीब डेढ़ माह तक जी तोड़ मेहनत करते किसान लगभग बुआई और रोपाई का कार्य समाप्त होने के बाद अच्छी फसल की कामना लिये सावन के दूसरे पक्ष में हरेली का त्योहार मनाते हैं जो किसानो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

हरेली उत्सव छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध उत्सवों में से एक है। यह छत्तीसगढ़ का एक पुराना पारंपरिक त्योहार है जो हिन्दुओं के पवित्र महीने श्रावण व शुरुआत का प्रतीक है। हरेली त्योहार वास्तव में वर्ष के मॉनसून पर केंद्रित फसल का त्योहार है।

इस हरेली पर्व पर पूर्व पार्षद व एल्डरमैन आदिवासी नेता मन्नूलाल ठाकुर ने पूरे नगर का भ्रमण गेड़ी परचढ़कर पर्यावरण सँरक्षण का सन्देश अपने अनोखे अंदाज में दिए ।

घर पर पूजापाठ कर निकले

उन्होंने कहा कि जनसमाज अधिक से अधिक वृक्ष लगायें । हरियाली आज के जीवन की आवश्यकता है ।शुद्ध हवा स्वस्थ्य जीवन के लिये आवश्यक है। हर त्योहार एक सँदेश देता है समाज को ।