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October 17, 2024

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आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए संगठित होकर संघर्ष करने की जरूरत – कुमार ओंकार शाह

  • 16 जुलाई को जिला मुख्यालय में किया जायेगा उग्र धरना प्रदर्शन, मैनपुर की बैठक में पहुंचे सैकडों की संख्या में सभी आदिवासी समाज के लोग
  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव

मैनपुर – तहसील मुख्यालय मैनपुर सामुदायिक भवन में आज रविवार को दोपहर 12 बजे सभी आदिवासी समाज के पदाधिकारियों, वरिष्ठजनों की बैठक पूर्व विधायक कुमार ओंकार शाह के उपस्थिति में समपन्न हुआ। इस मौके पर प्रमुख रूप से वरिष्ठ आदिवासी नेता जनक ध्रुव, जिला पंचायत के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम, महेन्द्र नेताम, खेदू नेगी, भोजलाल नेताम, टीकम नागवंशी सहित सभी आदिवासी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी महिला पुरूष सैकड़ाें की संख्या में शामिल हुए। जिला स्तरीय बैठक का शुभारंभ ईष्टदेव बुढादेव की पुजा अर्चना कर किया गया। बैठक में मध्यप्रदेश देवास के नेमवार में आदिवासी बालिकाओं के साथ हुए सामुहिक बलत्कार व हत्या को लेकर समाज जनों ने जमकर आक्रोश जताया। साथ ही दोषियों पर कडी कार्यवाही की मांग को लेकर प्रस्ताव पास किया गया। इस दौरान एसटी.एसी पदोन्नति में आरक्षण सुनिश्चित करने मैनपुर एंव मैनपुरकला में तथा धवलपुर में आदिवासी ग्रामीण की हत्या के बाद अब तक इस मामले में कोई कार्यवाही नही होने पर नराजगी व्यक्त किया गया। साथ ही ग्राम पंचायत नवागढ, मैनपुर व देवभोग एंव पुरे जिले में आदिवासी फर्जी जमीन लेने देने के सभी मामलो को लेकर आगामी 16 जुलाई दिन शुक्रवार को जिला मुख्यालय गरियाबदं में सभी आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा उग्र धरना प्रदर्शन आंदोलन करने की रणतिति तैयार की गई।

इस आंदोलन में पुरे गरियाबंद जिले के सभी आदिवासी समाज के पदाधिकारी कार्यकर्ता, ग्रामीण एंव अधिकारी कर्मचारी शामिल होंगे। बैठक में लगभग 06 घंटे तक आगामी 16 जुलाई को गरियाबंद में उग्र प्रदर्शन करने के लिए रणनिति तैयार किया गया जिसमें सभी ग्रामों और पंचायतो से बडी संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल होंगे।
इस दौरान जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक ओंकार शाह ने कहा कि लगातार आदिवासियों के उपर अत्याचार हो रहा है। नेमवार मध्यप्रदेश में नाबालिग आदिवासी बेटियों के साथ सामूहिक बलत्कार व हत्या जैसे हृदय विदारक घटना से पुर देश में आदिवासी समाज के लोग काफी आक्रोशित है। लगातार आदिवासियों के अधिकारियों के साथ हनन किया जा रहा है।

श्री शाह ने कहा कि नेमवार में हुए आदिवासी बालिकाओं के उपर अत्याचार मैनपुर, मैनपुरकला, धवलपुर में हुए आदिवासी ग्रामीण की हत्या अब तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया है। क्षेत्र में आदिवासी जमीनों की फर्जी तरीके से खरीदी बिक्री किया जा रहा है। इन सभी मामलो को लेकर 16 जुलाई दिन शुक्रवार को गरियाबंद जिला मुख्यालय में सभी आदिवासी समाज के द्वारा उग्र धरना प्रदर्शन किया जायेगा। श्री शाह ने आगे कहा कि आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए संगठित होने के साथ साथ अब संघर्ष करने की जरूरत है। इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ आदिवासी नेता जनक ध्रुव ने कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी बालिकाओं के साथ किये गये सामुहिक दुष्कर्म और हत्या जैसे मामले काफी चिंता जनक है और अब तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं करना समझ से परे है। श्री ध्रुव ने कहा कि आदिवासी समाज के आंदोलन में युवाआें को अपनी भागीदारी सुनिश्चिित करने की जरूरत है। जिला पंचायत के सभापति श्रीमती लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज के सभी युवाआें के समाज के हर गतिविधियों में अब सामने आना पडेगा लगातार आदिवासी के मूल अधिकारों और मूल पहचान को खत्म करने की साजिश रचा जा रहा है, अब बस्तर व अन्य क्षेत्रो में कारपोरेट के नाम पर हमारे धार्मिक स्थानो को भी निशाया बनाया जा रहा है जिसे किसी भी हाल में आदिवासी समाज बर्दाश्त नही करेगा।

आदिवासी समाज के बुजूर्ग नेता भोजलाल नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ आदिवासी बाहूल्य राज्य है हम आदिवासियों के धर्म संस्कृति भाषा के संरक्षण और विकास को ध्यान में रखते हुए इस राज्य का गठन किया गया है, लेकिन अब भी आदिवासियों को अपने अधिकारों के लिए लडना पड़ रहा है। श्री नेताम ने काफी ओजष्वीपूर्ण उदबोधन में समाज के लेागो को आह्वान करते हुए कहा कि अब आदिवासी समाज के लेागो को अपने अधिकारों के लिए लडाई लडने की जरूरत है, आज लडाई नही लड़ोगे तो कब लड़ोगे । आदिवासी युवा नेता महेन्द्र नेताम ने कहा कि आज मैनपुर में सभी आदिवासी समाज के द्वारा जो बैठक आयोजित किया गया है जिसमें सभी आदिवासी समाज विशेष पिछडी जनजाति, भुंजिया, कमार , आदिवासी सभी शामिल हुए है और बैठक में यह विशाल उपस्थिति यह बता रहा है कि अब समाज अपने अधिकारों के लिए चुप नहीं बैठेगे। अपने अधिकारों के लिए आदिवासी समाज हर स्तर पर लडाई लडने के लिए तैयार है इस दौरान बैठक को कई आदिवासी नेताआें ने संबोधित किया ।

बैठक में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक ओंकार शाह, जनक ध्रुव, लोकेश्वरी नेताम, महेन्द्र नेताम, भोजलाल नेताम, टीकम नागवंशी, खूदे नेगी, इंदर ध्रुव, नरसिंह ध्रुव, पवन ठाकुर, उमेदी कोमर्रा, जबरसिंह नागेश, वालसिंह सोरी, रोहित नागेश, दीपंचद कोमर्रा, दिनेश शाडिल्य, चरण नागेश, रामकृष्ण ध्रुव, नेयाल सिंह नेताम, सुरेखा नागेश, मंगल ध्रुव, नीरंजन, चित्रसेन नागेश, रमकांत मरकाम, लोकेश्वर नागेश, भागसिंह कोमर्रा, गौकरण नागेश, प्रिति ध्रुव, उमंग सिंह, हेमसिंह नेताम, विजय ध्रुव, जितेन्द्र नेताम, थनेश्वर कुंजाम, संतोष नेताम, ममता मरकाम, सुमित्रा नेताम, हेमलाल नागेश, रूखमणी परदे, निंरजन सिंह, हरदयाल नागेश, केशर नागेश, टिकेश्वर ठाकुर, रूपेश ठाकुर, रामनाथ मरकाम, निरंजन मरकाम, चरण सिंह, मन्नुलाल ठाकुर, गुलाब सिंह, बुधराम मरकाम, गोपी नेताम, हेमराज मांझी, भीमसेन मरकाम, शंकरलाल नागेश सहित सैकडो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन यशवंत सोरी ने किया।

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