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December 25, 2024

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मनरेगा योजना के तहत 10 लाख रूपये की लागत से नदी किनारे तालाब निर्माण, ग्रामीणों ने गरियाबंद कलेक्टर से किया जांच की मांग

  • न्यूज रिपोर्टर, रामकृष्ण ध्रुव
  • शासन के लाखों रूपये बारिश के पानी में बहने की अंदेशा, निर्माण कार्य से पहले संबधित विभाग के अधिकारी क्या कार्यस्थल का निरीक्षण नहीं करते
  • नदी किनारे तालाब निर्माण को लेकर सवालों के घेेरे में जनपद पंचायत मैनपुर

मैनपुर – एक तरफ छत्तीसगढ़ प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो के विकास के लिए करोड़ों रूपये की बजट जारी किया जा रहा है,जिससे गांव में तेजी से विकास कार्य हो सके लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। दुरस्थ वनांचल क्षेत्रो में सरकार के योजनाआें को देखने वाला कोई नहीं है और विभाग के अधिकारी कर्मचारी अपनी मनमर्जी करते हुए गलत मापदंड के तहत बगैर ग्रामीणों के रायसुमारी से कही भी कुछ निर्माण कार्य कर देते है जिसका लाभ ग्रामीणों को मिलना तो दुर शासन के लाखों करोडो रूपये का खुलेआम दुरूपयोग हो रहा है, लेकिन कई मामले सामने आने के बाद भी मामलो में जांच नही होने के कारण संबधित विभाग द्वारा अपने मनमानी पूर्वक रवैये को नहीं बदला जा रहा है। अभी ताजा मामला गरियाबदं जिले के जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत मैनपुरकला से सामने आई है। ज़हां महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत बडी विशाल नदी के किनारे लगभग 10 लाख रूपये की लागत से तालाब का निर्माण किया जा रहा है इसे देखने वाले लोगो के द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह निर्माण कार्य गलत स्थान पर कराया जा रहा है। क्योंकि इस नदी में बारिश के दिनो में भारी बाढ के चलते 50 लाख रूपये के पुल टुट गये, यह तालाब भी बहने का अंदेशा है और इसकी शिकायत ग्रामीणों के द्वारा जनपद पंचायत में करने के बावजूद विभाग के संबधित अधिकारियाें द्वारा मामले की जांच करने के बजाय मनमानी पूर्वक तालाब निर्माण कार्य को करवाये जाने से आने वाले बारिश के दिनो में शासन के 10 लाख रूपये पानी में बहने का अंदेशा है तब इसके लिए कौन जिम्मेदारी होगा यह जिम्मेदारी तय होना चाहिए।

मिली जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 03 किलोमीटर दुर ग्राम पंचायत मैनपुरकला के बडी नदी जंहा तीन वर्ष पूर्व 50 लाख रूपये के पुल नदी में बह गये। और इस नदी में पुरे खेतो का तथा फुलझर बांध का उल्ट पानी जो बाढ के रूप में आता है। वही पर नदी के किनारे में ही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत जनपद पंचायत मैनपुर के द्वारा एक ग्रामीण के निजी भूमि में 10 लाख रूपये का तालाब निर्माण करवाया जा रहा है।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जिस स्थान पर तालाब निर्माण करवाया जार हा है। बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा पानी का दबाव यही से होकर नदी में जाता है। तालाब निर्माण से पहले शासन के कुछ नियमो का पालन करता पड़ता है। जैसे ग्राम पंचायत के द्वारा निर्माण स्थल का मुआयना कर प्रस्ताव नक्शा, खसरा, दिया जाता है, जिसके बाद बकायदा संबधित विभाग के इंजीनियर, अधिकारी मौके पर पहुंचकर कार्यस्थल का निरीक्षण करते हैं और ले आउट देने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाता है। जिस स्थान पर तालाब का निर्माण किया जा रहा है उस स्थान पर क्या विभाग के अधिकारी और इंजीनियरों के द्वारा पूर्व में निरीक्षण किया गया है।

यह सबसे बड़ा सवाल है। यदि निरीक्षण किया जाता तो निश्चित रूप से शासन के भारी भरकम राशि 10 लाख रूपये का तालाब निर्माण उस स्थान पर नही करते जो अनेक सवालो को जन्म देता है। इस संबध में ग्राम मैनपुरकला के कई ग्रामीणों ने चर्चा में बताया कि भले ही निजी भूमि पर तालाब निर्माण किया जा रहा है लेकिन यह नदी से लगा हुआ है और इसमें 10 लाख रूपये का राशि शासन का खर्च हो रहा है और ग्रामीणाें ने बारिश में इस तालाब के बहने का अदेशा जाहिर किया है। साथ ही गरियाबंद जिला के कलेक्टर से तालाब निर्माण स्थल का जांच करवाकर संबधित जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने की मांग की है।

गड़बड़ी ज़हां जरूरत नहीं वहा भी बना दिये पुल पुलिया

जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत निर्माण कार्यो में गडबडी का यह पहला मामला नही है इसके पहले भी ज़हां पर जरूरत नहीं है। वहां विभाग द्वारा पुल पुलिया का निर्माण किया गया है, जिसकी शिकायत किये जाने के बावजूद आज तक संबधित कार्य की जांच नही किया गया है। मैनपुर से तीन किलोमीटर दुर ग्राम भाठीगढ में एक ग्रामीण के घर के सामने ज़हां नदी नहीं है और नाला भी नहीं है। उस स्थान पर लाखों रूपये की लागत से महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत इसी वर्ष पुलिया निर्माण किया गया है। यह मामला जब मिडिया के माध्यम से सामने आया तो विभाग के अधिकारियों ने आनन फानन में जांच कमेटी बनाई लेकिन अब तक मामले की जांच नही होने से और संबधित पर कार्यवाही नहीं किये जाने से विभाग के द्वारा शासन के पैसों का खुले आम निर्माण कार्य के नाम पर जंहा तंहा खर्च किया जा रहा है जिसकी निष्पक्ष जांच होना चाहिए और संबधित पर कार्यवाही होना चाहिए।

क्या कहते है अधिकारी

इस सबंध में मनरेगा परियोजना अधिकारी रमेश कंवर ने चर्चा में बताया कि निर्माण कार्य से पहले स्थल निरीक्षण कर ले आउट दिया जाता है तब निर्माण कार्य प्रारंभ होता है। उन्होंने बताया कि नदी के किनारे यदि तालाब निर्माण किया जा रहा है, तो यह गलत है यह तालाब 08 लाख रूपये कि लागत से निर्माण किया जा रहा है। श्री कंवर ने आगे बताया कि मेरी तबियत अभी खराब है दो दिन बाद मै स्वयं तालाब स्थल का निरीक्षण करने जाऊंगा, यदि गलत स्थल पर तालाब निर्माण कार्य किया जा रहा होगा तो इसकी जिम्मेदारी तय होगी।

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