चलती ट्रेनों में सामग्री बेचने वाले वैंडर्स ने रोजगार उपलब्ध कराने लगाई गुहार
1 min read
ध्यान न देने पर सामूहिक आत्मदाह की दी चेतावनी
केसिंगा । वर्षों से चलती ट्रेनों में यात्रियों को उनकी जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करा अपनी आजीविका चलाने वाले वैंडर्स ने कभी सोचा भी न था कि यूँ एकाएक उनसे उनकी रोजी-रोटी छिन जायेगी और उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने विवश होना पड़ेगा । जी हाँ, रेलवे द्वारा कोई दो माह पूर्व वैंडर्स पर रोक लगाये जाने के बाद क्षेत्र के भी कोई डेढ़ सौ लोगों पर उसका असर पड़ा है और काम न मिलने के कारण उन्हें खाने के लाले पड़ गये हैं । इस बारे में उन्होंने रेलवे के आला अधिकारियों से गुहार भी लगाई है, परन्तु नतीजा शून्य रहा ।
इस परिप्रेक्ष्य में गत दिवस स्थानीय जगन्नाथ मन्दिर परिसर में तमाम वैंडर्स द्वारा एकत्र हो बुध्दिजीवियों के समक्ष अपनी बात रखी गयी, जिसमें कहा गया कि रेलवे ने उनके भविष्य की चिन्ता अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था किये बिना आनन-फानन में प्रतिबंध लागू कर दिया, जिसके चलते उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है । इसके साथ ही रेल विभाग द्वारा पर्याप्त मात्रा में जरूरत की चीजें मुहैया न करा सकने के कारण यात्रियों को भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । वैंडर्स के मुताबिक़ तमाम नियम-क़ानून अपनी जगह, परन्तु उदर-पोषण के लिये रोजगार जरूरी है, जिसे रेलवे द्वारा उन्हें अविलंब उपलब्ध कराया जाना चाहिये, फिर चाहे रेलवे के कुछ नियम या शर्ते भी हों, हम मानने को तैयार हैं । रेलवे द्वारा कोई कदम न उठाये जाने की स्थिति में उनके पास केवल एक ही विकल्प बचता है कि वह अपना प्राणोत्सर्ग करें, जो कि वह करेंगे ।